Periyar Lalai Singh Granthawali : Vols. 1-5
Author:
Periyar Lalai SinghPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 2000
₹
2500
Available
मैं तो यही कहूँगा कि वर्णाश्रम धर्म, गहरी मानवीय असमानता के प्रति हमें सहिष्णु बनाता है। यह असमानता कई अलग-अलग स्वरूपों में प्रकट होती है। इसमें शामिल हैं—आर्थिक, सामाजिक, पितृसत्ता, लैंगिकता, जाति प्रथा, आध्यात्मिक और सोच आदि की असमानता। ये एक-दूसरे को क्रमवार मजबूती देती हैं। भारतीय समाज इसके क्रूर दमन पर आधारित है। पूरी दुनिया में जिसकी कोई और मिसाल मिलना मुश्किल है।</p>
<p>भारत के सभी सत्ताधारी वर्णाश्रम धर्म के मौन समर्थक हैं, ऐसा नहीं है, मुझे ऐसा लगता है कि वर्णाश्रम धर्म, वर्तमान सत्ताधारी पार्टी की विचारधारा, हिन्दुत्व, का अभिन्न अंग है। इसके प्रवक्ता गोलवलकर ने साफ शब्दों में लिखा था कि वर्ण और आश्रम, समाज में हिन्दू ढाँचे की विशेषताएँ हैं।</p>
<p>भारत में हिन्दुत्ववादी आन्दोलन के समर्थक वर्ण, आश्रम और जाति-प्रथा के सार्वजनिक व्यख्याता और प्रशंसक हैं। अगर नरमपंथी—हिन्दू राष्ट्रवादी, वर्णाश्रम धर्म के विरोध में हैं, तो वे हिन्दुत्व के प्रखर विरोध के लिए आगे क्यों नहीं आते हैं! और समतामूलक सोच और समाज का अभियान क्यों नहीं चलाते? यह ग्रंथ और पेरियार ललई सिंह का चिन्तन इसी बात को चरितार्थ करता है।</p>
<p>—ज्यां द्रेज
ISBN: 9789391950712
Pages: 193
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Gautam Buddha ki Prerak Kahaniyan
- Author Name:
Mukesh 'Nadan'
- Book Type:

- Description: "गौतम बुद्ध तथागत नाम से भी जाने गए। गौतम बुद्ध ने अपने सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार में जाति व्यवस्था का भी घोर विरोध किया था। उन्होंने मानव-मानव की समानता पर बल दिया। उन्होंने जन्म को न मानकर बुद्धि तथा चरित्र के आधार को छोटे-बड़े होने का मापदंड माना है। उन्होंने घोषणा भी की थी कि मनुष्य जन्म से नहीं, अपितु कर्म से ब्राह्मण अथवा शूद्र होता है। गौतम बुद्ध द्वारा अनेक ऐसी बातों का प्रचार किया गया, जो आज भी मानव को एक-दूसरे से प्रेम, सद्भाव, दया और भाईचारे का संदेश देती हैं। इन्हीं संदेशों से प्रेरित गौतम बुद्ध की अनेक कथाएँ समाज-जीवन में प्रचलित हैं, जो मानव को असीम ज्ञान की ओर प्रेरित करती हैं। प्रस्तुत पुस्तक में ऐसी भी कुछ कथाओं को संगृहीत किया गया है, जो गौतम बुद्ध के जन्म से लेकर निर्वाण तक की घटनाओं का वर्णन करती हैं तथा उनके आचार-विचार से ओतप्रोत हैं। अपने शिष्यों को समय-समय पर उपदेश देते हुए उन्होंने अनेक कथाओं को उदाहरणार्थ समझाने का प्रयास किया और उन्हीं कथाओ का प्रचार-प्रसार उनके शिष्यों ने भी आगे किया। कथाएँ पूर्ण रूप से शिक्षात्मक एवं संस्कारित हैं। हमें आशा ही नहीं, अपितु पूर्ण विश्वास है कि गौतम बुद्ध की ये पठनीय कथाएँ अवश्य ही प्रत्येक वर्ग के पाठकों को ज्ञान का बोध कराने में सहायक सिद्ध होंगी और समरस समाज बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। "
Bhujia ke Badshah
- Author Name:
Pavitra Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
UTTARAKHAND KE LOKNRITYA
- Author Name:
Garvit Shah
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Birbal Sahni
- Author Name:
Anil Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shabda-Sandhaan: Comprehensive Study of Hindi Grammar
- Author Name:
Kamlesh Kamal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Qarz
- Author Name:
Vidya Vindu Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
R.K. Narayan Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
R.K. Narayan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
China : Ek Arthik Va Bhoo-Rajneetik Chunauti
- Author Name:
Bhagwati Prakash Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sack ke muqabil
- Author Name:
Vasindra Mishra
- Book Type:

- Description: Politics
Kala Aur Sanskriti
- Author Name:
Vasudev Sharan Agarwal
- Book Type:

-
Description:
कला और संस्कृति' समय-समय पर लिखे हुए मेरे कुछ निबन्धों का संग्रह है। 'संस्कृति' मानव जीवन की प्रेरक शक्ति और राष्ट्रीय जीवन की आवश्यकता है। वह मानवी जीवन को अध्यात्म प्रेरणा प्रदान करती है। उसे बुद्धि का कुतूहल मात्र नहीं कहा जा सकता। संस्कृति के विषय में भारतीय दृष्टिकोण की इस विशेषता का प्रस्तुत लेखों में विशद वर्णन किया गया है।
लोक का जो प्रत्यक्ष जीवन है, उसको जाने बिना हम मानव जीवन को पूरी तरह नहीं समझ सकते। कारण भारतीय संस्कृति में सब भूतों में व्याप्त एक अन्तर्यामी अध्यात्म तत्त्व को जानने पर अधिक बल दिया गया है। हमारी संस्कृति उन समस्त रूपों का समुदाय है जिनकी सृष्टि ही मानवीय प्रयत्नों में यहाँ की गई है। उनकी उदात्त प्रेरणाओं को लेकर ही हमें आगे बढ़ना होगा। स्थूल जीवन में संस्कृति की अभिव्यक्ति ‘कला' को जन्म देती है। कला का सम्बन्ध जीवन के मूर्त रूप से है। कला मानवीय जीवन की अनिवार्य आवश्यकता है। वह कुछ व्यक्तियों के विलास साधन के लिए नहीं होती। वह शिक्षण, आनन्द और अध्यात्म साधना के उद्देश्य से आगे बढ़ती है। इसी से जहाँ जो सौन्दर्य की परम्परा बची है, उसे सहानुभूति के साथ समझ कर पुन: विकसित करना होगा। भारतीय कला न केवल रूप विधान की दृष्टि से समृद्ध है, वरन् उसकी शब्दावली भी अत्यन्त विकसित है। समय रहते कला की पारिभाषिक शब्दावली की रक्षा करना भी हमारा आवश्यक कर्त्तव्य है।
अन्त में यह कहा जा सकता है कि पूर्व मानव के जीवन में जो महत्त्व धर्म और अध्यात्म का था, वही अपने वाले युग में कला और संस्कृति को प्राप्त होगा।
—भूमिका से
Panchkon
- Author Name:
Smt. Simmi Harshita
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
DHANYAWAD (THANK YOU)
- Author Name:
Shaurya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Brhat Visva Sukti Kosa-II
- Author Name:
Shyam Bahadur Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hind Swaraj
- Author Name:
Mohandas Karamchand Gandhi
- Book Type:

- Description: "सन् 1909 में लंदन से दक्षिण अफ्रीका लौटते हुए जहाज पर हिंदुस्तानियों के हिंसावादी पंथ को और उसी विचारधारावाले दक्षिण अफ्रीका के एक वर्ग को दिए गए जवाब के रूप में लिखी यह पुस्तक पहले-पहल दक्षिण अफ्रीका में छपनेवाले साप्ताहिक ‘इंडियन ओपीनियन’ में प्रगट हुई थी। लिखने के एक सौ वर्ष बाद भी यह इतनी प्रासंगिक और विचारशील कृति है कि यह बालक के हाथ में भी दी जा सकती है। यह द्वेषधर्म की जगह प्रेमधर्म सिखाती है; हिंसा की जगह आत्म-बलिदान को रखती है; पशुबल से टक्कर लेने के लिए आत्मबल को खड़ा करती है। हिंदुस्तान अगर प्रेम के सिद्धांत को अपने धर्म के एक सक्रिय अंश के रूप में स्वीकार करे और उसे अपनी राजनीति में शामिल करे, तो स्वराज स्वर्ग से हिंदुस्तान की धरती पर उतरेगा। ‘हिंद स्वराज’ में बताए हुए संपूर्ण जीवन-सिद्धांत को आचरण में लाने से राष्ट्र के सामने जो प्रश्न हैं, समस्याएँ हैं, उनका उत्तर और समाधान खोजने में मदद मिलेगी।
Shivaji-Guru Samarth Ramdas
- Author Name:
Shubhangi Bhadbhade
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Leo Tolstoy Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Leo Tolstoy
- Rating:
- Book Type:

- Description: "‘‘क्या वे लोग खेत जोत रहे हैं? क्या उन लोगों ने अपना काम खत्म कर लिया?’’ ‘‘उन लोगों ने आधे से अधिक खेत जोत लिये हैं।’’ ‘‘क्या कुछ भी काम बचा नहीं है?’’ ‘‘मुझे तो नहीं दिखा; पर उन्होंने जुताई अच्छी तरह से की है। वे सभी डरे हुए हैं।’’ ‘‘ठीक है। अब तो जमीन ठीक हो गई है न?’’ ‘‘हाँ, अब खेत तैयार हैं और उनमें अफीम के पौधों के बीज डाले जा सकते हैं।’’ मैनेजर थोड़ी देर चुप रहने के बाद बोला, ‘‘वे लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं? क्या वे मुझे गाली देते हैं?’’ बूढ़ा कुछ हकलाने लगा, पर माइकल ने उसे सच बोलने के लिए कहा, ‘‘तुम मुझे सच बताओ। तुम अपने शब्द नहीं, बल्कि किसी और के शब्द बोल रहे हो। यदि तुम मुझे सच-सच बताओगे, तब मैं तुमको इनाम दूँगा; और अगर तुम मुझे धोखा दोगे तो ध्यान रखना, मैं तुम्हें बहुत मारूँगा। कर्तुशा! इसे एक गिलास वोदका दो, ताकि इसमें साहस पैदा हो।’’ —इसी संग्रह से • सुप्रसिद्ध रूसी कथाकार लियो टॉलस्टॉय ने जीवन के सभी पक्षों पर प्रभावी रचनाएँ की हैं। उन्होंने धर्म में व्याप्त पाखंड तथा तत्कालीन कुरीतियों को अनावृत किया। मनोरंजन के साथ-साथ मन को उद्वेलित करनेवाली सरस टॉलस्टॉय की लोकप्रिय कहानियों का संग्रह।"
Viveki Rai ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Viveki Rai
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC Bihar Shikshak Bahali Class 9 To 10 Vigyan 20 Practice Sets Based on SCERT And NCERT With Latest Solved Paper Tre 4.0
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharat Ka Veer Yoddha Maharana Pratap
- Author Name:
Sushil Kapoor
- Book Type:

- Description: "अपनी आन के पक्के महाराणा प्रताप को मेवाड़ का शेर कहा जाता है। हल्दीघाटी के युद्ध में वह मुगल सेना से हार गए और उन्हें जंगलों में अपने परिवार के साथ शरण लेनी पड़ी। वहाँ कई-कई दिन उन्होंने भूखे-प्यासे और घास-पात की रोटियाँ खाकर गुजारे। महाराणा प्रताप का जन्म सिसोदिया राजपूतों के वंश में हुआ। उनके पिता उदय सिंह स्वयं एक प्रबल योद्धा थे। उन्होंने कभी मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके। युद्ध से बचने के लिए आस-पास के कई राजपूत राजाओं ने अपनी पुत्रियों के विवाह अकबर के साथ कर दिए, लेकिन उदय सिंह ने वैसा नहीं किया। महाराणा प्रताप ने भी अपने पिता की नीति का अनुसरण किया। मुगल बादशाह अकबर को यह बात बहुत खटकती थी। इसी का बदला लेने के लिए उसने मानसिंह और राजकुमार सलीम के नेतृत्व में सेना भेजी। हल्दीघाटी के मैदान में हुए युद्ध में महाराणा प्रताप के अंतिम सैनिक तक ने बलि दे दी। तब जाकर मुगल सेना बढ़त बना पाई। जंगल में भूख से बिलबिलाते बच्चों को महाराणा प्रताप कब तक देख पाते। आखिर उन्होंने अकबर को आत्मसमर्पण का खत लिखने का फैसला किया। लेकिन तभी देशभक्त भामा शाह मदद लेकर आ गया। आगे फिर संघर्ष जारी रखा। साहस, शौर्य, निडरता, राष्ट्रप्रेम और त्याग की प्रतिमूर्ति भारत के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की प्रेरणाप्रद जीवनी। "
Stock Market Ke 50 Superheroes "स्टॉक मार्केट के 50 Superheroes" | Idea to Successful Investment in Stock Market | Secret Success of Famous Investors | Book in Hindi
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...