Ek Lambi Chhanha

Ek Lambi Chhanha

Language:

Hindi

Pages:

191

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

382 mins

Buy For ₹795

* Actual purchase price could be much less, as we run various offers

Book Description

...इधर मैं आपके लन्दन और वेल्ज़ वाले यात्रा-वृत्तान्त शौक़ से पढ़ता रहा हूँ। आप हर स्थिति और दृश्य को कितनी उत्सुकता से देखते हैं और कितनी गहराई से ग्रहण करते हैं...</p> <p>—कृष्ण बलदेव वैद</p> <p>...आपका यात्रा-वृत्तान्त मुझे बहुत अच्छा लगा। इसका एक बहुत नकारात्मक कारण यह है कि मैंने सोचा था, इसमें औपन्यासिकता का रस नहीं होगा और बोझिल होगा। मगर इसमें आनन्द और रस भरपूर है, बोझिल बिलकुल भी नहीं। श्रद्धेय वात्स्यायनजी और निर्मल वर्मा के यात्रा-वृत्तान्तों से एकदम भिन्न रस का यात्रा-वृत्तान्त है।...</p> <p>—अशोक सेकसरिया</p> <p>...पिछले सप्ताह से मैं रह-रह कर आपके साथ आयरलैंड के वन्य स्थलों के सन्नाटे, झीलों पर उड़ते हंसों, डब्लिन की सड़कों-पबों का मूक—ईर्ष्यालु पाठक—साक्षी रहा हूँ। मैंने मुद्दत पुरानी येट्स की कविताओं की पुस्तक भी पास रख ली थी और जब आप अपने संस्मरण में किसी कविता का अंश उद्धृत करते तो तुरन्त मैं एक उत्सुक-उत्तेजित पाठक-पर्यटक के उत्साह की रौ में उसे पुस्तक में पूरा का पूरा पढ़ने का आनन्द लेता। आपने ‘इनिस्क्री के द्वीप’ की अखंड निःस्तब्धता और कूल पार्क के सात वनों की जो छवि आँकी है, वह अपने आपमें बेजोड़ है। हमारे दार्शनिक मित्र दयाजी को जब कोई चीज़ या कोई कही हुई बात अच्छी लगती थी तो वह बच्चों की तरह ताली बजाते थे। आपके आयरलैंड के संस्मरणों को पढ़ते हुए हर दूसरे पृष्ठ पर ताली बजाने को मन करता है। इस बीच अन्य पत्रिकाओं में भी आपके यात्रा-वृत्त पढ़ता रहा हूँ। पर आपने आयरलैंड और येट्स के बारे में जो डूबकर लिखा है, वह अद्वितीय है।...</p> <p>—निर्मल वर्मा

More Books from Rajkamal Prakashan Samuh