
Mr. Lapata (Tiwari)
Author:
Devendra PandeyPublisher:
FlyDreams PublicationsLanguage:
HindiCategory:
Mythology0 Reviews
Price: ₹ 199.2
₹
249
Available
इश्क़ बकलोल' और 'बाली श्रृंखला' के लेखक की नई पेशकश
"कल ऐसे ही गिरते पड़ते मिले थे, बस से उतरे और मुंह के बल गिरे थे, रास्ते मे भी कई दफा गिरते पड़ते रहें हैं।आज भी ठोकर ही खाते दिखाई दे रहें हैं। लगता है ठोकरों से पुराना रिश्ता है इनका, या ठोकरों का ही अपनापन ज्यादा है इनके लिए।"
"शायद आपके गांव का हम शहर वालों से प्यार जताने का यह अपना तरीका है"
"हां! जब तक आप इसे अपना नहीं मानेंगे तब तक कहां आपको इस प्यार दुलार का अहसास होगा? जड़ें तो यहीं से है आपकी, जब आपको यहां अपनापन दिखने लगेगा तब आपको इन ठोकरों में भी दुलार ही दिखेगा।"
"ऐसे दुलार से दूरी भली।"
"आप दूर ही तो हैं।" उसकी इस बात पर वह चाह कर भी मुस्कुरा नही पाया।
ISBN: 978-93-91439-87-3
Pages: 234
Avg Reading Time: 8 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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