Pt. Deendayal Upadhyaya
Author:
Mahesh Chandra SharmaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 76
₹
95
Available
‘‘हमारी राष्ट्रीयता का आधार ‘भारत माता’ हैं, केवल भारत नहीं। माता शब्द हटा दीजिए तो भारत केवल जमीन का एक टुकड़ा मात्र रह जाएगा। इस भूमि का और हमारा ममत्व तब आता है, जब माता वाला संबंध जुड़ता है। कोई भी भूमि तब तक देश नहीं कहला सकती, जब तक कि उसमें किसी जाति का मातृक ममत्व, यानी ऐसा ममत्व, जैसा पुत्र का माता के प्रति होता है, न हो। वही देशभक्ति है, तथापि देशभक्ति का मतलब जमीन के टुकड़े के साथ प्रेम होना मात्र नहीं है, अन्यथा कई पशु-पक्षी भी तो अपने घर से बहुत प्रेम करते हैं। साँप अपना बिल नहीं छोड़ता, शेर माँद में ही निवास करता है, पक्षी अपने घोेंसले में रोज लौट आते हैं, किंतु वे देशभक्त हैं, ऐसा नहीं कहा जा सकता। मानव भी जहाँ रहता है, वहाँ से उसका कुछ-न-कुछ लगाव हो ही जाता है, फिर भी इतने मात्र से देशभक्ति नहीं आती। उन लोगों का प्रेम ही देशभक्ति कही जाएगी जो देश में एक जन के नाते संबद्ध हैं। पुत्र रूप एक जन और माता रूप भूमि के मिलन से ही देश की सृष्टि होती है। वही देशभक्ति है, जो अमर है।’’
—पं. दीनदयाल उपाध्याय
ISBN: 9789386231772
Pages: 80
Avg Reading Time: 3 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Dr. Ambedkar Ki Virasat Aur Drishti | Ambedkar’s Vision For Rights, Justice, and Equality
- Author Name:
Ashok Choudhary
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Swayam Prakash ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Swayam Prakash
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Adhoore Se Poore "अधूरे से पूरे" Book In Hindi
- Author Name:
Ravi Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Fostering Innovations in Students
- Author Name:
Vigyan Ratna Lakshman Prasad
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
37 Years NEET Chapterwise & Topicwise Solved Papers Biology (2024-1998) | As Per NCERT Class 11 & 12 Include New Syllabus PYQs Question Bank For 2025 Exam
- Author Name:
Dr. Yatindra Singh +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pratirodh: The Resistance—Spotlighting the Rajputana, Maratha and Sikh campaign against Aurangzeb
- Author Name:
Lt General Dalip Singh
- Book Type:

- Description: Cast in the backdrop of the Mughal era during the reigns of Aurangzeb and his successors, Pratirodh is a saga of the relentless resistance by a few brave men against a seemingly invincible Empire to protect their honour and way of life. In response to the rather partisan policies of Mughal emperors, a number of personalities came forward in different parts of Hindustan, to lead people in resisting the tyranny. Though the geographical dispersion precluded any visible unified approach, they were indirectly benefitted by each other. When Aurangzeb got cowed down in Rajputana against the unified resistance of Marwar and Mewar, it provided much needed succour to the great Shivaji and Guru Govind Singh to regroup and consolidate forces in their respective areas. The credit for tying down the Mughals for the longest period in history goes to the Marathas; this also acted as a lifeline to the Sikhs, Rajputs, Bundelas and Jats. Rajputs and Sikhs repaid their debt to Marathas by keeping the Mughals, post Aurangzeb, completely embroiled in Punjab and Rajputana, and indirectly paving the way for an almost unchallenged rise of the Marathas. The prolonged resistance witnessed the supreme sacrifices of numerous unsung heroes of medieval history. Through unmatched grit and determination, they succeeded in bringing down the mighty Empire to its knees, eventually leading to its demise.
BPSC BIHAR SHIKSHAK BAHALI CLASS 6 TO 12 PRATHMIK GANIT
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gandhivadi Kaka Kalelkar
- Author Name:
Prakhar Kundan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vinoba Ke Uddharan
- Author Name:
Nandkishore Acharya
- Book Type:

-
Description:
विनोबा की दृष्टि में उच्चतम कोटि का साहित्य मूलत: सत्यान्वेषण की स्वायत्त प्रक्रिया है—अनुभूत्यात्मक अन्वेषण की प्रक्रिया—और इसीलिए, वह उसे विज्ञान और आत्मज्ञान के समकक्ष—बल्कि शायद अधिक महत्त्वपूर्ण दर्जा देते हैं तथा साहित्य की शक्ति को 'परमेश्वर की शक्ति के बराबर' मानते हैं। साहित्यकारों की एकाधिक कोटियों को स्वीकार करते हुए भी वह सर्वाधिक महत्त्व उन साहित्यकारों को देते हैं, जिन्होंने किसी नए मार्ग का अन्वेषण किया होता है।
यह प्रक्रिया, विनोबा के अनुसार, केवल लेखक तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि पाठक या ग्रहीता में भी घटित होती है। वह, इसलिए अर्थ की निश्चितता को उत्तम साहित्य का गुण नहीं मानते। कह सकते हैं कि उत्तर-आधुनिकतावादी साहित्य-चिन्तकों की तरह वह साहित्यिक रचनात्मकता को अर्थ की निरंकुशता से मुक्ति के पक्षधर हैं। विनोबा उन साहित्यिक सैद्धान्तिकों की पंक्ति में आ खड़े होते हैं जो अर्थ या तात्पर्य को पाठकाश्रित मानते हैं। वह मानते हैं कि किसी रचना के न केवल परस्पर विरोधी भाष्य लिखे जा सकते हैं, बल्कि ऐसा भी भाष्य लिखा जा सकता है, जो स्वयं लेखक के अपने मन्तव्य के विरोध में हो और सम्भव है कि न केवल अन्य लोग, बल्कि स्वयं लेखक भी उसे स्वीकार कर ले। साहित्य के सत्य की अनुभूत्यात्मक प्रक्रिया होने के कारण विनोबा अपनी अनुभूति के प्रति निष्ठा को साहित्यकार के लिए अनिवार्य मानते हैं—यही साहित्यकार की नैतिकता है।
विनोबा के साहित्य-चिन्तन से सम्बन्धित लेखों और टिप्पणियों का यह चयन साहित्य-अध्येताओं की ही नहीं, सामान्य पाठक-वर्ग की साहित्यिक समझ को भी निश्चय ही उत्प्रेरित कर सकेगा, ऐसी उम्मीद की जा सकती है।
—प्रस्तावना से
''हमारे समय में ऐसे लोग विरले हैं जो किसी अन्य क्षेत्र में सक्रिय और निष्णात होते हुए साहित्य के बारे में कुछ विचारपूर्वक लिखें-कहें। महात्मा गाँधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी और अपने समय में अनूठे सन्त विनोबा भावे ने साहित्य पर कई बार विचार किया है जो अकसर हमारे ध्यान में नहीं आया और आता है। वरिष्ठ कवि-आलोचक नन्दकिशोर आचार्य ने विनोबा के साहित्य-चिन्तन को संकलित कर साहित्य पर सोचने की नई और विस्मृत दृष्टि को पुनरुज्जीवित किया है। हमें प्रसन्नता है कि रज़ा साहब के अत्यन्त प्रिय विनोबा जी की यह सामग्री हम प्रस्तुत कर रहे हैं।"
—अशोक वाजपेयी
Bharatiya Sanskritik Moolya
- Author Name:
Dr. Bajrang Lal Gupta
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Major Shaitan Singh, PVC: The Man In Half Light | A Complete Biography
- Author Name:
Jai Samota
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Narendra Modi Aur Nari Shakti Vandan "नरेंद्र मोदी और नारी शक्ति वंदन" |India Developed Through Women Empowerment | Book in Hindi
- Author Name:
Mamta Chandrashekhar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nav Media Aur Bhasha | Hindi is Being Used In Facebook And Twitter | Vijaya Singh Book in Hindi
- Author Name:
Vijaya Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahayoddha Ki Mahagatha
- Author Name:
Manjeet Negi
- Book Type:

- Description: भारत के प्रथम सी.डी.एस. जनरल बिपिन रावत अदम्य इच्छाशक्ति और अपूर्व दूरदृष्टि-संपन्न महायोद्धा थे । अपने सैन्य जीवन में उन्होंने प्रखत्ता और तेजस्विता के साथ नेतृत्व किया। उन्हें मालूम था कि वे जिस मिशन पर आगे बढ़ रहे हैं, वह देशहित के लिए है, दूरदर्शी व दूरगामी है; भारतीय सेना के भविष्य की बेहतरी के लिए है। भले ही यह उनके लिए काँटों भरा ताज रहा हो, पर वे कभी नहीं डिगे। उन्होंने सेनाओं में जितने भी सुधार लागू किए, उन्हें पहले खुद पर भी लागू किया। सेनाओं में नैतिक मूल्यों और भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई। वे सेनाओं में 'मेक इन इंडिया' के सबसे बड़े पुरोधा थे। उन्होंने डी.आर. डी.ओ. और सेनाओं के भीतर अंतर्विरोध के बावजूद देश में हथियार और सैन्य साजो-सामान बनाने पर पूरा जोर दिया। जनरल बिपिन रावत का विराट व्यक्तित्व, दृढ़ चरित्र और बेहतरीन कार्य कौशल, अतिसामान्य सरल व्यवहार, सबकुछ इतना स्वाभाविक और गैर-बनावटीपन वाला तथा प्रभावोत्पादक था कि जो उनसे एक बार भी मिलता, सहज ही प्रभावित हो जाता। उनकी सैन्य रणनीतियाँ, कार्य-तत्परता, अध्ययन, विश्लेषण, बेखौफ, बेलौस, बेबाक बयानगी, उनकी कर्मशीलता, उनकी मानवीय न्यायप्रियता तथा भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस किसी भी निष्पक्ष और निरपेक्ष को उनके पक्ष में कर देता था। भारतीयों के गौरवपुरुष जनरल बिपिन रावत के पराक्रमी और प्रेरक जीवन की यशोगाथा है यह कृति।
B.Sc Nursing General Nursing and Midwifery (GNM) Training Selection Examination 2023 Guide with Practice Sets in Hindi
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kasba "कस्बा" Stories Books | Some Intersting Stories Set Between City And Village
- Author Name:
Sanjay Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ramvilas Sharma Ke Patra
- Author Name:
Ramvilas Sharma
- Book Type:

- Description: लेखकों और कलाकारों के पत्रों में एक विशेष क़िस्म की ऊष्मा होती है। कारण कि वे अपने समय को न सिर्फ़ गहराई से देखते हैं, बल्कि उस पर एक विशेष नज़रिये से विचार भी करते हैं। इस पुस्तक में रामविलास शर्मा द्वारा लिखे गए पत्रों को खोजकर संकलित किया गया है। रामविलास जी हिन्दी आलोचना के बड़े स्तम्भ रहे हैं, और आज भी हैं। उन्होंने भाषा तथा साहित्य पर विपुल लेखन किया। इन पत्रों में हमें उनका एक अलग और बहुत आत्मीय रूप दिखाई देता है। उनके पत्रों को लेकर कुछ पुस्तकें पहले भी प्रकाशित हो चुकी हैं लेकिन उनमें उनके लिखे पत्र कम ही हैं। उन्हें लिखे गए पत्रों की संख्या ज़्यादा है। उनके लिखे पत्रों को एक ज़िल्द में उपलब्ध कराने की मंशा ही इस पुस्तक की वजह बनी। इन पत्रों को प्राप्त करने के लिए सम्बन्धित लोगों से पत्र-व्यवहार से लेकर साहित्यिक पत्रिकाओं में विज्ञापन तक दिए गए। इसके अलावा भी हर सम्भावित व्यक्ति से सम्पर्क किया गया, तब जाकर यह सामग्री एकत्र हो पाई। इन पत्रों में रामविलास जी की सहज संवेदना तो दिखाई देती ही है, पत्र पाने वालों की दैनन्दिन समस्याओं के प्रति गम्भीर सहानुभूति भी दृष्टिगोचर होती है। रामविलास जी की साहित्येतर रुचियों की जानकारी भी हमें इनसे मिलती है। कहने की ज़रूरत नहीं कि यह एक दस्तावेज़ी और संग्रहणीय पुस्तक है।
Shramana Shabari Ke Ram
- Author Name:
Mahakavi Avadhesh
- Book Type:

- Description: जब न बेर कुछ बचे राम ने लखा निकट का कोना, देखा क्षत-विक्षत बेरों का पड़ा दूसरा दोना। बोले वह भी लाओ भद्रे! वे क्यों वहाँ छिपाए, होंगे और अधिक मीठे वे लगते शुक के खाए। उठा लिया था स्वयं राम ने अपना हाथ बढ़ाकर, तभी राम का कर पकड़ा था श्रमणा ने अकुलाकर। प्रभु! अनर्थ मत करो, लीक संस्कृति की मिट जाएगी, जूठे बेर भीलनी के खाए, दुनिया गाएगी। हुआ महा अघ यह मैंने ही चख-चखकर छोड़े थे, जिस तरु के अति मधुर बेर थे, वही अलग जोड़े थे। किंतु किसे था भान, प्रेम से तन-मन सभी रचा था, कहते-कहते बेर राम के, मुख में जा पहुँचा था। छुड़ा रही थी श्रमणा, दोना राम न छोड़ रहे थे, हर्ष विभोर सारिका शुक ने तब यों वचन कहे थे। जय हो प्रेम मूर्ति परमेश्वर, प्रेम बिहारी जय हो, परम भाग्य शीला श्रमणा भगवती तुम्हारी जय हो। —इसी महाकाव्य से ——1—— रामायण में प्रभु की भक्त-वत्सलता और भक्त की भक्ति की मार्मिक कथा की नायिका श्रमणा पर भावपूर्ण महाकाव्य।
Bharat Ke Bachche
- Author Name:
Raskin Bond
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Main Ambedkar Bol Raha Hoon
- Author Name:
Dinkar Kumar
- Book Type:

- Description: “जो कुछ मैं कर सका, वह जीवन भर मुसीबतें सहन करके विरोधियों से टक्कर लेने के बाद कर पाया हूँ। जिस कारवाँ को आप यहाँ देख रहे हैं, उसे मैं अनेक कठिनाइयों से यहाँ ला पाया हूँ। अनेक अवरोधों, जो इसके मार्ग में आ सकते हैं, के बावजूद इस कारवाँ को बढ़ते रहना है। अगर मेरे अनुयायी इसे आगे ले जाने में असमर्थ रहे तो उन्हें इसे यहीं पर छोड़ देना चाहिए, जहाँ पर यह अब है; पर किन्हीं भी परिस्थितियों में इसे पीछे नहीं हटने देना है। मेरी जनता के लिए मेरा यही संदेश है।”
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.