Dhoop-Chhanva (Hindi Stories)
Author:
Pushpa SaxenaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Available
अटूट रिश्ता—क्षमा कीजिए पिताजी, जिस घर में प्रवेश के लिए मेरे पति जीवन भर तड़पते रहे, उस घर में प्रवेश के लिए मेरे कदम नहीं उठ सकते।
प्रेम-दीवानी—थैंक्स विनी, पर मुझे इसकी कीमत नहीं चाहिए। पेड़ों से झरी इन पत्तियों को मैंने एक नया रूप दिया है, मेरा यही पुरस्कार है। मारिया ने कहा।
धूप-छाँव—ब्रोकेन फैमिली का दर्द झेलता धूप-छाँव का जैकी और अकस्मात् का रिचर्ड, क्या किसी का प्यार उन्हें खुशी देता है?
चाहत की आहट और प्यार की सजा—मनोरंजक कहानियाँ हैं, नायिका अपनी मजेदार बातों से अपनी चाहत को अपना प्रेमी बनने को कैसे विवश कर देती हैं।
क्रिसमस की एक रात—अतुल के क्षमा माँगने पर भी पूजा क्यों उसे दंडित कराने का निर्णय लेती है।
प्यार के रंग—अमेरिका गई गीता रोनाल्ड के प्यार के शब्दों से मोहाविष्ट है। देव और रोनाल्ड के प्रेम के बीच गीता किसे चुनेगी?
इंतजार—कैंसरग्रस्त इरा का अमर के नाम अंतिम पत्र।
अकस्मात्—कहानी में रिचर्ड ने क्यों कहा, राम और सीता की न सही, रिचर्ड और मीता की जोड़ी खूब जमेगी। जॉन की गिफ्ट—दो नन्हे भाई-बहनों के प्यार की कहानी, जो आँखें नम कर देंगी।
मानसी इन वंडरलैंड—काली बिल्ली, अजायब घर का नमूना कहकर जेम्स जिस मानसी का उपहास करता था, क्यों उसी काली बिल्ली के साथ प्यार कर बैठता है?—इसी पुस्तक से
संग्रह की विविध विषयक चौदह इंद्रधनुषी कहानियाँ कहीं पाठकों को प्रेम-रस में सरोबार कर मुग्ध करती हैं तो कभी जीवन के सच से परिचित कराती हैं। जीवन के विविध राग रोचक कहानियों की वस्तु बनते हैं। पुष्पा जी की कहानियाँ अचानक किसी घटना, कोई मन को छूनेवाली बात, किसी का साथ या किसी दृश्य आदि से प्रभावत होने पर लिखी गई प्रतीत होती हैं। इन कहानियों में परिवेश का महत्त्व स्पष्ट दिखाई देता है। कहानियों के परिचित परिवेश में पात्र सजीव नजर आते हैं।
ISBN: 9788196087289
Pages: 178
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
You Too Can Be An Intelligent Investor
- Author Name:
Mahesh Chandra Kaushik
- Book Type:

- Description: The stock market is volatile and investors want to take advantage of these fluctuations. For this reason, when the market rises, they buy shares at high prices in the hope that the market will rise even more, and when the market starts falling, they sell the shares at a very low rate based on the concept of stop loss. But by doing so, they convert themselves into speculators instead of an investor. A smart and intelligent investor must always analyse the long-term growth potential of a company and the efficiency of its management before making an investment. This book is a Complete Guide to Investing in Stock Markets, Real Estate, Mutual Funds, Commodities and Currencies; Key Investing Facts from New Investments to Advanced Level in One Book. Special Attractions of this book: 1. Super Breakout Method for Intraday 2. I-5 Methods for Regular Monthly Income from NiftyBeez 3. Flow Method of Investing in Commodities Like Gold and Silver 4. Calendar Spread Method of Currency Trading
Samyavad Ka Sach
- Author Name:
Satish Chandra Mittal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Swapna Aur Yatharth : Azadi Ki Aadhi Sadi
- Author Name:
Puran Chandra Joshi
- Book Type:

- Description: पूरनचन्द्र जोशी की यह कृति ‘स्वप्न और यथार्थ : आज़ादी की आधी सदी’ सारगर्भित आठ निबन्धों और दो संवादों का एक विचारोत्तेजक भूमिका के साथ तैयार किया गया अत्यन्त महत्त्वपूर्ण संग्रह है। भारतीय इतिहास के इस निर्णायक कालखंड का समाज–विज्ञान की बहुआयामी और बहुमुखी—ऐतिहासिक, तुलनात्मक और मानकीय—दृष्टियों से अवलोकन, विवेचन और मूल्यांकन ही इन निबन्धों की विशेषता है। वैचारिकता और संवेदना के मेल में ही इन निबन्धों की ताज़गी और जीवन्तता है। यह संग्रह अर्थ, समाज, राजनीति, संस्कृति और इतिहास के विद्वानों के लिए इस महत्त्वपूर्ण कालखंड पर नई दृष्टि, व्याख्याएँ और नए निष्कर्ष प्रस्तुत तो करता ही है; सम्भावनाओं और अवरोधों, उपलब्धियों और अपूर्णताओं के द्वन्द्व की इस आधी सदी की विस्तार और गहराई में खोज के नए क्षितिज के उजागर के साथ यह देश की, विशेषकर हिन्दी प्रदेश की, वर्तमान दुविधाग्रस्त स्थिति और दिशाहीन भविष्य से चिन्तित विचारशील नागरिक समुदाय को भी नई सोच, नई चेतना और नई दिशा के संघर्ष में भागीदार बनाता है। उपनिवेशवाद से स्वायत्त राष्ट्रवाद में संक्रमण की यह आधी सदी क्यों विशाल जन–साधारण के लिए स्वप्न–भंग बनती गई है और उसे ‘चरैवेति चरैवेति’ की चुनौती में बदलने की वैचारिक दिशा और रणनीति क्या होगी, इस खोज में ही इस संकलन की सार्थकता है। संक्रमण के इस दौर में प्रभुत्व के आकांक्षी नव मध्यमवर्ग और सच्चे ‘स्वराज’ से वंचित जन–साधारण के बीच अलगाव और टकराव जहाँ इस त्रासदी के मुख्य कारण हैं, वहाँ प्रबुद्ध बुद्धिजीवी समुदाय और सचेत जनसाधारण के बीच संवाद द्वारा ही इस त्रासदी से मुक्ति सम्भव है। जोशी जी के मत में यही नवजागरण और स्वाधीनता संघर्ष की असली विरासत है और आज के दौर का आग्रह भी। इस दृष्टि से स्वप्न और यथार्थ एक शोध–ग्रन्थ ही नहीं, जन–मुक्ति का घोषणा–पत्र भी है।
The Little Book of Rumi
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Rating:
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Intelligence Bureau (IB-ACIO) Assistant Central Intelligence Officer Grade II/Executive Primary Recruitment Examination 20 Practice Sets Book in Hindi
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Partitioned Freedom
- Author Name:
Ram Madhav
- Book Type:

- Description: At the stroke of the midnight on 14-15 August 1947, India secured independence. That moment also witnessed the tragic partition of India and birth of Pakistan. Nobody wanted it. Yet it couldn't be averted. Four decades earlier, in 1905, Bengal was partitioned by the British. A massive movement, called Vande Mataram Movement, was launched against it by the Indian National Congress. British were forced to annul partition of Bengal in 1911. A country that defeated the British designs to partition one province failed when the whole country was being partitioned four decades later. Why? What missteps had led to the disaster? Who were responsible? 'Partitioned Freedom' explores answers to these questions.
Gyan Ka Yug Aur Bharat
- Author Name:
Raghunath Anant Mashelkar/Vinod Kumar Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jwalamukhi Bhayankartam Prakritik Aapda
- Author Name:
Shyam Sunder Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
THE LIFE AND TIMES OF SARDAR VALLABHBHAI PATEL
- Author Name:
Sushil Kapoor
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
MPPEB Madhya Pradesh Shikshak Patrata Pariksha-2022
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Uska Shivalaya
- Author Name:
Shri Rajkumar Chaudhary
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Samkalin Bhartiya Chitrakala : Husain Ke Bahane
- Author Name:
Ashok Bhowmick
- Book Type:

- Description: Arts
Punashcha
- Author Name:
Mohan Rakesh
- Book Type:

- Description: सामान्यतः दो व्यक्तियों या परिवारों के बीच लिखे गए पत्र उनके निजी अख़बार होते हैं और साहित्यकारों के पत्र उनके जीवन एवं साहित्य के अन्तर्तम तक पहुँचने के चोर दरवाज़े। इस संग्रह में (सन् 1951 से 1969 तक) अठारह सालों के बीच मोहन राकेश और उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ एवं श्रीमती कौशल्या ‘अश्क’ द्वारा एक-दूसरे को लिखे गए लगभग सवा चार सौ पत्रों में से चुने हुए पत्र प्रस्तुत किए गए हैं। मोहन राकेश और उपेंद्रनाथ अश्क का व्यक्तित्व अपने बहुस्तरीय जटिल सम्बन्धों के कारण काफ़ी दिलचस्प और कुतूहल-भरा रहा है। उनके इन तमाम खतों में अश्क और राकेश के ख़ून की गर्मी, दिल की धड़कन, दिमाग़ी उथल-पुथल, बेताबी, बेसब्री, जद्दोजहद, हँसी-ख़ुशी, दुःख-दर्द, भाव-अभाव और आत्मीयता-अन्तरंगता के न मालूम कितने रंग बिखरे हुए मिलेंगे। उनके सम्मोहक व्यक्तित्व की तीखी-भीनी महक का भी अहसास होगा। हिन्दी साहित्य के जाने-माने मुँहफट अश्क और बेबाक राकेश के इन पत्रों से जिन पाठकों को किसी विस्फोट या हंगामे की उम्मीद है, उन्हें शायद किसी हद तक निराश होना पड़े। जिन्हें इन दोनों महत्त्वपूर्ण लेखकों और विशेषतः मोहन राकेश के रचनाशील अन्तर्मन को देखने तथा व्यक्तिगत जीवन-संघर्ष को जानने की अपेक्षा होगी, उन्हें इनके दर्शन यहाँ पूरी प्रामाणिकता एवं सहजता के साथ होंगे। तत्कालीन परिवेश, साहित्यिक-आन्दोलनों और हलचलों की तसवीर भी साफ दिखाई देगी। अश्क और राकेश के जीवन, साहित्य और उनके समय में दिलचस्पी रखनेवाले जिज्ञासुओं, अध्येताओं एवं इतिहासकारों को ये पत्र निश्चय ही इतिहास के कालजयी सन्दर्भ-स्रोत जैसे ज़रूरी और दस्तावेज़ी महत्त्व के प्रतीत होंगे। यह पुस्तक वास्तव में ‘राकेश और परिवेश : पत्रों में’ का पुनश्च ही है, और इसे उसकी पूरक के रूप में ही देखा जाना चाहिए।
Ek Indradhanush Zubeda Ke Naam
- Author Name:
Suryabala
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dastangoi���2-Pape
- Author Name:
Mahmood Farooqui
- Book Type:

-
Description:
महमूद फ़ारूक़ी, अनुषा रिजवी और उनके मुटूठी-भर साथियों ने दुनिया को दिखा दिया कि दास्तान अब भी ज़िन्दा है, या ज़िन्दा की जा सकती है। लेकिन उसके लिए दो चीज़ों की ज़रूरत थी; एक तो कोई ऐसा शख़्स जो दास्तान को बख़ूबी जानता हो और उससे मोहब्बत करता हो। ऐसा शख़्स आज बिलकुल मादूम नहीं तो बहुत ही कामयाब ज़रूर है। दूसरी चीज़ जो अहिया-ए-दास्तान के लिए लाजिम थी, वह था ऐसा शख़्स जो उर्दू ख़ूब जानता हो, फ़ारसी बकदरे-ज़रूरत जानता हो, और उसे अदाकारी में भी ख़ूब दर्क हो, यानी उसे बयानिया और मकालमा को ड्रामाई तीर पर अदा करने पर कुदरत हो। उसे उर्दू अदब की, दास्तान की, और ख़ास कर के हमारी ख़ुशनसीबी तसव्वुर करना चाहिए कि दास्तानगोई के दुबारा जन्म की दास्तान के लिए नागुज़िर मोतज़क्किरह वाला किरदार एक वक़्त में और एक जगह जमा हो गए। महमूद फ़ारूक़ी और मोहम्मद काजिम अपनी कही हुई दास्तानों पर मुश्तमिल एक और किताब बाज़ार में ला रहे हैं तो दास्तानगोई का एक जदीद रूप भी सामने आ चुका है।
–शम्मुर्रहमान फ़ारूकी
वक़्त का तक़ाज़ा था कि अमीर हमज़ा के मिज़ाज के अलावा और भी तरह की दास्तानें लोगों को सुनाई जाएँ। इसकी शुरुआत तो 2007 में ही हो गई थी जब मैं और अनुषा ने मिलकर तक़सीम-ए-हिन्द पे एक दास्तान मुरत्तब की थी जो पहली जिल्द में शामिल है। अमीर हमज़ा की दास्तानों का जादू हमेशा सर चढ़कर बोला है और आगे भी बोलता रहेगा। मगर आज के ज़माने में उन दास्तानों के अलावा भी बहुत से ऐसे अफ़साने हैं जो सुनाए जाने का तक़ाज़ा करते हैं। इसलिए रवायती दास्तानों को इख़्तियार करने के साथ-साथ मैंने और ऐसी चीज़ें तशकील दी हैं जिन्हें दास्तानजादियाँ कहें तो नामुनासिब ना होगा। ये दास्तानजादियाँ बिलवासता हमारे अहद को और दीगर सच्चाइयों और पहलुओं पर रोशनी डालती हैं जिन्हें हमारे सामईन और नाज़िरीन बेतकल्लुफ़ समझ सकते हैं।
–महमूद फ़ारूकी
Stree Kavita : Pahachan Aur Dwand
- Author Name:
Rekha Sethi
- Book Type:

- Description: एक मानवीय इकाई के रूप में स्त्री और पुरुष, दोनों अपने समय व यथार्थ के साझे भोक्ता हैं लेकिन परिस्थितियाँ समान होने पर भी स्त्री-दृष्टि दमन के जिन अनुभवों व मन:स्थितियों से बन रही है, मुक्ति की आकांक्षा जिस तरह करवटें बदल रही है, उसमें यह स्वाभाविक है कि साहित्यिक संरचना तथा आलोचना, दोनों की प्रणालियाँ बदलें। स्त्री-लेखन स्त्री की चिन्तनशील मनीषा के विकास का ही ग्राफ़ है जिससे सामाजिक इतिहास का मानचित्र गढ़ा जाता है और जेंडर तथा साहित्य पर हमारा दिशा-बोध निर्धारित होता है। भारतीय समाज में जाति एवं वर्ग की संरचना जेंडर की अवधारणा और स्त्री-अस्मिता को कई स्तरों पर प्रभावित करती है। स्त्री-कविता पर केन्द्रित प्रस्तुत अध्ययन जो कि तीन खंडों में संयोजित है, स्त्री-रचनाशीलता को समझने का उपक्रम है, उसका निष्कर्ष नहीं। पहले खंड, 'स्त्री-कविता : पक्ष और परिप्रेक्ष्य' में स्त्री-कविता की प्रस्तावना के साथ-साथ गगन गिल, कात्यायनी, अनामिका, सविता सिंह, नीलेश रघुवंशी, निर्मला पुतुल और सुशीला टाकभौरे पर विस्तृत लेख हैं। एक अर्थ में ये सभी वर्तमान साहित्यिक परिदृश्य में विविध स्त्री-स्वरों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उनकी कविता में स्त्री-पक्ष के साथ-साथ अन्य सभी पक्षों को आलोचना के केन्द्र में रखा गया है, जिससे स्त्री-कविता का बहुआयामी रूप उभरता है। दूसरा खंड, 'स्त्री-कविता : पहचान और द्वन्द्व' स्त्री-कविता की अवधारणा को लेकर स्त्री-पुरुष रचनाकारों से बातचीत पर आधारित है। इन रचनाकारों की बातों से उनकी कविताओं का मिलान करने पर उनके रचना-जगत को समझने में तो सहायता मिलती ही है, स्त्री-कविता सम्बन्धी उनकी सोच भी स्पष्ट होती है। स्त्री-कविता को लेकर स्त्री-दृष्टि और पुरुष-दृष्टि में जो साम्य और अन्तर है, उसे भी इन साक्षात्कारों में पढ़ा जा सकता है। तीसरा खंड, 'स्त्री-कविता : संचयन' के रूप में प्रस्तावित है...। इन सारे प्रयत्नों की सार्थकता इसी बात में है कि स्त्री-कविता के माध्यम से साहित्य और जेंडर के सम्बन्ध को समझते हुए मूल्यांकन की उदार कसौटियों का निर्माण हो सके जिसमें सबका स्वर शामिल हो।
Rajendra Yadav Rachanawali : Vols. 1-15
- Author Name:
Rajendra Yadav
- Book Type:

-
Description:
राजेन्द्र यादव आज़ाद हिन्दुस्तान की दहलीज़ पर तैयार खड़ी नौजवान पीढ़ी के उस समुदाय के सदस्य हैं जिसकी मानसिकता 20वीं सदी के तीसरे-चौथे-पाँचवें दशक में विश्वव्यापी निराशा और मोहभंग में संरचित हुई है। दहलीज़ पर खड़ी आज़ाद, नौजवान पीढ़ी के इस समुदाय के लिए विचार, दर्शन, रणनीति, भविष्य की संरचना, आगामी का नक़्शा—सब कुछ एक भिन्न विवेक और नए तर्क के सहारे गढ़ा जाना है। उसकी मंशा में नई शुरुआत अतीत के साथ सम्पूर्ण विच्छेद से होनी है।
राजेन्द्र यादव के रचनात्मक उपक्रम की अन्तर्वस्तु यही विचार है जो नई दुनिया की रचना का मूलाधार है। यह ‘कैंड़े’ के आदमी का काम है; गुर्दा चाहिए। दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक विरल पराक्रम है। अपनी पीढ़ी के रचनाकारों में राजेन्द्र यादव विशेषत: अपने विचार को उसकी तार्किक संगति की आख़िरी हद तक ले जा सकने की क्षमता से लैस दिखाई देते हैं। उनके उपन्यासों में ऐसे ही किसी जड़ीभूत पारिवारिक-सामाजिक-राजनीतिक आग्रहों के उच्छेदन का अभियान छेड़ा गया है। रचनावली के खंड 1 से 5 तक में संकलित उपन्यास इसकी गवाही देते हैं।
राजेन्द्र जी ने अपने लेखन का प्रारम्भ कविताओं से किया। परन्तु बाद में 1945-46 की इन आरम्भिक कविताओं को महत्त्वहीन मानकर नष्ट कर दिया। बाद में लिखी उनकी कविताएँ 'आवाज़ तेरी है' नाम से 1960 में ज्ञानपीठ प्रकाशन से प्रकाशित हुईं। इनके अतिरिक्त राजेन्द्र यादव की कुछ कविताएँ अभी तक अप्रकाशित हैं। रचनावली का पहला खंड उनके इसी आरम्भिक लेखन को समर्पित है। जिसमें एक तरफ़ उनकी प्रकाशित-अप्रकाशित कविताएँ हैं और दूसरी तरफ़ ‘प्रेत बोलते हैं’ और ‘एक था शैलेन्द्र’ जैसे प्रारम्भिक उपन्यास। दूसरे खंड में ‘उखड़े हुए लोग’ तथा ‘कुलटा’, तीसरे खंड में ‘सारा आकाश’, ‘शह और मात’, ‘अनदेखे अनजान पुल’ और चौथे खंड में ‘एक इंच मुस्कान’ तथा ‘मंत्रविद्ध’ जैसे उपन्यास शामिल हैं। रचनावली का पाँचवाँ खंड राजेन्द्र जी के अधूरे-अप्रकाशित उपन्यासों को एक साथ प्रस्तुत करता है। अधूरे होने के कारण इन सबको एक ही खंड में शामिल किया गया है।
The Guiding Light
- Author Name:
Dr. A.P.J. Abdul Kalam
- Book Type:

- Description: ज्ञान का भंडार, प्रेरक और अनुकरणीय उक्तियों का अद्भुत चयन, जिसने भारत के सबसे विद्वान् व्यक्तियों में से एक, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की सोच को प्रभावित किया और उसे स्वरूप दिया। अपने स्कूल के दिनों से लेकर अब तक, जब वह अस्सी की उम्र को पार कर चुके हैं, डॉ. कलाम को लिखित रचनाओं से काफी लगाव रहा है। उन्होंने जीवनपर्यंत प्रेरक पुस्तकों, धार्मिक ग्रंथों, दार्शनिक रचनाओं और कविताओं को पढ़ा। उनमें से वह ‘द गाइडिंग लाइट’ को लेखन के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक मानते हैं। इन शब्दों ने उनकी सोच पर प्रभाव डाला और उन्हें स्वरूप दिया, जरूरत पड़ने पर उनकी सहायता की और आज जो कुछ भी वह हैं, उनके ही कारण हैं। अपने लेखनों और संबोधनों में उन्होंने इन रचनाओं से लिये गए उद्धरणों का प्रयोग किया, जिनसे दुनिया भर में उनसे मिलनेवाले करोड़ों लोगों को प्रेरणा मिली। इस पुस्तक में रवींद्रनाथ टैगोर, अल्बर्ट आइंस्टीन, फ्रेडरिक नीत्शे, जिद्दू कृष्णमूर्ति, विलियम शेक्सपियर, जॉन मिल्टन और महात्मा गांधी जैसे लेखकों की रचनाओं से लिए गए उद्धरण हैं, जो अपने आप में काफी विविधता रखते हैं। साथ ही, कुरान, भगवद् गीता, बाइबिल, तिरुक्कुरल और अनेक अन्य रचनाओं से ली गई पंक्तियाँ भी शामिल हैं। ‘द गाइडिंग लाइट’ विभिन्न स्रोतों से जुटाए गए सुविचारों से संपन्न है। यह विचारप्रधान और ज्ञान का ऐसा भंडार है, जो गहन मंथन की प्रेरणा देता है। जीवन को प्रकाशमान करनेवाली उक्तियों का पठनीय संकलन।
Soor Sanchyita
- Author Name:
Manager Pandey
- Book Type:

- Description: सूर-साहित्य के अध्ययन, मनन और विश्लेषण से चिन्तनशील मानस को सहज ही यह निष्कर्ष प्राप्त हो जाता है कि सूरदास में जन-जीवन के मूल तत्त्वों का ज्ञान और भक्ति की भावना का बोध इस प्रकार समन्वित है कि सम्पूर्ण सूर-साहित्य में व्यक्ति है और समाज भी, राग है और विराग भी, भावविह्वल हृदय है और चिन्तनशील मस्तिष्क भी। उसमें गृहस्थ और साधु तथा भक्त और भावुक सबकी भावना और आदर्श का समन्वय है। सूर-साहित्य की सीमा में प्रवेश करनेवाले प्रत्येक सहृदय को उसमें उसके मन एवं आत्मा की आत्मीय भंगिमाएँ मिलेंगी, उसमें अतीत की झाँकी, वर्तमान का सम्बल और भविष्य का आदर्श प्राप्त होगा। सूरदास ने जीवन के विभिन्न उदात्त पक्षों का उद्घाटन कर उन्हें काम्य और कमनीय बना दिया है तथा सम्पूर्ण रागों का कृष्णार्पण कर उन्हें दिव्य आभा से मंडित कर दिया है।
Sevasadan
- Author Name:
Premchand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...