Kashi Express
Publisher:
FlyDreams Publications
Language:
Hindi
Pages:
159
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
318 mins
Book Description
संगम का मतलब मिलना ही नहीं होता, बिछड़ना भी होता है।हजारों किलोमीटर तक फैली भारतीय रेल की पटरियों पर हजारों ट्रेनें भागती हैं और इन तमाम ट्रेनों में करोड़ों लोग रोज़ सफर करते हैं। इन्हीं किसी ट्रेन की गेट पर खड़े राज ने प्लेटफॉर्म पर भागती सिमरन का हाथ पकड़ कर अन्दर खींच लिया था। इन्हीं किसी ट्रेन में ठाकुर बलदेव सिंह, जय और वीरू के हाथों में हथकड़ी डालकर जेल ले जा रहे थे। इन्हीं किसी ट्रेन में समीर भी वर्षा से पहली बार मिलता है।समीर नौकरी के सिलसिले में मुंबई जा रहा है और वर्षा सहेली की शादी में इलाहाबाद। वर्षा तो इलाहाबाद में उतर जाती है लेकिन समीर के दिल में घर कर जाती है।यहाँ से ये कहानी ज़िन्दगी की पटरियों पर दौड़ती हुई, अपनी मंज़िल की तलाश में आगे बढ़ती है, और वहीं जाकर रुकती है, जहाँ से कहानी शुरू होती है।