Super Memory: How To Develop, Train, and Use It
Author:
William Walker AtkinsonPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
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Price: ₹ 240
₹
300
Available
It needs a minimal argument to convince the average thinking person of the great importance of memory. Although even then, very few begin to realise just how important the function of the mind is, that has to do with the retail of mental impressions
The first thought of an average person, when asked to consider the importance of memory, is its use in everyday happenings along developed and cultivated lines, as contrasted with the lesser degrees of its development.
In short, one generally thinks of memory in its phase of a "good memory" as contrasted with the opposite phase of a "poor memory." But there is a much broader and fuller meaning of the term than that of even this significant phase.
ISBN: 9789355218384
Pages: 160
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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ये पुस्तक पढ़नेवाले हिन्दीभाषी सहृदय पाठकों का सविनय धन्यवाद, जिनकी दृष्टि का जल मिलने से ही तो यह पन्ने पल्लवित होंगे।
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''हमारी परम्परा में गद्य को कवियों का निकष माना गया है। रज़ा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम इधर सक्रिय भारतीय कवियों के गद्य के अनुवाद की एक सीरीज़ प्रस्तुत कर रहे हैं। इस सीरीज़ में बाङ्ला के मूर्धन्य कवि शंख घोष के गद्य का संचयन दो खंडों में प्रकाशित हो चुका है। अब गुजराती कवि सितांशु यशश्चन्द्र के गद्य का हिन्दी अनुवाद दो जिल्दों में पेश है। पाठक पाएँगे कि सितांशु के कवि-चिन्तन का वितान गद्य में कितना व्यापक है—उसमें परम्परा, आधुनिकता, साहित्य के कई पक्षों से लेकर कुछ स्थानीयताओं पर कुशाग्रता और ताज़ेपन से सोचा गया है। हमें भरोसा है कि यह गद्य हिन्दी की अपनी आलोचना में कुछ नया जोड़ेगा।" —अशोक वाजपेयी
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