Hindi Kavita Ke Samkal Ka Sam

Hindi Kavita Ke Samkal Ka Sam

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Hindi

Category:

Language-linguistics

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कविता की भूमिका साहित्य की अन्य विधाओं से अलग है और रहेगी। यह आदि विधा है। इसके दायित्व अधिक हैं। केवल आस्वाद और मन-रंजन कविता के पराभव के प्रसंग हैं और यह सुखद है कि हिन्दी कविता बहुधा ऐसे प्रसंगों से बची रही है। यह मनने वाले कवि-आलोचक शिरीष कुमार मौर्य अपनी इस पुस्तक के केन्द्र में हिन्दी के उन हस्ताक्षरों को रखते हैं जिनकी कविता ने मनुष्य और उसके दुख के अन्तर्बाह्य आयामों को अपने-अपने ढंग से पकड़ा है, जनपक्षधरता को एक मूल्य की तरह बरता है, सच कहने का साहस दिखाया है और भाषा को, उसकी अर्थ-व्याप्ति को वृहत्तर किया है।

जो कवि इस पुस्तक में विवेचित हैं वे हैं मुक्तिबोध, धूमिल, चन्द्रकान्त देवताले, रघुवीर सहाय, कुँवर नारायण, विनोद कुमार शुक्ल, आलोक धन्वा, राजेश जोशी, मनमोहन, वीरेन डंगवाल, विष्णु नागर, भगवत रावत, लीलाधर जगूड़ी, वेणु गोपाल, कुमार विकल और अनीता वर्मा।

मुक्तिबोध की कविता पर बात करते हुए शिरीष लिखते हैं कि जनपक्षधरता की बात करते हुए भी अनेक कवि अपने लोगों से दूर निकल आते हैं, लेकिन इसका ‘आत्मस्वीकार और इससे बाहर निकलने की छटपटाहट’ सिर्फ़ मुक्तिबोध में दिखाई पड़ती है; उनके मुताबिक़ ये आत्मालोचन के वे अनिवार्य पाठ है जिन्हें हमें रोज पढ़‌ना चाहिए। वे कहते हैं कि हर बड़ा कवि प्रयोगधर्मी होता है। इस सन्दर्भ में रघुवीर सहाय का ज़िक्र करते हुए वे कहते हैं कि जो विकट परिस्थितियाँ उनके सम्मुख थीं, उन्हें पहचानने तथा व्यक्त करने के लिए उन्होंने प्रयोग किए, लेकिन वे प्रयोगवादी नहीं हैं। इसी प्रकार धूमिल के कभी-कभी मर्यादा की स्वीकृत सीमाओं से आगे निकल आने को ‘अकविता' के कवियों से अलगाते हुए वे कहते हैं कि ‘धूमिल की कुंठाएँ, संत्रास और हताशाएँ विकट सामाजिक हैं, वे अकेले आदमी का बयान नहीं है।’... वे समाज के कवि है, लेकिन निरर्थक और पंगु होते समाज के बीच अकेले आदमी की पीड़ा भी उनकी कविता के केन्द्र में रही है।

शिरीष स्वयं कवि हैं और कविता को देखने का उनका नज़रिया अध्यापकीय और पेशेवर आलोचना से भिन्न है, यह तथ्य इस पुस्तक के हर आलेख में स्पष्ट दिखाई देता है।

हिन्दी कविता के पाठकों और अध्येताओं, दोनों के लिए यह पुस्तक विशेष सिद्ध होगी।

ISBN: 9788199312227

Pages: 220

Avg Reading Time: 7 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

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