Brahm Pishach
Publisher:
FlyDreams Publications
Language:
Hindi
Pages:
154
Country of Origin:
India
Age Range:
11-18
Average Reading Time
308 mins
Book Description
अगर भगवान का अस्तित्व है तो, भूत-प्रेतों का क्यों नहीं ? जी हाँ! भूत-प्रेत-पिशाचों की लीला भी अपरम्पार होती है। कभी-कभी ये बहुत सज्जनता से पेश आते हैं, तो कभी-कभी इनका उग्र, रौद्र रूप अच्छे-अच्छों की धोती गीली कर देता है। भूत-प्रेतों को नियंत्रित करने का दावा करने वाले सोखा-ओङ्ञा-पंडितों आदि को जब कभी असली भूत से पाला पड़ जाता है, तो उनकी सारी सोखागीरी, ओझागीरी, पंडिताई रफूचक्कर हो जाती है। भूत-प्रेतों में बहुत कम ही ऐसे होते हैं, जो आसानी से काबू में आ जाएँ, नहीं तो अधिकतर सोखागीरी-ओझाओं-पंडितों को पानी पिलाकर रख देते हैं, उनकी नानी की याद दिला देते हैं... इन्हीं भूत-प्रेतों की दुनिया की सैर कराने निकले हैं हम... कुछ रोंगटे खड़ी कर देने वाली अति रोचकतापूर्ण कहानियों को लेकर एक अलौकिक, हैरतअंगेज दुनिया की सैर पर... कुछ ऐसी ही सुनी-अनसुनी असल ज़िन्दगी में आये भूतों के किस्से-कहानियां प्रस्तुत किये गये है, जिसमे हर कहानी अपने आप में पिशाच-गाथा को दर्शाती है।