Khud Ko Motivate Karen
Author:
Ravindra Nath Prasad SinghPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Self-help0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
हर व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है और वह सफल हो भी सकता है । सफलता का बीज आपकी सोच में छुपा होता है। अगर आप सोचते हैं कि मैं सफल होकर रहूँगा, मैं दूसरों से बेहतर करके दिखाऊँगा, गरीबी से बाहर निकलकर रहूँगा तो आपके अंदर अतिरिक्त ऊर्जा एवं उत्साह का संचार होता है, जो उत्प्ररक काकार्य करता है। यह प्रेरणा आपकी सोचको मूर्त रूप में बदलने हेतु इच्छाशक्ति एवंआत्म-विश्वास को जाग्रत करती है । नतीजा आप सफलता की राह पर चल पढ़ते हैं । इस अध्याय में सफलता क्या है और सफलता प्राप्ति के लिए लक्ष्य का निर्धारण कैसे करें? लक्ष्य निर्धारित करते समय किन-किन बिंदुओं पर ध्यान दें? सफलता की राह में क्या रुकावटें आती हैं और उन रुकावटों को हम कैसे दूर करें ? इसके लिए क्या करने की जरूरत है आदि बातों की विस्तृत चर्चा की गई है। जिसे पढ़कर और आत्मसात कर कोई भी व्यक्ति सफल हो सकता है। पूर्ण विश्वास है कि आप इस पुस्तक को पूरे मनोयोग से पढ़ें और उसकी मीमांसा करें। उद्धृत बातें, उल्लेखित उदाहरण आपके अंदर उत्प्ररेक का कार्य करेंगे। आपके मनोबल को बढ़ाने में सहायक होगें। आप गरीबी, समस्या एवं असफलता की बात भूलकर स्व के अंदर छुपी शक्तियों को बाहर निकालने में सफल होंगे तथा आप जिस क्षेत्र में इतिहास रचना चाहते हैं, उसमें सफल होंगे।
ISBN: 9789355215291
Pages: 224
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Acres Of Diamonds
- Author Name:
Russell H. Conwell
- Book Type:

- Description: स्टीवर्ट यह नहीं जानते थे कि लोगों को किस चीज़ जरूरत थी, इसलिए उन्होंने ग़लत चीजें खरीद लीं, जो उनके पास बेकार पड़ी रहीं। लेकिन स्टीवर्ट ने इस घटना से अपने व्यावसायिक जीवन का सबसे महान सबक सीख लिया और कहा, "मैं भविष्य में कोई चीज़ तब तक नहीं खरीदूंगा, जब तक कि मैं यह व जान लूँ कि लोगों की जरूरत किस चीज की है। इसके बाद ही मैं अपना माल खरीदूँगा।" वे घर-घर जाकर लोगों से पूछने लगे कि उन्हें कौन सी चीजें पसंद हैं । जब उन्हें यह पता चल गया कि लोग क्या चाहते हैं, उन्होंने अपने बचे हुए साढ़े बासठ सेंट का निवेश ऐसी चीजों में किया, जिन्हें लोग खरीदना चाहते थे। अब वे एक "सही माँग" की पूर्ति कर रहे थे। मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि जिंदगी में आपका व्यवसाय या पद क्या है। मुझे इस बात की परवाह भी नहीं है कि आप वकील, डॉक्टर, हाउसकीपर, टीचर या कुछ और हैं। आप चाहे जो हाँ, सिद्धांत वही रहता है। हमें सबसे पहले यह जानना चाहिए कि दुनिया को किस चीज़ की ज़रूरत है और फिर हमें उस आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए अपना निवेश करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपको विश्चित रूप से सफलता मिलेगी। दोस्तो, इसी सिद्धांत पर चलकर ए. टी. स्टीवर्ट ने अपनी संपत्ति को साढ़े बासठ सेंट से चालीस मिलियन डॉलर तक पहुँचाया था।
The Go-giver
- Author Name:
John David Mann +1
- Book Type:

- Description: गो-गिवर आमतौर पर बड़े लाभ अर्जित करते हैं; क्योंकि वे अपने ग्राहकों को प्रचुरता में मूल्य और एक शानदार अनुभव प्रदान करते हैं। महत्वपूर्ण यह है कि आप अपना प्रमुख ध्यान कहाँ रखते हैं? यदि आपका ध्यान लाभ पर पहले है तो शायद आप बड़ा मूल्य प्रदान करने के विभिन्न अवसर खो देंगे। जब आपका ध्यान आपके ग्राहकों के अनुभव पर होता है तो परिणाम स्वस्थ लाभ के रूप में मिलता है। एक देने वाली भावना आत्म-बलिदान, दूसरे पर निर्भरता या बलिदान की भावना नहीं होती। दूसरों के हितों को अपने से पहले रखने का, दूसरे व्य€त के बारे में अपनी जीत बनाना, जैसा कि सैम कहते हैं, यानी अपनी स्वयं की आवश्यकताओं और रुचियों को नकारना नहीं है। इसका मतलब यह भरोसा करना है कि जब आप दूसरों पर ध्यान देंगे तो आपकी आवश्यकताओं का ध्यान भी रखा जाएगा।
Kar Vijay Har Shikhar
- Author Name:
Premlata Agrawal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vriddhvastha Mein Sukhi Jeevan
- Author Name:
Satendra Nath Ray
- Book Type:

- Description: "बीमारी केवल शारीरिक ही नहीं हुआ करती, अगर व्यक्ति मानसिक बीमारियों जैसे-काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि से ग्रस्त हैं तो भी वह बीमार ही माना जाएगा। अत: पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति वह है, जो शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से स्वस्थ है। बीमारियों का कारण हम स्वयं बनते हैं। शारीरिकबीमारियों केनिवारण केलिए 'प्रात: भ्रमण' तथा 'योग' को दिनचर्या में अपनाना जरूरी है। इससे बिना दवा खाए भी व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। प्रस्तुत पुस्तक में विद्वान् लेखक ने यह बताया है कि स्वस्थ रहने के लिए प्रात: भ्रमण कैसे करना चाहिए भोजन तथा आहार कैसा होना चाहिए तथा कब करना चाहिए दांपत्य जीवन को कैसे सफल बनाया जा सकता है, वृद्धावस्था की समस्याएँ एवं उनका समाधान, सुख क्या है और कहाँ?, जल ही जीवन है आदि। स्वस्थ रहने के लिए सबसे अहम बात यह है कि हम उन चीजों के सेवन से परहेज करें, जिनकी हमें जरूरत नहीं है, जो हानिकारक हैं। पान, पान मसाला, खैनी, शराब, मांसाहार के बिना भी हम अधिक स्वस्थ बने रह सकते हैं, अत: इनका सेवन करकेबीमार क्यों पड़े? यह हमेशा ध्यान रखें कि स्वस्थ रहना प्राकृतिक है, अस्वस्थ रहना अप्राकृतिक। आज हर कोई-क्या गरीब, क्या अमीर-अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। ऐसे में इस पुस्तक की उपयोगिता और बढ़ जाती है। आशा है, सुधी पाठक पुस्तक में दिए सुझावों को अपने जीवन में अपनाकर पूर्ण स्वस्थ तथा निरोग रह सकते हैं। "
Uske Pankhon Ki Udaan
- Author Name:
Swati Lahoti
- Book Type:

- Description: ‘IIT-JEE की तैयारी करना आसान नहीं है, यह अच्छे-अच्छों के छक्के छुड़ा देता है। ऐसे में बड़ा स्वाभाविक है कि आप दबाव में आ जाएँ, अपनी काबिलियत पर शक करने लगें या फिर हताश हो जाएँ। यह किताब आपको बताती है कि आप फिर से पटरी पर कैसे आ सकते हैं, कि कैसे परिवार के सदस्य, खासकर माँएँ इस दौरान अपने बच्चों के लिए मददगार हो सकती हैं। ‘उसके पंखों की उड़ान’ यह साबित करती है कि अगर आप कुछ हासिल करना चाहते हैं तो उसे पाने के लिए दिलोजान से जुट जाइए। मुमकिन है कि छोटी-मोटी खरोंचें आप के हिस्से में आएँ, लेकिन कामयाबी आपके कदम चूमेगी, यह तय है।’’ —नीतेश तिवारी डायरेक्टर, दंगल, IIT, बॉम्बे, 1996 ‘‘जैसा कि सब जानते हैं IIT-JEE सबसे मुश्किल प्रवेश-परीक्षाओं में से एक है, टीचर्स को मालूम है कि कैसे पढ़ाना है, स्टूडेंट भी जानता है कि कैसे पढ़ना है। लेकिन माता-पिता नहीं जानते कि इस मुश्किल सफर में अपने बच्चे को कैसे सपोर्ट करना है। तैयारी के दौरान, कई बार अच्छे-अच्छे छात्र भी हिम्मत हार बैठते हैं। मेरा मानना है कि इस किताब को पढ़ने के बाद माता-पिता अपने बच्चे को सही तरीके से सपोर्ट कर पाएँगे, जिससे बच्चे हौसलामंद रहकर अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं। यह किताब अभिभावकों का नजरिया बदल देगी।’’ —प्रवीण त्यागी डायरेक्टर, IITians’ PACE, IIT, दिल्ली, 1997
Sapne Karo Sakaar
- Author Name:
Vickrant Mahajan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Prasiddh Vaigyanik Aur Unke Aavishkaar
- Author Name:
Surjeet
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक में उन्हीं साहसी, धुन के धनी लोगों की सच्ची कहानियाँ पेश हैं और इस उद्देश्य से प्रस्तुत की जा रही हैं कि उन्हें पढ़ने के बाद तुम्हारे मन में भी अपने राष्ट और देश से प्रेम उत्पन्न हो और तुम यह प्रतिज्ञा कर लो कि उन लोगों की तरह तुम भी कोई ऐसा कारनामा करोगे जो तुम्हारे देश और राष्ट्र के लिए लाभदायक सिद्ध हो। इस प्रकार राष्ट्र का बच्चा-बच्चा तुम पर और तुम्हारे कारनामों पर गर्व करेगा और तुम्हारा नाम सदैव के लिए जीवित हो जाएगा।
Thalua Club and Phir Nirasha Kyon?
- Author Name:
Babu Gulab Rai
- Book Type:

- Description: साहित्यकारों के विचार ‘‘पहली ही भेंट में उनके प्रति मेरे मन में जो आदर उत्पन्न हुआ था, वह निरंतर बढ़ता ही गया। उनमें दार्शनिकता की गंभीरता थी, परंतु वे शुष्क नहीं थे। उनमें हास्य-विनोद पर्याप्त मात्रा में था, किंतु यह बड़ी बात थी कि वे औरों पर नहीं, अपने ऊपर हँस लेते थे।’’ —राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ‘‘बाबूजी ने हिंदी के क्षेत्र में जो बहुमुखी कार्य किया, वह स्वयं अपना प्रमाण है। प्रशंसा नहीं, वस्तुस्थिति है कि उनके चिंतन, मनन और गंभीर अध्ययन के रक्त-निर्मित गारे से हिंदी-भारती के मंदिर का बहुत सा भाग प्रस्तुत हो सका है।’’ —पं. उदयशंकर भट्ट ‘‘आदरणीय भाई बाबू गुलाब रायजी हिंदी के उन साधक पुत्रों में से थे, जिनके जीवन और साहित्य में कोई अंतर नहीं रहा। तप उनका संबल और सत्य स्वभाव बन गया था। उन जैसे निष्ठावान, सरल और जागरूक साहित्यकार बिरले ही मिलेंगे। उन्होंने अपने जीवन की सारी अग्नि परीक्षाएँ हँसते-हँसते पार की थीं। उनका साहित्य सदैव नई पीढ़ी के लिए प्रेरक बना रहेगा।’’ —महादेवी वर्मा ‘‘गुलाब रायजी आदर्श और मर्यादावादी पद्धति के दृढ समालोचक थे। भारतीय कवि-कर्म का उन्हें भलीभाँति बोध था। विवेचना का जो दीपक वे जला गए, उसमें उनके अन्य सहकर्मी बराबर तेल देते चले जा रहे हैं और उसकी लौ और प्रखर होती जा रही है। हम जो अनुभव करते हैं—जो आस्वादन करते हैं, वही हमारा जीवन है।’’ —पं. लक्ष्मीनारायण मिश्र ‘‘अपने में खोए हुए, दुनिया को अधखुली आँखों से देखते हुए, प्रकाशकों को साहित्यिक आलंबन, साहित्यकारों को हास्यरस के आलंबन, ललित-निबंधकार, बड़ों के बंधु और छोटों के सखा बाबू गुलाब राय को शत प्रणाम!’’ —डॉ. रामविलास शर्मा
Har Din 24 Ghante Kaise Jiyen
- Author Name:
Arnold Bennett
- Book Type:

- Description: समय की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे आप एडवांस में बरबाद नहीं करते। अगला वर्ष, अगला दिन, अगला घंटा आपके उपयोग के लिए तत्पर है--संपूर्णता में बिना किसी रुकावट के। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप जीवन में एक क्षण भी व्यर्थ न करें। आप चाहें तो हर क्षण, हर घंटे एक नए अध्याय का सूत्रपात कर सकते हैं। एक घंटे, डेढ़ घंटे, यहाँ तक कि दो घंटे पहले उठ जाएँ और अगर जागना संभव न हो तो रात को जल्दी सो जाएँ। जहाँ तक बेहद मुश्किल कामों की बात है, तो जो काम आप शाम के दो घंटे में करेंगे, वही सुबह एक घंटे में हो जाएगा। आपको रोजाना के इस चौबीस घंटे को ही जीना है। इसी से आपको स्वास्थ्य, सुख, संपत्ति, संतुष्टि, सम्मान और अपनी अमर आत्मा के उत्थान को हासिल करना है। इसका उचित इस्तेमाल, इसका सबसे प्रभावी उपयोग बेहद जरूरी विषय और सबसे रोमांचक वास्तविकता भी है। सबकुछ इसी पर निर्भर है। आपकी खुशी, मुश्किल से हासिल होनेवाली दौलत, जिसे मुट्ठी में करने की कोशिश आप सभी कर रहे हैं, साथियो, वह इस पर ही निर्भर करती है।>इसी पुस्तक से समय के सदुपयोग और अपनी दिनचर्या को निर्धारित करने के विषय में व्यावहारिक सूत्र बताती यह पुस्तक आपको जीवन जीने और आनंदित रहने की एक नई दृष्टि देगी |
Jaisi Soch, Vaisa Jeevan & Kushhali Ke 8 Stambha (Hindi Translation of As A Man Thinketh & Eight Pillars of Prosperity)
- Author Name:
James Allen
- Book Type:

- Description: क्या दिन भर के उस पल को याद कर सकते हैं, जब आपका दिमाग खाली और विचार-शून्य रहा हो? क्या आप जानते हैं कि हर विचार कितना शक्तिशाली होता है? अपने सपनों को संजोएँ, अपने आदर्शों को सँजोएँ, अपने दिल में हलचल मचानेवाले संगीत को सँजोएँ, जो सुंदरता आपके मस्तिष्क में रूप लेती है, वह सुंदरता जो आपके शुद्धतम विचारों को ओढ़े रहती है, क्योंकि उनमें से ही सारी रमणीय स्थितियाँ, सारे अलौकिक वातावरण विकसित होंगे, इनके प्रति, अगर आप बने रहेंगे सच्चे, तो आखिरकार आपकी दुनिया का होगा निर्माण। विचारों की शक्ति में अंतर्दृष्टि देना, उनका हमारे स्वास्थ्य, शरीर और परिस्थितियों पर क्या प्रभाव पड़ता है और हम जैसा सोचते हैं, वैसा कैसे बनते हैं, इन सारी बातों को अपने अंदर समेटे जेम्स एलन की इस सम्मोहक पुस्तक में व्यावहारिक ज्ञान है, जो हमें प्रेरित करेगा, प्रबुद्ध करेगा और हमारी छिपी शक्तियों को खोजने में मदद भी। विचारों को धार और स्थिरता देनेवाली यह पुस्तक आपकेजीवन में आमूलचूल परिवर्तन करने की अद्भुत क्षमता रखती है। यह आपको परिपक्व करेगी, जीवनमूल्य विकसित करेगी और आप एक संतुष्ट तथा सार्थक मानव बन पाएँगे।
Gairsarkari Sangthan
- Author Name:
Rajendra Chadrakant Ray
- Book Type:

-
Description:
भारत सहित पूरे संसार में ग़ैर-सरकारी संगठनों का एक आन्दोलन ही इन दिनों सक्रिय है। इस माध्यम से सजग नागरिकों के द्वारा अपने समुदाय और समाज के कल्याण के लिए कार्य करने में एक इतिहास ही रच दिया गया है।
पर ग़ैर-सरकारी संगठन का निर्माण कर लेना जितना सरल है, उसका निर्वाह करना उसकी तुलना में कहीं अधिक जटिल है। सामान्य तौर पर सरकारें ग़ैर-सरकारी संगठनों के साथ काम करने को उत्सुक रहती हैं, परन्तु भारत जैसे देश में नौकरशाही इनसे अप्रसन्न ही बनी रहती है। राजनैतिक प्रतिरोध भी कुछ कम नहीं होता।
तब भी एक बेहतर सोच लेकर चलनेवाले लोगों के लिए काम करने और नतीजे निकाल लाने की सम्भावना कुछ कम नहीं है। आख़िर वे कौन से तत्त्व हैं, जो एक समर्पित ग़ैर-सरकारी संगठन की वास्तविक पूँजी होते हैं। ऐसे ही सवालों से जूझती है यह पुस्तक।
Prabandhan Ke Gurumantra
- Author Name:
Suresh Kant
- Book Type:

-
Description:
प्रबन्धन आत्म-विकास की एक सतत प्रक्रिया है। अपने को व्यवस्थित-प्रबन्धित किए बिना आदमी दूसरों को व्यवस्थित-प्रबन्धित करने में सफल नहीं हो सकता, चाहे वे दूसरे लोग घर के सदस्य हों या दफ़्तर अथवा कारोबार के। इस प्रकार आत्म-विकास ही घर-दफ़्तर, दोनों की उन्नति का मूल है। इस लिहाज़ से देखें, तो प्रबन्धन का ताल्लुक़ कम्पनी-जगत के लोगों से ही नहीं, मनुष्य मात्र से है। वह इनसान को बेहतर बनाने की कला है, क्योंकि बेहतर इनसान ही बेहतर कर्मचारी, अधिकारी, प्रबन्धक या कारोबारी हो सकता है।
‘प्रबन्धन के गुरुमंत्र’ में विद्वान् लेखक ने ‘व्यक्तिगत विकास’, ‘औद्योगिक सम्बन्ध’ और ‘निर्णयकारिता’ पर विभिन्न आयामों से विचार किया है। लेखक के अनुसार अपनी क्षमताओं की पहचान, अच्छी आदतों का विकास, निरन्तर ज्ञान-वृद्धि और अनुशासन ऐसे मूल्य हैं जिन पर चलकर आप एक सफल प्रबन्धक बन सकते हैं। कर्मचारी को प्रतिबद्ध कैसे बनाया जाए, असहमति को कैसे सुफलदायक बनाया जा सकता है और अनिर्णय किस तरह घातक हो सकता है, इन बिन्दुओं पर भी इस पुस्तक में विचार किया गया है।
प्रबन्धकीय कौशल व क्षमता के विकास हेतु अवश्यमेव पढ़ी जानेवाली पुस्तक।
Jeevan Anmol Hai
- Author Name:
Ravindranath Prasad Singh
- Book Type:

-
Description:
हमारे महापुरुषों, संतों, महात्माओं ने कहा है कि मनुष्य समस्त प्राणियों में श्रेष्ठ है। हमारे धर्मशास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख है कि मनुष्य समस्त प्राणियों में श्रेष्ठ है। दुनिया को नई राह दिखानेवाले महानुभावों ने भी कहा है कि यह हमारा सौभाग्य है कि ईश्वर ने हमें यह अनमोल जीवन दिया है। यह जीवन प्रकृति प्रदत्त अनमोल उपहार है। हमारे महापुरुषों ने मानव जीवन की श्रेष्ठता की अभिव्यक्ति केवल शब्दों में ही नहीं की है, बल्कि अपने कर्मों से भी सिद्ध किया है कि यह अनमोल है। इस जीवन से अनमोल दुनिया में दूसरा कुछ भी नहीं है। जिन लोगों ने माना कि जीवन अनमोल है, अमृत है और प्रकृति प्रदत्त बहुमूल्य उपहार है, इसके अन्दर असीम शक्ति है, उन्होंने खुद के और दुनिया के लिए नई राह बनाई, दुनिया को एक नई दिशा दी और असम्भव को सम्भव कर दिखाया। विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं और नित्य खोज एवं आविष्कार कर अचम्भित कर दिया। यही कारण है कि दुनिया उन्हें आज भी याद करती है। ऐसा नहीं है कि इन लोगों को ईश्वर ने अलग हटकर बनाया या उन्हें किसी विशिष्ट शक्ति से परिपूर्ण कर पृथ्वी लोक पर भेजा। वे भी हमारे आपके जैसे ही थे। ईश्वर ने हममें और उनमें कोई अन्तर नहीं किया, फिर भी वे अनमोल सितारे बन गए और हम जहाँ थे, वहीं रह गए। इसका कारण यह है कि उन्होंने इस अनमोल जीवन का मूल्य समझा। अपने अन्दर छुपी शक्ति को पहचाना और उसका सदुपयोग जग के कल्याणार्थ किया। नतीजतन वे जीवन की अनमोलता को साकार करने में सफल रहे।
निस्सन्देह दृष्टि और मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में हमारे होने को एक बड़े फलक पर परिभाषित करती पठनीय एवं महत्त्वपूर्ण कृति है ‘जीवन अनमोल है’
Adhyayan Kaise Karen?
- Author Name:
Shivprasad Bagdi
- Book Type:

- Description: जीवन में सफल होने के लिए अध्ययन आवश्यक है। शिक्षा मनुष्य के व्यक्तित्व को संस्कारित और मन को परिष्कृत करती है। शिक्षा से ही हम स्वयं को समाज और देश के लिए उपयोगी बनाते हैं। हमारे सर्वांगीण विकास में हमारी बुद्धि, चेतना और विवेक का विकास भी शामिल है जिसके लिए सम्यक् अध्ययन ज़रूरी है। ‘अध्ययन कैसे करें?’ पुस्तक छात्रों की अध्ययनगत समस्याओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। साधारणतः अध्ययन की सफलता के लिए कुछ ऐसे तरीक़े अपनाए जा सकते हैं जिन्हें अध्ययन, अध्यापन और परीक्षाओं के दीर्घ अनुभवों का नतीजा कहा जा सकता है। इस पुस्तक में शिवप्रसाद बागड़ी ने कुछ ऐसी तकनीकें प्रस्तुत की हैं जिनके द्वारा कोई भी विद्यार्थी आसानी से किसी भी विषय को समझ सकता है और लम्बे समय तक याद रख सकता है।
Smart Phone Ka Smart Istemal
- Author Name:
Sushrut Kulkarni
- Book Type:

- Description: श्री मान और श्रीमती देशमुख ने अपने बेटे की जिद की खातिर स्मार्ट फोन ले तो लिया, पर वे इसका पूरा उपयोग इस डर से नहीं कर पा रहे थे कि कहीं उनका फोन खराब न हो जाए। लेकिन थोड़े ही दिनों में श्रीमती और श्री देशमुख न केवल स्मार्ट फोन चलाने में माहिर हो गए, बल्कि आत्मविश्वास के साथ फोटो खींचकर वाट्सअप भी करने लगे। और तो और, मनचाहे गेम्स, ऐप्स भी डाउनलोड करने लगे। दोस्तो, यह कमाल कर दिखाया ‘स्मार्ट फोन का स्मार्ट इस्तेमाल’ पुस्तक ने! इस पुस्तक ने उन्हें नीचे दी हुई जानकारियाँ सचित्र समझाईं— • बॉक्स में मिला हुआ नया स्मार्ट फोन कैसे चालू करें? • कॉण्टेक्ट कैसे सेव करें और ग्रुप कैसे बनाएँ? • एस.एम.एस., ग्रुप एस.एम.एस. कैसे किए जाएँ? • किसी कार्यक्रम को देखने से पूर्व फोन सायलेंट कैसे करें? • इ-मेल कैसे भेजें? उससे फाइल कैसे जोड़ी जाए? • वीडियो या फोटो कैसे खींचें, और शेयर कैसे करें? • वॉलपेपर, थीम्स कैसे बदलें? • ऑनलाइन शॉपिंग कैसे करें? और भी बहुत कुछ... इस पुस्तक में दी हुई छोटी-छोटी पर महत्त्वपूर्ण बातें सीख-जानकर देशमुख दंपती बेझिझक अपने स्मार्ट फोन की सारी सुविधाओं का उपयोग करने लगे। तो आइए, आप भी उनके जैसे ही ‘स्मार्ट फोन का स्मार्ट इस्तेमाल’ की उँगली पकड़कर स्मार्ट बनिए! स्टीफन नैप एक साहित्यकार, लेखक, दार्शनिक, अध्यात्मविद्, देशाटन-प्रेमी, फोटोग्राफर और लेक्चरर हैं। उन्होंने वैदिक दर्शन के गहन और सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करने के लिए निरंतर रूप से कार्य किया है। उनके कार्यों का मुख्य उद्देश्य भारत के आध्यात्मिक दर्शन और वैदिक संस्कृति के उत्कृष्ट ज्ञान को सरल और सटीक तरीके से समझाकर उनकी व्याख्या उपलब्ध कराना है, जिसके पास मानवता को देने के लिए बहुत कुछ है। अपने इस इरादे में वह अब तक सफल दिख रहे हैं। अनेक पाठकों ने इस बात के लिए उनकी प्रशंसा कि है कि जो बात समझ से परे और असीम लगती है, उनकी जटिलताओं को वह बड़ी सरलता से समझा देते हैं।
Bhavadiye... Aapke Bigdail Vidyarthi
- Author Name:
Sanjiv Shah
- Book Type:

- Description: हमारे समाज में प्रतिदिन अनेक अपराध दर्ज होते हैं। हम जानते हैं कि दर्ज होनेवाले अपराधों से अनेक गुना अपराध चुपचाप होते हैं और सहन भी किए जाते हैं। पर हम उन बातों के लिए क्या करेंगे जिन्हें अपराध भी गिना नहीं जाता? अपशब्दों भरी भाषा का प्रयोग करना, बालकों का अपमान करना, बालकों को मारना, बालकों को धमकी देकर डराना...यह सब तो मानो शिक्षक के अधिकार में आ गए हैं और उनके आवश्यक साधन बन गए हैं। मुझे भयंकर त्रास होता है, जब कोई अज्ञानी माता-पिता अपने बालक को सौंपते समय शिक्षक से कहते हैं कि सर, जरूरत लगे तो एक-दो तमाचे मारकर भी इसे एकदम सीधा करना। और मूर्ख शिक्षक बालक के सामने ही इस अधिकार एवं जवाबदेही को मानो गौरव से स्वीकार करता है।
KALAM SIR KE SUCCESS PATH
- Author Name:
Surekha Bhargava
- Book Type:

- Description: कलाम सर प्रेरणा और सम्मान की प्रतिमूर्ति थे। इस पुस्तक में शिक्षाओं व उनकी प्रार्थनाओं को शब्दों में पिरोने की कोशिश की गई है। एक ऐसी माला बनाई गई है, जिसके मन के आपके मन को अंदर से छूने की कोशिश करेंगे। और अगर आप इजाजत देंगे, तो ये आपके मन-मस्तिष्क में ऐसा मंथन शुरू करेंगे, जिसके अंत में आप अपनी पसंद की सफलता का माखन चख ही लेंगे। कलाम सर के ये पाठ हर उस व्यक्ति के लिए हैं, जो सपने देखता है, उन सपनों के लिए कुछ करना चाहता है, कठिनाइयों से ऊपर उठना चाहता है, कुछ बनना चाहता है और कुछ कर गुजरना चाहता है। ये कविताएँ उसी मन को उठाने का प्रयास है, जो सक्षम है, और ‘जो’सिर्फ ‘जो’ कलाम सर के भारत को विकसित देशब नाने के स्वप्न को पूरा कर सकता है। ये कविताएँ आह्वान हैं कि आइए, कलाम सर के इस सपने को हम सब व्यक्तिगत रूप से लें और न केवल अपनी सफलता के लिए सतत प्रयास करें बल्कि यदि अपने आस-पास किसी को कोई भी सपना बुनते देखें और उसको कुछ करते देखें तो उसको प्रोत्साहित करें, उसका साथ दें। कुछ ऐसा करें कि हर दिल में तिरंगा लहराने की बात, कलाम सर जिस शान से किया करते थे, उसका मान रह जाए। सफलता पर जब हमारा ध्यान हो तो हमें कैसा बनना है, कैसे अपने मूल्यों से कोई समझौता नहीं करना है और कैसे कठिन परिस्थितियों व परिश्रम के बीच भी खुद को कोमल बनाए रखना है, ये सब बातें ही डॉ. कलाम लगातार सिखाते थे। इसके अंदर आई कविताएँ संक्षेप में उनके नजरिए को पेश करने की छोटी सी कोशिश है। आइए, इसी अग्नि को हम भी अपने-अपने दिलों में प्रज्वलित करें और अपने आपसे यह वादा करें कि इन पाठों को सीखकर, सिखाकर और सफलता का जिम्मा उठाकर हम भी अपने जीवन को सार्थक करेंगे और देश को एक विकसित देश बनाने में योगदान देंगे।
Option Trading Se Paison Ka Ped Kaise Lagayen
- Author Name:
Mahesh Chandra Kaushik
- Book Type:

- Description: "ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसों का पेड़ कैसे लगाएँ आप ऑप्शन पर हजारों पुस्तकें पढ़ लें पर ऐसा ज्ञान किसी पुस्तक में नहीं मिलेगा। सभी लेखक ऑप्शन क्या है व ऑप्शन के ग्रीक आदि का विवरणात्मक ज्ञान देते हैं। कोई भी पुस्तक आपको ऑप्शन का ऐसा व्यावहारिक ज्ञान नहीं देती जिस ज्ञान से एक कम पढ़ा-लिखा साधारण वेटर भी ऑप्शन ट्रेडिंग से अमीर बन सकता है। प्रस्तुत पुस्तक भारतीय शेयर बाजार के सबसे ज्यादा पढ़े जानेवाले रिसर्च एनालिस्ट महेश कौशिक की ऐसी दुर्लभ कृति है जिसमें ऑप्शन के क, ख, ग से लेकर ग्रीक तक का आधुनिकतम ज्ञान एकदम सरल भाषा में दिया गया है। प्रसिद्ध लेखक महेश चंद्र कौशिक जटिल विषयों को सरलता से समझाना पसंद करते हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर यह पुस्तक भी एक कहानी के फार्मेट में लिखी गई है ताकि आप इसको पढ़ते समय कहीं भी बोरियत महसूस नहीं करें। इसमें घीसू भाई नामक पात्र एक साधारण वेटर है जिसे महेश चंद्र कौशिक ने ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सिखाई! व्यावहारिक जानकारियों से भरपूर पठनीय रोचक पुस्तक। "
Achchha Banne Ki Kala
- Author Name:
Meena Sharma
- Book Type:

- Description: Children's Book to learn good habits.
Jab Socho Bada Socho
- Author Name:
N. Raghuraman
- Book Type:

- Description: "बुद्धि 29 वर्ष की है। बचपन से साहसी और सहानुभूति की भावना रखनेवाली। उसके जीवन में घटित हुई कई घटनाओं ने उसके चरित्र को और मजबूती दी। वह दिल्ली के पास नोएडा में एक आई.टी.फर्म में नौकरी करती है। एक प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज हुआ है। उसने किया क्या था? उसने नोएडा में अपनी जिंदगी खतरे में डालकर 15 वर्षीय बच्ची का विवाह रोका था। लड़के की माँ ने उस पर पीछे से हमला कर दिया था। इससे उसके गले के पीछे कट लग गया था। इससे पहले भी सुबुद्धि ने नोएडा में ही एक नाबालिग लड़की के बाल विवाह को रोका था। हमले के बाद सुबुद्धि गिर गई थी। उसे तत्काल अस्पताल ले गए। कुछ समय कोमा में भी रही। जब कोमा से लौटी तो कहा कि वह समाज सेवा जारी रखेगी। जितने भी नाबालिगों को बाल विवाह से बचा सकती है, बचाएगी। बाल विवाह के खिलाफ उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति को देखकर ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने केंद्र के साथ ही ओडिशा और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर उसे ब्रेवरी अवार्ड, आर्थिक सहायता और सिक्योरिटी देने की सिफारिश की। आज सुबुद्धि कई आई.टी. पेशेवरों के लिए प्रेरणा है। महिलाओं के प्रति चिंता जब मोमबत्ती रैलियों और सोशल नेटवर्किंग तक सीमित थी, तब सुबुद्धि ने आगे बढ़कर मुश्किलों का सामना किया। —इसी पुस्तक से सोच ही मनुष्य का विकास करती है। सकारात्मक और बड़ी सोच सफलता और उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। यह पुस्तक ऐसी बड़ी और विवेकपूर्ण समझ के जीवंत उदाहरणों का संकलन है, जो मानवहित और कल्याण का अनुपम संदेश देती है।"
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...