Dehari Par Patra

Dehari Par Patra

Authors(s):

Nirmal Verma

Language:

Hindi

Pages:

320

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

640 mins

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Book Description

यह निर्मल वर्मा के कथाकार जयशंकर को लिखे पत्रों का संकलन है। एक वरिष्ठ लेखक का एक युवा लेखक से हुआ संवाद जो अगस्त 82 से शुरू होकर अगस्त 2005 तक चला।</p> <p>पत्रों में निर्मल वर्मा का एक अलग ही रूप प्रकट होता है जो खासा मुखर और संवादप्रिय है। पाठकों, प्रशंसकों और मित्रों के ढेरों पत्र उन्हें रोज आते थे; और वे हर पत्र का जवाब देते थे। न सिर्फ़ जवाब देते थे बल्कि उन पत्रों में दूसरों के लिए एक तरह से रचनात्मक पर्यावरण के निर्माण की कोशिश भी करते थे; उन पत्रों में उनका अपना आत्मसंघर्ष और आत्म-मंथन भी व्यक्त होता था।</p> <p>जयशंकर को लिखे इन पत्रों में ख़ासतौर पर साहित्य, सिनेमा, संगीत और चित्रकला विषयक इतने विवरण आते हैं कि कोई भी युवा लेखक इनसे अपनी अध्ययन-यात्रा के लिए पर्याप्त मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है। इनमें निर्मल जी के रचना-संसार को, उनकी चिन्तन-प्रक्रिया को समझने के सूत्र भी मिलेंगे।</p> <p>...और ऐसे परामर्श भी—“मैं सोचता हूँ—हर व्यक्ति को गर्मियों के दौरान अपने सारे काम, कर्तव्य और जिम्मेवारियाँ पूरी करने के बाद जाड़े के दिन सिर्फ़ सोचने, सोने और पढ़ने के लिए सुरक्षित रखने चाहिए...और प्रेम करने के लिए भी, यदि ऐसा सुयोग मिल सके।”

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