Acid Wali Ladki
Author:
Pratibha JyotiPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Academics-and-references0 Reviews
Price: ₹ 140
₹
175
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789386231925
Pages: 208
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Best of Shail Chaturvedi
- Author Name:
Shail Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
UP TGT Grah Vigyan 14 Practice Sets in Hindi Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Sewa Chayan Board (UPSESSB TGT Home Science Practice Book in Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hindustan Ke 100 Kavi
- Author Name:
Kumar Mukul
- Book Type:

- Description: This book doesn’t have description
Chhattigarh Ka Itihas
- Author Name:
Dr. Gitesh Kumar Amrohit
- Rating:
- Book Type:

- Description: chhattigarh ka itihas
Lokbharti Hindi Muhaware Aur Lokokti Kosh
- Author Name:
Badrinath Kapoor
- Book Type:

- Description: मुहावरे और लोकोक्तियाँ जन-जीवन की अभिव्यक्ति के सहज उपकरण हैं। मुहावरा पद या पदबन्ध होता है, वाक्य का अंग बनता है तथा उसका अर्थ शब्दों की लक्षणाशक्ति से निकलता है। इसके विपरीत लोकोक्ति अपने में एक पूर्ण विचार, फलत: वाक्य रूप होती है तथा उसका अर्थ शब्दों की व्यंजना शक्ति से निकलता है। मुहावरे भाषा का शृंगार होते हैं और उसमें चमत्कार और चुटीलापन लाते हैं। लोकोक्तियाँ सत्यकथन या परमार्श के रूप में होती हैं और होती हैं समाज के सामूहिक चिन्तन का निचोड़।
History of Marathi Literature
- Author Name:
Kusumawati Deshpande +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Marathi has an unbroken literary tradition of over eight centuries, divided conveniently into two distinct periods, classical and modern. The Classical period spans six centuries, remarkable for poetry, devotional and heroic. Jnandev, Namdev, Eknath, Tukaram and Ramdas have become household names throughout India. While Virasaiva, Jain, and Muslim poets have enriched the secular and spiritual content, wandering minstrels have sung heroic ballads. New forms of literature have flowered from the nineteenth century under the impact of English education and western thought. The Chiplunkar, Apte, Anil Despande, Phadke, Khandekar, Mardhekar, Rege and Gadgil. Tracing the earliest reference to Maharashtra in a rock inscription of the fourth century, the history concludes with the formation of the state in 1960.
General English For RAS Mains
- Author Name:
P.C. Kothari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC Bihar Shikshak Bahali Rajniti Vigyan Bhag-1 (Political Science) 15 Practice Sets
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ramayana Se Startup Sootra
- Author Name:
Prachi Garg
- Book Type:

- Description: This book has no description
Samajik Kranti Ki Vahak : Savitribai Phule
- Author Name:
Sushila Kumari
- Book Type:

- Description: सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तीकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर देनेवाली महान् विभूति सावित्रीबाई फुले ने भारत में स्त्री शिक्षा का सूत्रपात करके मिसाल कायम की। वे भारत की प्रथम दलित महिला अध्यापिका व प्रधानाचार्या, कवयित्री और समाजसेविका थीं, जिनका लक्ष्य लड़कियों को शिक्षित करना रहा। 3 जनवरी,1831 को सतारा (महाराष्ट्र) के नायगाँव के एक दलित परिवार में जन्म लेनेवाली सावित्रीबाई फुले को ही पहले किसान स्कूल की स्थापना करने का श्रेय जाता है। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और उनके अधिकारों के साथ उन्हें समाज में सही स्थान दिलवाने, विधवा विवाह करवाने, छुआछूत को मिटाने और कन्या शिशु की हत्या को रोकने हेतु प्रभावी पहल करते हुए उल्लेखनीय कार्य किए। अछूत और दलित समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्होंने दलित लड़कियों को शिक्षित करने की मुहिम स्वयं स्कूल खोलकर सफल शुरुआत की और एक साल के अंदर अलग-अलग स्थान पर पाँच स्कूल खोल दिए। इस कार्य में उनका भरपूर सहयोग उनके क्रांतिकारी पति ज्योतिबा फुले ने दिया। प्लेग से ग्रसित बच्चों की सेवा करते हुए प्लेग से सावित्रीबाई की मृत्यु हो गई थी। नारी का वर्तमान जीवन, शिक्षित, सभ्य और पुरुष के कंधे-से-कंधा मिलाकर चलने का स्वरूप सावित्रीबाई के अनवरत संघर्षों और प्रयासों का ही सुपरिणाम है। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सामाजिक चेतना के संघर्ष को समर्पित कर दिया। भारत की महान् नारी सावित्रीबाई फुले के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं से पाठकों को परिचित कराती उत्कृष्ट पुस्तक।
Gunvattapoorna Shiksha : Siddhant Aur Vyavahar
- Author Name:
Ed.Vinodanand Jha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharat : Hamein Kya Sikha Sakta Hai?
- Author Name:
Max Muller
- Book Type:

- Description: भारतीय साहित्य और संस्कृति पर मैक्स मूलर के अगाध ज्ञान को देखते हुए इंग्लैंड की सरकार ने उन्हें 1882 में आई.सी.एस. पास हुए अँग्रेज़ युवकों के प्रशिक्षण के दौरान भारतीय धर्म, साहित्य और संस्कृति पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया, ताकि ये भावी प्रशासक भारत की आत्मा को उचित ढंग से समझ सकें। इस अवसर पर प्रो. मैक्स मूलर ने सात व्याख्यान दिए जिन्हें बाद में पुस्तक के रूप में 1882 में ही प्रकाशित कर दिया गया। यह पुस्तक उसी का अनुवाद है। इन व्याख्यानों में उन्होंने बताया कि भारतीय समाज को पश्चिम से कमतर समझना भूल है। उन्होंने वेदों और यहाँ के पुराख्यानों की व्याख्या करते हुए बताया कि ये सब हिन्दुओं की जीवन-प्रणाली के प्राण हैं। आज भी उनके ये व्याख्यान भारतीय अस्मिता और प्रज्ञा को समझने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। इन व्याख्यानों में वे क्रमश: भारत की भौगोलिक सम्पन्नता, सांस्कृतिक विविधता, चारित्रिक जटिलता और धार्मिकता पर अपने गहन अध्ययन की रोशनी में प्रकाश डालते हैं। वे बताते हैं कि नृतत्त्वशास्त्रियों, भाषाशास्त्रियों, इतिहासकारों, समाजशास्त्रियों और धार्मिक चिन्तकों के लिए भारत में कितना कुछ है, जिस पर वे काम कर सकते हैं। एक पूरा व्याख्यान इस शृंखला में उन्होंने सिर्फ़ इस धारणा को निरस्त करने के लिए दिया, जिसके अनुसार भारत के हिन्दू लोगों में सत्य के प्रति सम्मान नहीं है। इस पूर्वाग्रह के विरुद्ध उन्होंने अनेक विद्वानों के मन्तव्य देते हुए और कई ग्रन्थों के उदाहरण देते हुए सिद्ध किया कि ऐसा नहीं है। मैक्स मूलर को लेकर एक नकारात्मक विचार उस धारा के साथ भी चलता है, जिसमें मैकाले के अंग्रेज़ी को लेकर किए गए प्रयासों को एक साज़िश करार दिया जाता है, तो भी यह जानने के लिए कि मैक्स मूलर स्वयं भारत और भारतीय संस्कृति के बारे में क्या सोचते थे, यह पुस्तक एक अनिवार्य पाठ है।
Puratan Vigyan (Hindi)
- Author Name:
Pramod Bhargava
- Book Type:

- Description: भारतीय संस्कृति के दो विलक्षण पहलू हैं। एक, धर्म एवं अध्यात्म और दूसरा, आध्यत्मिक विज्ञान। विडंबना यह रही कि इन्हें वर्गीकृत करके परिभाषित नहीं किया गया। मिथक रूपी विधा ने इन्हें और जटिल बना दिया। लेकिन इसकी चिरंतरता और सफलता यह रही कि इसके तीनों रूप श्रुति और वाचन में सरलता के कारण आज अपने मूल रूप में सुरक्षित हैं। इनके रहस्यों को तकनीक के उत्तरोत्तर विकास ने प्रामाणिक साक्ष्यों में बदल दिया। अतएव नासा ने रामसेतु और समुद्र विज्ञानियों ने द्वारका व श्रीलंका के राम-रावण युद्ध में क्षतिग्रस्त हुए अवशेषों को खोज निकाला। सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने रामायण और महाभारत में उल्लिखित तिथियों की प्रामाणिकता सिद्ध कर दी। बहरहाल विज्ञान की अनेक उपलब्धियों के सूत्र हमारे धर्म ग्रंथों में यत्र-तत्र-सर्वत्र बिखरे पडे़ हैं। इस पुस्तक में इसी सनातन ज्ञान को चिरंतन बनाने की एक समन्वयवादी वैज्ञानिक पहल है। इसमें दिए अध्याय—‘हवा का भोजन कर जीवित रहीं अहल्या’, ‘बालक ध्रुव के तारा बनने का विज्ञान’, ‘हनुमान के उड़ने का विज्ञान’, ‘चौरासी लाख योनियों का विज्ञान’, ‘सूर्यरथ के एक चक्रीय होने का विज्ञान’, ‘कुंभ पर्व में स्नान का विज्ञान’, ‘तैरनेवाले पत्थरों का विज्ञान’, ‘भ्रूण प्रत्यारोपण से जनमे थे बलराम’, ‘रामायणों में विज्ञान’, ‘प्राचीन भारत में टीकाकरण’ एवं ‘प्राचीन मंदिरों में विज्ञान’ पुरातन विज्ञान की महत्ता को सिद्ध कर भारतीय ज्ञान चेतना का दिग्दर्शन कराते हैं।
Vaishali Ki Nagar Vadhu
- Author Name:
Acharya Chatursen
- Book Type:

- Description: अपने जीवन के पूर्वाह्न में--सन् 1909 में, जब भाग्य रुपयों से भरी थेलियाँ मेरे हाथों में पकड़ाना चाहता था--मैंने कलम पकड़ी। इस बात को आज 40 वर्ष बीत रहे हैं। इस बीच मैंने छोटी-बड़ी लगभग 84 पुस्तकें विविध विषयों पर लिखीं तथा दस हजार से अधिक पृष्ठ विविध सामयिक पत्रिकाओं में लिखे। इस साहित्य-साधना से मैंने पाया कुछ भी नहीं, खोया बहुत-कुछ, कहना चाहिए, सब कुछ--धन, वैभव, आराम और शांति। इतना ही नहीं, यौवन और सम्मान भी। इतना मूल्य चुकाकर निरंतर चालीस वर्षों की अर्जित अपनी संपूर्ण साहित्य-संपदा को मैं आज प्रसन्नता से रदृद करता है और यह घोषणा करता हूँ कि आज मैं अपनी यह पहली कृति विनयांजलि सहित आपको भेंट कर रहा हूँ। यह सत्य है कि यह उपन्यास है, परंतु इससे अधिक सत्य यह है कि यह एक गंभीर रहस्यपूर्ण संकेत है, जो उस काले परदे के प्रति है, जिसकी ओट में आर्यों के धर्म, साहित्य, राजसत्ता और संस्कृति की पराजय और मिश्रित जातियों की प्रगतिशील संस्कृति की विजय सहस्राब्दियों से छिपी हुई है, जिसे संभवत: किसी इतिहासकार ने आँख उषधाड़कर देखा नहीं है।
Michael Faraday
- Author Name:
Mamta Jha
- Book Type:

- Description: The renowned scientist Michael Faraday discovered benzene in chemistry, a name widely used today; introduced the concept of oxygen number, which is used in balancing chemical equations. Electricity, a gift from Michael Faraday, has proven to be a boon for humanity. Indeed, his successor, Sir William Bagge, Nobel Prize winner in physics, once said, "It is said that Prometheus brought fire to mankind; Faraday brought us electricity." Faraday was a sensitive and modern-minded man. He declined the presidency of the Royal Society. When he was offered the title of Sir Knight, he refused, saying, "I just want to be Michael Faraday." Faraday's entire life exemplifies how, with a strong will, a person can overcome struggles and adversities in life and change their destiny. A comprehensive book on the scientific vision and inventions of the great scientist Michael Faraday, which will inspire readers.
RRB Railway Samanya Vigyan NTPC, LEVEL-I Posts Bharti Pariksha-2021
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mulayam Singh Yadav
- Author Name:
Abhay Kumar Dubey
- Book Type:

- Description: Reference Book
Chaitanya Mahaprabhu Aur Gaudiya Sampraday
- Author Name:
Dr. Deepka Vijayvargiya
- Book Type:

- Description: मध्यकाल के विषम और त्रासपूर्ण समय में विदेशी सत्ता के प्रभुत्व, स्वदेशी व्यभिचार के समावेश के कारण धार्मिक विकृति व धरमहारश तथा सामाजिक-सांस्कृतिक विखंडन का दंश झेल रही जनता के तारणहार बने मध्यकाल में अवतरित चैतन्य महाप्रभु, जिन्होंने न केवल विकृत व पतित होते वैष्णव धर्म को बचाया, वरन् जन-जन को सरल व सरस भक्ति तथा संकीर्तन स्वरूप युगधर्म का वह उपहार दिया, जो ज्ञान की दुरूहता, दर्शन की रहस्यमयता तथा कर्मकांड व पाखंडों की प्रबलता से सर्वथा रहित था। महाप्रभु की जन्मभूमि बंगाल के गौड़ प्रदेश से नवभक्ति-उन्मेष के साथ प्रवाहित हुए धर्म-साधना व भक्ति के स्वरूप ने 'गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय' के रूप में एक नवीन संप्रदाय स्थापित कर दिया। प्रेम को सर्वोत्तम पुरुषार्थ रूप घोषित कर मानवधर्म के श्रेष्ठत्व को श्रीमहाप्रभु ने प्रतिपादित किया। मानव को परस्पर जोड़कर विश्वात्मक बनाने की प्रेरणा दी। चैतन्य-संकीर्तन तपित विश्व को जीवन के मधुर संगीत में रूपांतरित करने का प्रबल माध्यम है। प्रस्तुत पुस्तक 'चैतन्य महाप्रभु और गौड़ीय संप्रदाय' द्वारा गौड़ीय संप्रदाय से अवगत कराते हुए चैतन्य महाप्रभु के आदर्शों को आत्मसात् करने तथा चैतन्य की प्रेम शारदीया को आज की क्षत-विक्षत धरा पर उतारने की महती युगीन आवश्यकता को पूर्ण करने की ओर एक प्रयास है। श्रीचैतन्य महाप्रभु का जीवन कल, आज और कल के सुनहले संदर्भों का सुंदर समीकरण है।
MADHYA PRADESH POLICE ARAKSHAK -(GUIDE)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC BAL VIKAS PARIYOJANA PADADHIKARI (CDPO) PRARAMBHIK PRATIYOGITA PARIKSHA WITH 20 PRACTICE SETS
- Author Name:
Vimlesh Jha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...