Karna Vastav Mein Kaun Tha? "कर्ण वास्तव में कौन था?" | Religious Hinduism Mahabharat Book in Hindi
Author:
Daji PanashikarPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789392013652
Pages: 152
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Ishwar Ki Atmakatha
- Author Name:
Saralmanoj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kavita Ki Baat
- Author Name:
Ashish Singh
- Book Type:

- Description: Criticism
Patrakarita Ke Yug Nirmata
- Author Name:
Arjun Tiwari +2
- Book Type:

- Description: वाजपेयीजी ने हिंदी पत्रकारिता कला के निखार के लिए इसके विभिन्न पक्षों पर भरपूर लेखन किया। कलकत्ता से प्रकाशित ‘हिंदी बंगवासी’ (1905) से पत्रकारिता प्रारंभ करने वाले वाजपेयीजी ने मासिक पत्र ‘नृसिंह’ (1907) का संपादन किया। ‘भारतमित्र’ के प्रधान संपादक बनने के पूर्व वाजपेयीजी ने कुछ समय तक ‘सनातन धर्म’ पत्रिका का भी संपादन किया। 1920 में उन्होंने ‘स्वतंत्र’ साप्ताहिक का प्रकाशन किया। हिंदी पत्रकारिता को उच्चता और समृद्धि देने वाले तीन मराठी भाषी यशस्वी संपादकों में माधवराव सप्रे, बाबूराव विष्णु पराड़कर एवं लक्ष्मण नारायण गर्दे का नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है, जिन्होंने राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रति अगाध श्रद्धा और लगन का परिचय अपने श्रेष्ठ संपादकीय कौशल एवं पत्रकारी लेखन से दिया। गर्देजी आजीवन आर्थिक कठिनाइयों से जूझते रहे, किंतु उन्होंने कभी समझौते नहीं किए। अपनी ‘कलम’ की स्वतंत्रता की रक्षा पूरी धर्म-निष्ठा से की। श्रेष्ठ व्यंग्यकार और स्वनामधन्य संपादक अशोकजी ने अपनी लेखन और संपादन क्षमता, पत्रकारिता के प्रति अटूट समर्पण और निष्ठा की बदौलत ‘स्वतंत्र भारत’ को लोकप्रिय एवं प्रतिष्ठित अखबार बना दिया था। अशोकजी की ही अनुशंसा पर दैनिक ‘स्वतंत्र भारत’ के दूसरे संपादक योगींद्रपति त्रिपाठी ने अपनी अप्रतिम कर्मनिष्ठा से इसे उत्तर प्रदेश का विश्वसनीय और लोकप्रिय अखबार बनाया। त्रिपाठीजी लगातार 18 बरसों तक इसके संपादक रहे। त्रिपाठीजी विद्वत्ता और सादगी की प्रतिमूर्ति थे। वे उच्चकोटि के सुलझे हुए पत्रकार थे।
20 Dictators of the World
- Author Name:
Kalyani Mookherji
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhopal Gas Trasadi Ka Sach
- Author Name:
Moti Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Parmarth Hi Jeevan
- Author Name:
Ram Sahay
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chandragupta Maurya
- Author Name:
Dilip Kumar Lal
- Book Type:

- Description: आज से लगभग 2300 वर्ष पहले मगध पर घनानंद नामक एक कुटिल और क्रूर शासक का राज्य था। वह बात-बात पर लोगों को फाँसी दे देता था। ऐसे निरंकुश शासक ने जब चाणक्य नाम के एक विद्वान् का अपमान किया तो उसने नंद को समूल नष्ट करने का प्रण ले लिया। बालक चंद्रगुप्त भी नंद का सताया हुआ था, वह भी येन-केन-प्रकारेण नंद से प्रतिशोध लेना चाहता था। अनायास ही चाणक्य और चंद्रगुप्त की भेंट हो गई। चाणक्य ने चंद्रगुप्त को कडे़ अनुशासन में रखकर अस्त्र-शस्त्र के ज्ञान के साथ राजनीति की शिक्षा भी दी। अनुकूल अवसर मिलते ही चंद्रगुप्त ने घनानंद पर हमला कर दिया और उसका समूल नाश करके मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। मौर्य साम्राज्य पूर्व में बंगाल की खाड़ी से पश्चिम में अरब सागर तक फैला था। उत्तर में चंद्रगुप्त के राज्य की सीमा दक्षिणी अफगानिस्तान और ईरान तक फैली थी। उसने वृहद् भारत पर एकच्छत्र अनुकरणीय राज्य किया। जीवन के उत्तरार्ध में अपने पुत्र बिंदुसार को राज्य सौंपकर वह कर्नाटक में श्रवणबेलगोला चला गया और एक भिक्षुक के रूप में अपना जीवन बिताया। चंद्रगुप्त मौर्य का निर्लिप्त जीवन सचमुच अनुकरणीय है।
Likhaan Niyam: Law of Right Writing | The Magic of Writing - Write to Heal, Transform, and Transcend Book in Hindi
- Author Name:
Sirshree
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dhwaniyon Ke Aalok Mein Stree
- Author Name:
Mrinal Pande
- Book Type:

-
Description:
प्रख्यात लेखिका मृणाल पाण्डे की यह नवीनतम कृति संगीत-जगत के अनेक अनदेखे-ओझल वृत्तान्तों का आकलन है। इसमें इन गायिकाओं-गवनहारियों के जीवन-संघर्ष का वर्णन है, जिनके सुर और संगीत का आलोक तो हमारे सामने है, लेकिन स्त्री होने के कारण और अपने समय-समाज की कथित कुलीनता के दायरे से बाहर होने के कारण जिन अवरोधों का पग-पग पर उन्हें सामना करना पड़ा, उस अँधेरे का कहीं कोई ज़िक्र नहीं करता। गौहर जान से लेकर बेगम अख़्तर तक और मोघूबाई से लेकर गंगूबाई हंगल तक—कलाकारों की एक लम्बी फ़ेहरिस्त यहाँ हम देख सकते हैं, जिन्हें अकल्पनीय प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच संगीत-साधना करनी पड़ी।
वास्तव में संगीत के प्रसंग से पाण्डे ने इस किताब में सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास की उस दरार पर रोशनी डाली है, जिसका भरना अब तक बाक़ी है। उन्होंने बेहद आत्मीयता से तमाम प्रसंगों का उल्लेख किया है, जिससे पुस्तक ने अकादमिक विवेचना के बजाय एक दिलचस्प अनौपचारिक पाठ की शक्ल ले ली है। ज़ाहिर है, यह पाठक के दिल को छू लेती है।
KUSHAL PRASHASAK KE GUN EVAM KAUSHAL
- Author Name:
Nishant Jain
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
1000 Madhya Pradesh Prashnottari
- Author Name:
Anil Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
IAS Crack Code
- Author Name:
Mukesh Kumar, Ias
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Atmanirbhar Bharat
- Author Name:
Sunil Vashisht
- Book Type:

- Description: Since the outbreak of COVID-19 pandemic and the resultant Janta curfew and lockdown, our country and the whole world has suffered a lot in 2020 both on health front and on economic front. COVID-19 has jolted the whole world economically resulting in fall of GDP of all major countries in the world and also a large scale loss of human life. Our PM Narendra Modi being a visionary has come up with a call of �Atmanirbhar Bharat�. The English meaning of Atmanirbhar Bharat is self-reliant India or self-sufficient India. The basic idea behind this concept is making India self sustaining and self generating, an economy that can sustain itself on its own and which minimises its dependence on the outside world. While declaring the Atmanirbhar Bharat Abhiyan and during the announcement of COVID-19 related economic package, PM Modiji stated that the 5 pillars of Atmanirbhar Bharat are economy, infrastructure, technology driven systems, vibrant demography and demand. Various slogans initiated under Atmanirbhar Bharat include �Vocal for Local�, �Local for Global� and �Make for World�. This book focusses on several important aspects related to Atmanirbhar Bharat like economy, banking, national security, self dependence, women empowerment etc. and contains views of various intellectuals and specialist on the above subjects vis-s-vis how to make India self-sufficient.
Satyajit Rai: Pather Panchali Aur Film Jagat
- Author Name:
Mahendra Mishra
- Book Type:

-
Description:
‘सत्यजित राय : पथेर पांचाली और फ़िल्म जगत्’ यह पुस्तक ‘पथेर पांचाली’ जैसी कालजयी फ़िल्म के बहाने इस महान सिने-निर्देशक के कला-कर्म को जानने-समझने की सच्ची और गहरी कोशिश से पैदा हुई एक ऐसी कृति है, जिसे हिन्दी में एक नई शुरुआत की तरह देखा जा सकता है। इस पुस्तक को पढ़ना सिर्फ़ एक वैचारिक फ़िल्मी दस्तावेज़ से गुज़रना नहीं, बल्कि एक अनुभव-समृद्ध विवेकशील गाइड के साथ सत्यजित राय के रंगारंग कला-संसार के उन अनेक कोनों और गलियारों से गुज़रना है, जिन्हें बहुतों ने देखा नहीं और जिन्होंने देखा, वे लगभग भूल चुके हैं। अस्तु, यह कृति दोनों ही कार्यों को पूरा करती है—नए पाठकों को यहाँ एक महान कला-सर्जक से परिचित होने का सुख मिलेगा और पुरानों को अभिज्ञान का एक विलक्षण आनन्द।
इस पुस्तक के लेखक महेन्द्र मिश्र की पहली विशेषता तो यही है कि वे पेशेवर अर्थ में फ़िल्म-समीक्षक नहीं हैं। वस्तुतः वे प्रकृति से कवि-विचारक हैं, कर्म से एक अनुभव-सिद्ध पूर्व प्रशासक और रुचि से एक गहरे फ़िल्म-प्रेमी। इसीलिए पूरी पुस्तक की भाषा और व्याख्या-विश्लेषण में एक सहज अनौपचारिकता की गंध मिलेगी, जो इसे इस प्रकार के समस्त लेखन से भिन्न और विशिष्ट बनाती है। असल में यह पुस्तक सत्यजित राय के वृहत् कला-संसार की ओर खुलनेवाली एक खिड़की है—सम्भवतः हिन्दी की पहली ऐसी खिड़की, जिससे आती हुई रोशनी पर भरोसा किया जा सकता है। यह रोशनी पाठकों तक पहुँचेगी, ऐसा मेरा विश्वास है।
—केदारनाथ सिंह
Ekta Ki Takat
- Author Name:
Anushka
- Book Type:

- Description: Ekta Ki Takat
Main Deendayal Upadhyay Bol Raha Hoon
- Author Name:
Amarjeet Singh
- Book Type:

- Description: ‘कमल कीचड़ में ही खिलते हैं,’ यह उक्ति पं. दीनदयाल उपाध्याय पर ठीक बैठती है। निर्धनता में जन्म लेकर राष्ट्र-चिंतक के शीर्ष पद पर सुशोभित होकर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया। बाल्यकाल से ही दीनदयालजी कुशाग्र बुद्धि और अध्ययनशील प्रवृत्ति के रहे। दीनदयालजी जैसी कुशाग्रता, बौद्धिकता, कर्मठता, सहृदयता और अनुशासनप्रियता का बेजोड़ समुच्चय किसी में नहीं था। इसके चलते वे सभी के प्रिय प्रचारक बन चुके थे। इन्हीं विशेषताओं को देखकर एक बार परम पूजनीय श्रीगुरुजी ने उनकी सराहना करते हुए कहा था, ‘‘दिल को गरम तथा दिमाग को ठंडा रखने की कला केवल दीनदयाल को ही ज्ञात है। वे इसमें पूर्णतः निपुण हैं। दिल की गरमी ऊपर चढ़कर उनके दिमाग का संतुलन नहीं बिगाड़ सकती तथा दिमाग की ठंडक में नीचे आकर उनके दिल की गरमी को ठंडा करने की सामर्थ्य नहीं है।’’ दीनदयालजी जिस क्षेत्र में गए, वहाँ समर्पण भाव से कार्य किया और अभूतपूर्व सफलता पाई। पत्रकारिता में उन्होंने ज्वलंत लेख लिखकर ख्याति प्राप्त की। चिंतक, मनीषी, कुशल राजनीतिज्ञ, अद्वितीय संगठनकर्ता एवं राष्ट्रचेता पं. दीनदयालजी की संपूर्ण जीवन-कथा, जो हर चिंतनशील भारतीय के मन-मस्तिष्क को राष्ट्रवाद के भाव से ओत-प्रोत कर देगी।
UPTET VASTUNISTH SHRINKHLA HINDI BHASHA PAPER-I EVAM PAPER-II
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mata Jijabai
- Author Name:
Priya Ghatwai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Book of Happiness
- Author Name:
Jagdish Gupta
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’ Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...