Swadheen Bharat Ka Hindi Sahitya Part 2
Author:
Vishwanath Prasad TiwariPublisher:
Sahitya AkademiLanguage:
EnglishCategory:
Academics-and-references0 Reviews
Price: ₹ 373.5
₹
450
Available
स्वाधीन भारत का हिंदी साहित्य शीर्षक ग्रंथ, जिसका आलोच्य काल 1947-2010 है, हिंदी साहित्य की विविध प्रवृत्तियों और विधाओं का ऐतिहासिक तथा विश्लेषणात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है। यह एक ऐसा साहित्येतिहास ग्रंथ है जिसमें कोशिश की गई है कि उल्लेख्य योग्य सभी लेखकों एवं उनकी कृतियों का उल्लेख हो तथा महत्त्व के अनुसार उन लेखकों-कृतियों पर छोटी-बड़ी मूल्यांकपरक टिप्पणियाँ रहें। किसी प्रकार की व्यक्तिगत या विचारधारात्मक गुटबंदी से मुक्त होकर साहित्य का एक व्यापक समावेशी चित्र सामने आए, जो पाठकों, छात्रों और शोध-अध्येताओं के लिए उपयोगी हो।
ISBN: 9789355485311
Pages: 449
Avg Reading Time: 15 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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विचारधारा का पक्ष चुना है लेकिन उनकी विचारधारा किसी गिरोहबन्दी से जन्म नहीं लेती। राजस्थान में सक्रिय रहे प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ और जन संस्कृति मंच के साथ उनका संवाद रहा। वे लघु पत्रिकाओं के लिए लिखते रहे और उन्हें पढ़कर एक सजग पाठक के रूप में अपनी प्रतिक्रिया भी देते रहे। उनके संस्मरण प्राय: राजस्थान के साहित्य से जुड़े उन लोगों पर होते थे जिनके अवदान से नई पीढ़ी अनभिज्ञ है। जिनमें पंडित गिरिधर शर्मा नवरत्न, हाड़ौती के कवि भैरूलाल कालाबादल, कवि प्रकाश आतुर के साथ-साथ जैनेन्द्र, श्यामाचरण दुबे, शिवमंगल सिंह सुमन, अश्क दम्पती, यशपाल, देवीलाल सामर, आलम शाह खान, युगलकिशोर चतुर्वेदी, कवि चित्रकार रामगोपाल विजयवर्गीय, भागीरथ भार्गव, कल्याणमल लोढ़ा और क़मर मेवाड़ी जैसे लेखक-साहित्यकार शामिल हैं। नंद बाबू राजस्थान में समाजवादी आन्दोलन के जमीनी सिपाहियों में रहे हैं। अपने साथियों पर लिखते हुए सम्बन्धों की ऊष्मा की आँच नंद बाबू पाठकों तक पहुँचाते हैं। हीरालाल जैन और नरेंद्रपाल सिंह जैसे अपने स्थानीय साथियों के अलावा देश में समाजवादी आन्दोलन के अगुआ रहे जयप्रकाश नारायण और डॉ. राममनोहर लोहिया पर भी उन्होंने लिखा। उनकी डायरी और अपने पत्रों में वे अपने निजी दायरे सार्वजनिक करते हैं। दो-टूक टिप्पणियाँ और निर्भीक कथन। इनमें बहुधा आत्मीयता का रस भी है तो बेहद निजी निराशाएँ भी। कथेतर की विभिन्न विधाओं में संकलित इस खंड में नंद चतुर्वेदी की रचनाशीलता के अनेक रूप विद्यमान हैं जो कवि के व्यापक दाय का प्रमाण बन गए हैं। ‘नंद चतुर्वेदी रचनावली’ के चौथे और अन्तिम खंड में मुख्यत: कवि का अनुवाद कर्म है। नंद बाबू ने कविता और गद्य दोनों का अनुवाद किया। माना जाता है कि काव्यानुवाद बहुत मुश्किल साहित्य कर्म है क्योंकि अनुवादक ऐसा ही व्यक्ति होना चाहिए जो दोनों भाषाओं को ठीक से जानता हो। नंद बाबू ने साहित्यिक पत्रिकाओं के आग्रह पर काव्यानुवाद किये। ये काव्यानुवाद बहुत पुरानी प्राकृत की कविताओं के थे जो हाल कवि की गाथा सप्तशती से अंग्रेजी के रास्ते आए थे। ठीक इसी तरह कुछ संथाली कविताओं का अनुवाद भी उन्होंने किया जिन्हें अंग्रेजी में कवि सीताकांत महापात्र ने प्रस्तुत किया था। इन दोनों काव्यानुवादों में नंद बाबू की अपनी मेधा दिखाई देती है जो इन कविताओं की मूल संवदेना तक पाठकों को पहुँचाने में समर्थ है। इससे पहले उन्होंने अपनी पत्रिका बिंदु और उस दौर की अनेक पत्रिकाओं के लिए साहित्य शास्त्र तथा साहित्य के अन्य प्रासंगिक विषयों पर लिखे प्रसिद्ध अंग्रेजी निबंधों का अनुवाद भी किया। इस खंड में नंद बाबू द्वारा अनुवादित दो सम्पूर्ण कृतियाँ भी पढ़ी जा सकती हैं। ए. अप्पादुराई की एक अत्यन्त विचारोत्तेजक और महत्त्वपूर्ण किताब को उन्होंने अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद के लिए चुना। लगभग सवा दो सौ पृष्ठों की इस किताब का नाम था ‘भारतीय राजनीतिक चिन्तन’ जिसका अनुवाद नंद बाबू ने रघुवर दयाल के साथ मिलकर किया। 1990 में आई इस पुस्तक की गम्भीर सामग्री को जिस सहज और प्रभावी हिन्दी में नंद बाबू ने अनुवादित किया वह उनकी अद्भुत भाषिक क्षमता का उदाहरण है। दूसरी पुस्तक ‘दहेज पीड़ित महिलाएँ : एक अध्ययन’ लेखिका रंजना कुमारी की है जो भारत में महिला आन्दोलन में अग्रणी रही हैं। मुजफ्फरपुर, बिहार से 1991 में छपी इस छोटी-सी किताब में उस दौर की दहेज समस्या का गम्भीरता से अध्ययन किया गया था। ये दोनों पुस्तकें हिन्दी अनुवाद के बाद और चर्चित हो गईं। अपने जीवन के उत्तरार्ध में भी वे अनुवाद करते रहे। कभी कला प्रयोजन के सम्पादक हेमन्त शेष के आग्रह पर तो कभी और किसी पत्रिका के कहने पर। असल बात यही है कि साहित्य में जिस जीवन दृष्टि के लिए नंद बाबू संकल्पवान थे उसे बनाए रखने और गति देने के लिए अनुवाद भी एक जरूरी रास्ता लगता था।
NDA/NA National Defence Academy & Naval Academy Entrance Examination Guide
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Team Prabhat
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