Bhojpuri-Hindi-English Shabdkosh

Bhojpuri-Hindi-English Shabdkosh

Authors(s):

Arunesh Neeren

Language:

Hindi

Pages:

600

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

1200 mins

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Book Description

हिन्‍दी भाषा पर विचार करते समय हम उसकी सहभाषाओं के अवदान को नहीं भुला सकते, क्योंकि हिन्‍दी की असली शक्ति उसकी तद्भव सम्‍पदा में है। इन तद्भवों का एक बड़ा स्रोत उसकी सहभाषाएँ और बोलियाँ हैं। इन जनपदीय भाषाओं में रचे साहित्य ने भक्ति आन्‍दोलन और देश के स्वतंत्रता-संग्राम में विशेष योगदान किया था।</p> <p>यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि तुलसी, कबीर, सूर, रैदास, मीरा जैसी विभूतियों को लेकर ही हिन्‍दी ‘हिन्‍दी’ है। ये सभी महान रचनाकार अपनी रचनाएँ हिन्‍दी की सहभाषाओं अवधी, ब्रज, भोजपुरी और राजस्थानी में रच रहे थे। इस तथ्य की सार्थकता हेतु जनपदीय भाषाओं के शब्दकोशों की आवश्यकता स्वयंसिद्ध है।</p> <p>औपचारिक भाषा के रूप में आज खड़ी बोली हिन्‍दी ही अधिक प्रचलित हो रही है, इसलिए जनपदीय भाषाएँ अतिरिक्त ध्यान की अपेक्षा करती हैं। आज नगरीकरण और वैश्वीकरण से सब कुछ एकसार हुआ जा रहा है और भाषाओं की विविधता पर ख़तरा मँडराने लगा है। ऐसे में हिन्‍दी भाषा का दायित्व बढ़ जाता है।</p> <p>भोजपुरी भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार क्षेत्र में प्रचलित एक जीवन्‍त भाषा है। साथ ही मारीशस, सूरीनाम, त्रिनिदाद, गुयाना, फ़‍िजी आदि देशों में भारतवंशियों के बीच भी भोजपुरी का प्रयोग प्रचलित है। इस तरह भोजपुरी हिन्‍दी के अन्‍तरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य का एक विशेष हिस्सा है जिसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती।</p> <p>भोजपुरी की वैश्विक भूमिका, लोकप्रियता, हिन्‍दी के बढ़ते अन्‍तरराष्ट्रीय महत्त्व तथा अंग्रेज़ी की सार्वदेशिक उपस्थिति के परिप्रेक्ष्य में यह त्रिभाषी 'भोजपुरी-हिन्‍दी-अंग्रेज़ी शब्दकोश’ निश्चित रूप से कोशकला का एक अनुपम प्रमाण सिद्ध होगा। विस्मृति के गर्भ में चले गए शब्दों को पुनर्जीवित करने का प्रयत्न यहाँ नहीं किया गया है और फूहड़, एकांगी और विवादास्पद शब्दों से परहेज़ करके कोश को भारी-भरकम और बोझिल होने से बचाया गया है।</p> <p>आशा है पाठकों को यह शब्दकोश उपयोगी लगेगा।

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