Super Cracker Series NTA CUET (UG) Bhugol (CUET Geography in Hindi 2022)
Author:
Team PrabhatPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Academics-and-references0 Reviews
Price: ₹ 132
₹
165
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789354883552
Pages: 196
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Lokbharti Rajbhasha Shabd Kosh (English-Hindi)
- Author Name:
Hardev Bahari
- Book Type:

-
Description:
l Comprehensive vocabulary of various subjects concerning Central and State Governments.
l Profuse and exact meanings of all vocables generally approved by the Scientific and Technical Terminology Commission and also by some Government agencies.
l Meanings of polysemantic words have been numbered.
l Prefixes and Suffixes with examples have been given in the body of the Dictionary.
This Dictionary apart from being an English-Hindi Dictionary would serve as an English-English-Hindi Dictionary also as it gives meanings of the words and their usages in English in most cases.
This Dictionary is useful for those engaged in Government offices and for those who have to deal with any Government agencies.
Sakshatkar : Kaise Hon Taiyar
- Author Name:
Shahroz
- Book Type:

- Description: फ़्रायड ने कहा है कि जब किरण फूटती है तो सवेरा होता है। वही महत्त्व संवाद का भी है कि जब कोई व्यक्ति बोलता है तो वह खुलता है। साक्षात्कार दरअसल नियोक्ता द्वारा उम्मीदवार को खोलने का ही प्रयास है जिससे वह पता लगाता है कि उम्मीदवार उनके संस्थान के लिए कितना समर्थ और योग्य है। यह पुस्तक साक्षात्कार की तकनीक पर केन्द्रित है, लेकिन इसका मूल स्वर आपके आत्मविश्वास को बढ़ाना है। साक्षात्कार के दौरान क्या कहना है, इसकी तैयारी महत्त्वपूर्ण है, लेकिन कैसे कहना है, यह उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण है। यह पुस्तक युवा साथियों के सामने आनेवाली ऐसी कई दिक़्क़तों का हल बताती है। याद रखें—सफलता उन्हीं को मिलती है जिन्हें अपना लक्ष्य और उस तक पहुँचने का सही रास्ता मालूम होता है। इस रास्ते को सफलतापूर्वक तय कर लेना, बहुत बड़ा रहस्य या तिलिस्म नहीं है। अच्छी क्षमता होने के बावजूद अक्सर कुछ लोगों के क़दम डगमगा जाते हैं। इस पुस्तक का ध्येय यही है कि आप बिलकुल न डगमगाएँ।
Vastunisth Computer Jagrukta (Objective Computer Awareness Hindi) for SSC, Railways, NDA, CDS, B.Ed., CUET, Police & other Competitive Exam
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
NTA UGC NET/JRF/SET Sociology 28 Solved Papers (2012-2021) & 10 Practice Sets
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kale Pani Ki Kalank Katha
- Author Name:
Shri S.K. Narang
- Book Type:

- Description: This book doesn’t have description
Shabdeshwari
- Author Name:
Kusum Kumar +1
- Book Type:

-
Description:
दर्शन और चिंतन के क्षेत्र में भारत ने, विशेषकर सनातन धर्म ने, विश्व को एक विशद शब्दावली दी है। अमूर्त धारणाओं के मनन के लिए मूर्त प्रतीक और शब्द दिए है। उस दार्शनिक शब्दावली और बिंब विधान की बराबरी संसार की कोई अन्य संस्कृति शायद ही कर पाए...देवीदेवताओं के अनेक नाम अमूर्त धारणाओं के प्रतीक हैं। कई बार इन नामों में छिपा होता है एक पूरा दार्शनिक, सांस्कृतिक और सामाजिक, राजनीतिक इतिहास। कई बार इन में आयुर्वेद, ज्योतिष, गणित, व्याकरण और पिंगल शास्त्रों के प्रतिबिंब मिलते हैं। इन में होती हैं जन साधारण की आकांक्षाएँ, भावनाएँ, मान्यताएँ, विश्वज्ञान की उन की समझ...सूर्य, कुंती, कर्ण और व्यास के नामों में कोई ज्यामितीय संदर्भ है या धूपघड़ी का प्रतीक? अनजुती भूमि की प्रतीक अहल्या का उद्धार और जुती भूमि की प्रतीक सीता का स्वयंवर एक ही सिक्के के दो पहलू हैं क्या?
पौराणिक नामों के आग्रहहीन भाषाशास्त्रीय अध्ययन से हम बहुत कुछ जान सकते हैं।
हमारे सांस्कृतिक इतिहास के अध्ययन में नामों के भाषाशास्त्रीय अध्ययन को नणण्य स्थान मिलता रहा है। इस का एक कारण है ऐसे नामों के आधुनिक संकलनों का अभाव। शब्देश्वरी के द्वारा अरविंद कुमार दंपती ने इस कमी को दूर करने का प्रयास किया है।
एक ओर यह संकलन साधारण विश्वासी जन, पंडितों और पुजारियों के लिए रोचक होगा, तो दूसरी ओर सांस्कृतिक शोध में लगे विद्वान भी इसे उपयोगी पाएँगे...
Grihdah
- Author Name:
Sarat Chandra Chattopadhyay
- Book Type:

- Description: महिम का परम मित्र था सुरेश। एक साथ एम.ए. पास करने के बाद सुरेश जाकर मेडिकल-कॉलेज में दाखिल हुआ; लेकिन महिम अपने पुराने सिटी-कॉलेज में ही रह गया। सुरेश ने रूठे हुए सा कहा, महिम, मैं बार-बार कह रहा हूँ--बी.ए., एम.ए. पास करने से कोई लाभ न होगा। अब भी समय है, तुम्हें भी मेडिकल-कॉलेज में भरती हो जाना चाहिए। महिम ने हँसते हुए कहा, 'हो तो जाना चाहिए; लेकिन खर्च के बारे में भी तो सोचना चाहिए! खर्च भी ऐसा क्या है कि तुम नहीं दे सकते ? फिर तुम्हारी छात्रवृत्ति भी तो है। महिम हँसकर चुप रह गया।
Pakshdroha
- Author Name:
Pradeep Pandey
- Book Type:

- Description: ‘पक्षद्र्रोह’ प्रजातांत्रिक शासन-व्यवस्था के बीच नौकरशाही एवं सामाजिक राजनैतिक क्षेत्र में गहरी जडे़ं जमा चुके भ्रष्टाचार से उत्पन्न संत्रास पर आधारित विचार-प्रधान कथा है, जिसमें युवा वर्ग के सपने और उनकी संवेदनाओं को छलते पाखंड, भ्रष्ट तंत्र व समाज पर कठोर प्रहार करता है। ‘पक्षद्रोह’ का नायक विक्रम युवा है, जो मध्यम वर्ग के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद है। वह मनचाही चल रही ढर्रे कि व्यवस्था में भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने कि कोशिश करता है। जहाँ एक ओर सुविधाभोगी शिष्ट समाज में भ्रष्टाचार समाज का एक अभिन्न अंग माना जाता है, वहीं दूसरी ओर युवावस्था की नई कोंपलों के मनोमस्तिष्क पर होते गहरे आघात को स्पष्टतः कहानी में देखा जा सकता है। इस पुस्तक में उसकी ईमानदारी, निर्भीकता, राष्ट्र-परायणता और युवा-मन में उपजे प्रेम के प्रति सादगीपूर्ण संवेदनशीलता का जीता-जागता चित्र उपस्थित किया गया है। ‘पक्षद्रोह’ में बहुत सी बातें ऐसी हैं, जिनमें व्यंग्य, विरोध, कसक, वेदना, त्याग, अनुभव, आदर्श, देश और समाज को देने की आतुरता प्रत्यक्ष परिलक्षित होती है। उपन्यास अपने प्रत्येक भाग में जहाँ समाज की विसंगतियों पर सोचने के लिए मजबूर करता है, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार में लिप्त समाज के लिए संदेश भी देता है। —प्रदीप पांडेय, सोशल थिंकर एवं मोटिवेशनल स्पीकर
Madhya Pradesh MP Patwari Sanyukt Bharti Pareeksha Samooh-2 (Group-2 Subgroup-4) 20 Practice Sets in Hindi
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dharmantaran Ambedkar Ki Dhamma Yatra
- Author Name:
DR. B.R. Ambedkar
- Book Type:

- Description: ‘धर्मान्तरण’ जाति व्यवस्था, बौद्ध धर्म के मूल्यों और लिंग के प्रश्न से सम्बन्धित मुद्दों पर एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण पुस्तक है। रतन लाल द्वारा शानदार ढंग से सम्पादित यह पुस्तक समानता और सामाजिक न्याय की दिशा में सामाजिक परिवर्तन के मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध सभी लोगों के लिए आवश्यक है। —प्रो. राम पुनियानी भारत में सदियों से धर्मान्तरण होता रहा है। सर्वाधिक धर्मान्तरण द्विजों ने किया है। लेकिन विवाद का विषय बीसवीं सदी में दलितों का धर्मान्तरण बना, क्योंकि डॉ. आंबेडकर ने अस्पृश्यता से ग्रस्त दलित जातियों को अपनी मुक्ति के लिए हिन्दू धर्म छोड़ने का आह्वान किया था। डॉ. रतन लाल ने इस सम्पूर्ण बहस को इस पुस्तक में एक साथ रखकर साहित्य और इतिहास के विद्यार्थियों के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। —कँवल भारती बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों और रणनीति में धर्मान्तरण का अहम स्थान है। आज जब हम हिन्दू राष्ट्र बनने की दहलीज पर खड़े है, तो इन विचारों और रणनीतियों को इस सन्दर्भ में देखा जा सकता है। रतन लाल ने बाबा साहेब के विशाल लेखों और भाषणों के 15000 पन्नों में बिखरे उनके धर्मान्तरण सम्बन्धित विचारों को, बड़ी मेहनत से किताब में संकलित किया है। मुझे यकीन है कि हिन्दी पाठक इसे कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार करेंगे। —आनन्द तेलतुम्बड़े धर्मान्तरण पर बाबासाहेब आंबेडकर के लेखन और भाषणों का यह विस्तृत चयन इस विषय पर उनके विचारों की स्पष्ट तस्वीर देता है। रतन लाल ने विस्तृत भूमिका लिखी है, जो धर्मान्तरण के सम्बन्ध में बाबासाहेब के दृष्टिकोण को समझने के लिए ऐतिहासिक रूपरेखा प्रदान करती है। —अशोक गोपाल रतन लाल द्वारा सम्पादित इस किताब से हमें मालूम होता है कि आधुनिक चिन्तक डॉ. भीमराव आंबेडकर का धर्म जैसे पारम्परिक विचार और व्यवहार के साथ किस प्रकार का रिश्ता रहा। क्यों उन्हें धर्म अनिवार्य जान पड़ा और वे क्यों बौद्ध मत की तरफ़ ही मुड़े? इस किताब की भूमिका को अनिवार्य रूप से पढ़ा जाना चाहिए क्योंकि वह बौद्धिक तटस्थता के साथ धर्म के प्रसंग में डॉक्टर आंबेडकर के भीतर के द्वन्द्वों की पड़ताल करती है। —प्रो. अपूर्वानंद
UP TGT Grah Vigyan 14 Practice Sets in Hindi Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Sewa Chayan Board (UPSESSB TGT Home Science Practice Book in Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
JANAKA AUR ASHTAVAKRA
- Author Name:
Ashraf Karayath
- Book Type:

- Description: ऋषि अष्टावक्र और उनके शिष्य, राजा जनक की कहानी बेहद रोचक प्रसंगों में से एक होकर भी ऐसी है जिसे कम ही लोग जानते हैं। अष्टावक्र नाम का एक बालक राजा जनक के दरबार में राज्य के सबसे विद्वान् ऋषि-मुनियों से शास्त्रार्थ के लिए जाता है लेकिन राजा के दरबारी उसके विकृत शरीर के कारण उसका उपहास करते हैं। वह बालक जब शास्त्रार्थ में विजयी होता है तब जनक को अनुभव होता है कि उस बालक में असाधारण बुद्धिमत्ता है और वह उसके शिष्य बन जाते हैं। जनक पर जहाँ अपनी आध्यात्मिक मुक्ति की धुन सवार है, वहीं राजमहल की रहस्यमयी दुनिया में एक षड्यंत्रकारी योजना स्वरूप लेती है। देखते-ही-देखते मिथिला पर युद्ध के बादल मँडराने लगते हैं, फिर भी जनक उसकी परवाह किए बिना उस बाल ऋषि के सान्निध्य में अधिक-से-अधिक समय बिताते हैं। भले ही सभी को द्वार पर संकट खड़ा दिखता है, लेकिन जनक आध्यात्मिक ज्ञान-प्राप्ति के पथ को नहीं छोड़ते। अंततः अष्टावक्र के मार्गदर्शन में राजा एक ऐसे संसार में प्रवेश करते हैं जहाँ उनके और उनके राज्य के लिए वास्तविकता बदल जाती है। यह उपन्यास प्राचीन भारतीय आध्यात्मिक ज्ञान और दर्शन पर आधारित है, लेकिन इसमें मुक्ति, ज्ञान-प्राप्ति और चेतना की अवधारणाओं के साथ जीवन की वास्तविकताओं की नई विवेचना है। अन्य बातों के साथ ही यह इस प्रश्न का उत्तर देती है—क्या जो कुछ हम देखते हैं, सब सच में माया है? यह रोचक कहानी आधुनिक युग के पाठकों के अस्तित्व से जुड़े प्रश्नों पर प्रकाश डालती है, जिसके कारण वे राजा और उनके संघर्षों में स्वयं को देखते हैं।
Vaishwik Prem Kahaniyan
- Author Name:
Sudha Om Dhingra
- Book Type:

- Description: Book
Hindu-Darshan
- Author Name:
Dr. S. Radhakrishnan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Zindagi XXL
- Author Name:
Abhishek Manoharchanda
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Seva Chayan Board Pravakta (PGT) Chayan Pareeksha, Arthashastra 14 Practice Sets in Hindi (UPSESSB PGT Economics Book Hindi )
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindi Aalochana Ki Paaribhashik Shabdavali
- Author Name:
Amarnath
- Book Type:

-
Description:
आधुनिक हिन्दी आलोचना की आयु भले ही सौ-सवा सौ वर्ष हो किन्तु उसने इतनी तेज़ी से डग भरे कि इस अल्प अवधि में ही दुनिया की किसी भी दूसरी समृद्ध भाषा से होड़ लेने में सक्षम है।
आज हिन्दी आलोचना में जो पारिभाषिक शब्द प्रचलित हैं, उनके मुख्यतः तीन स्रोत हैं। उनमें सबसे प्रमुख स्रोत हमारा संस्कृत काव्यशास्त्र है, जिसकी समृद्धि तद्युगीन विश्वसाहित्य में अतुलनीय है। हिन्दी आलोचना की समृद्धि के पीछे उसकी अपनी यही विरासत है। दूसरा स्रोत यूरोप का साहित्यशास्त्र है, जिससे हमारे लगभग साढ़े तीन सौ वर्ष से सम्बन्ध हैं। पिछले कुछ दशकों में उदारीकरण और भूमंडलीकरण के चलते यूरोप से अनेक नए पारिभाषिक शब्द हिन्दी में आए हैं, जिन्हें हिन्दी ने पूरी उदारता से ग्रहण किया है। इसी के साथ हिन्दी आलोचना ने अनेक शब्द स्वयं भी विकसित किए हैं।
इस समृद्धि के बावजूद हिन्दी आलोचना में प्रचलित बहुतेरे पारिभाषिक शब्दों की अवधारणा को रेखांकित करनेवाली पुस्तक की कमी लगातार महसूस की जा रही थी। समकालीन हिन्दी आलोचना की इस अनिवार्य आवश्यकता को पूरी करनेवाली यह अकेली पुस्तक है—हिन्दी साहित्य के सुधी अध्येताओं के लिए अनिवार्यतः संग्रहणीय।
Quadi Number 0486 (Hindi Translation of Item Girl)
- Author Name:
Richa Lakhera
- Book Type:

- Description: सुनहरी और सुहाना, दो जुड़वाँ बहनें, जिनका बचपन बेहद भयानक रहा है, दर्द और धोखे के भँवर में फँस जाती हैं, जब बॉलीवुड की मशहूर आइटम गर्ल सुनहरी पर उसके शातिर चाचा की हत्या का आरोप लगता है और उसे जेल भेज दिया जाता है। सुहाना, जो फिल्मकार बनाने की राह पर है, अपनी बहन को हर हाल में न्याय दिलाना चाहती है, लेकिन उसकी टक्कर अपनी सौतेली माँ काला से होती है, जिसने अपनी ही शैतानी साजिशें रची हैं। और जब तीन और चालबाज आइटम गर्ल्स—नर्गिस, डिजिटल डॉली और डेजी को सुनहरे केस में चश्मदीद बनाया जाता है तो मामला और भी उलझ जाता है। खौफनाक बलात्कार, एक बेरहम ब्लैमेलर, एक जालिम बॉयफ्रेंड, कुछ ज्यादा ही जाननेवाला एक सनकी पत्रकार और एक घाघ पुलिसवाले के घालमेल से बना मन को झकझोर देनेवाला वह मनोवैज्ञानिक थ्रिलर, जो आपको आखिर तक अपने चंगुल से निकलने नहीं देगा। शो बिजनेस के स्याह पहलू पर एक जबरदस्त, मनोरंजक कहानी ‘आइटम गर्ल’ पल भर के लिए भी सुस्त नहीं पड़ती। ‘विचित्र किरदारों से भरी परेशान कर देनेवाली दुनिया। यह ‘आइटम गर्ल’ महज एक आइटम नहीं है। यह फीचर फिल्म का दम रखती है।’ —हंसल मेहता बॉलीवुड पर अपनी दूसरी किताब में ऋचा लखेड़ा ग्लैमर की मोहक दुनिया की अँधेरी गलियों की पड़ताल करती हैं। —इरफान खान
Pocket English Hindi Dictionary
- Author Name:
Dwarka Prasad
- Book Type:

- Description: आज अंग्रेज़ी का प्रचार-प्रसार पहले से भी अधिक होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक हो गया है कि आप कम-से-कम इतनी अंग्रेज़ी तो जानें ही कि अपने काम अंग्रेज़ी में भी चला सकें। अब तो स्कूलों की प्राइमरी कक्षाओं तक में अंग्रेज़ी का प्रचलन होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में आपको एक ऐसे कोश की आवश्यकता पड़ती ही है जिसके माध्यम से आप अपने अन्दर हिन्दी में उठते विचारों को अंग्रेज़ी में भी प्रकट कर सकें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस कोश में प्रयास किया गया है कि आज की प्रचलित हिन्दी का अगर आपको अंग्रेज़ी में अनुवाद करना हो तो आप आसानी से अपना मनचाहा अंग्रेज़ी शब्द इसमें पा जाएँ। अगर आप अहिन्दी भाषी हों और अंग्रेज़ी से अधिक परिचित हों तो हिन्दी पढ़ते हुए अगर कहीं कठिनाई हो तो इस कोश में आपको अपना वांछित अंग्रेज़ी अर्थ आसानी से मिल जाएगा। शब्दों के चुनाव में हमने इस बात का भी ध्यान रखा है कि यह स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों के अलावा लेखकों, पत्रकारों, शिक्षकों, दफ़्तरों आदि के लिए भी उपयोगी हो।
Persian Hindi Dictionary : Vols. 1-2
- Author Name:
Chandrashekhar
- Book Type:

- Description: फ़ारसी भाषा, हिन्दी की ही तरह, भारतीय आर्य भाषा उपकुल का एक भाग है। ईरान एवं भारत, दोनों कृषि–प्रधान देश रहे हैं। दोनों की संस्कृतियों में अनेक समानताएँ आज भी विद्यमान हैं। मुग़ल–पूर्व, मुग़ल और मुग़लोत्तर शासन के दौरान हिन्दुस्तान में फ़ारसी भाषा का प्रसार एवं प्रचार अपनी चरम सीमा पर था। कबीरदास, सूरदास, मलिक मुहम्मद जायसी जैसे हिन्दी के कालजयी महान कवियों ने फ़ारसी भाषा के अनेक शब्दों को अपनी भावाभिव्यक्ति का साधन बनाया और उनका रचनात्मक प्रयोग किया। इस प्रकार कहा जा सकता है कि फ़ारसी ने हिन्दी साहित्य की रचनाधर्मिता पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। फ़ारसी के अनेक शब्द ऐसे भी हैं, जिनका चलन आज ईरान में लगभग समाप्त हो चला है, लेकिन हिन्दी में वे अब भी जीवित हैं और साहित्य में ही नहीं, आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग किए जा रहे हैं। फ़ारसी के अनेक मुहावरे अनूदित होकर हिन्दी की निधि बन चुके हैं। प्रस्तुत ‘फ़ारसी–हिन्दी शब्दकोश’ हज़ारों वर्षों में फैले भारत–ईरान के सांस्कृतिक सम्बन्धों को रेखांकित करनेवाला प्रथम शब्दकोश है। विभिन्न विषयों एवं अलग–अलग परिप्रेक्ष्यों से सम्बन्धित लगभग 25,000 शब्द–प्रविष्टियों से सम्पन्न यह शब्दकोश, जिसमें पुरातन और नवीन दोनों प्रकार की अर्थ–परम्पराओं का समावेश है, प्राचीन और अर्वाचीन शब्दों का सुन्दर मिश्रण है। आशा है, यह शब्दकोश विभिन्न प्रकार के अध्ययनकर्ताओं तथा सामान्य पाठकों के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगा।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...