Subodh Chitrakala
Author:
AvantikaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 140
₹
175
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789387980082
Pages: 40
Avg Reading Time: 1 hrs
Age: 0-11
Country of Origin: India
Recommended For You
Vibhajit Bharat "विभाजित भारत" Book In Hindi - Ram Madhav
- Author Name:
Ram Madhav
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Urmila Shirish ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Urmila Shirish
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahabharat Mein Matri Vandana
- Author Name:
Dinkar Joshi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
15 Practice Sets for REET Rajasthan Adhyapak Patrata Pariksha Level 2 (Class 6 to 8) Ganit Evam Vigyan Exam 2022
- Author Name:
Kunwar Kanak Singh Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bihar STET Secondary Teacher Eligibility Test | Secondary Class (TGT) Paper-I (Class 9 & 10) Science 15 Practice Sets Book in Hindi
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sanchar Kaushal Aur Vyaktitva Vikas
- Author Name:
Dr. Puneet Bisaria • Dr. Virendra Singh Yadav
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dhairyapath (Ek Atmakatha)
- Author Name:
Jitendra Joshi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Brhat Visva Sukti Kosa-I
- Author Name:
Shyam Bahadur Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Share Bazar Secrets
- Author Name:
Soma Valliappan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Echoes of Aspirations – JNU To IAS : Love, Dream & The Mussoorie Odyssey
- Author Name:
Asif Jalal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nanhe-Munno Suno Kahani
- Author Name:
Shriniwas Vats
- Book Type:

- Description: बाल साहित्य कैसा हो इसे लेकर साहित्यकारों, समीक्षकों एवं पाठकों में आज भी मतभिन्नता है। कोई विज्ञान कथाओं को महत्त्व देता है तो कोई परी कथाओं को। किसी अन्य की दृष्टि में राजा-रानी की कहानी अनुपयोगी है। कोई पौराणिक कथाओं को ज्ञान का भंडार बताता है। बच्चा कहानी पढ़ते हुए कल्पना के अद्भुत संसार में विचरण करना चाहता है। यह सब मिलता है उसे परी लोक में। परियाँ शुरू से ही बच्चों को आकर्षित करती रही हैं। करें भी क्यों नहीं! परियों ने रंग-बिरंगा सुनहरा स्वप्निल संसार देकर बच्चों की कल्पना शक्ति को विकसित किया है। पौराणिक कहानियाँ बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़ती हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए निष्कर्ष निकला कि सत्यप्रियता, राष्ट्रभक्ति, ईमानदारी और मानवता के प्रति प्रेम जैसे गुणों के लिए प्रेरित करनेवाली रचना श्रेष्ठ साहित्य है, जिसमें बच्चों के कोमल मन में सुसंस्कार और स्व-संस्कृति के प्रति श्रद्धा और आदरभाव जागृत करने का गुण विद्यमान हो। श्रीनिवास वत्स की बाल कथाओं में ये तत्त्व हमेशा मौजूद रहे हैं, इसीलिए मैंने इनकी अनेक कहानियाँ ‘नंदन’ में प्रकाशित कीं, जिन्हें पाठकों ने खूब सराहा। —जयप्रकाश भारती तत्कालीन संपादक ‘नंदन’ (श्रीनिवास वत्स की बालकथाओं पर चर्चा के दौरान)
Bharat Ke Mahan Bhashan
- Author Name:
Rudrangshu Mukherjee
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Burhiya Aur Bandar
- Author Name:
Shivmurti Singh 'Vats'
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Acupressure Aur Swastha Jeevan
- Author Name:
Dr. A.K. Saxena
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Adyatan Hindi Vyakaran
- Author Name:
B.N. Pandey
- Book Type:

- Description: "यह पुस्तक चार अध्यायों में विभक्त है : प्रथम अध्याय में हिंदी भाषा में उपलब्ध सभी ध्वनियों एवं उनके लिखित रूप अक्षरों एवं संयुक्ताक्षरों की लेखन विधि, उच्चारण एवं उनसे शब्द-निर्माण की व्याख्या की गई है, ताकि हिंदीतरभाषी भारतीय एवं विदेशी परीक्षार्थी उनकी स्पष्ट समझ के साथ-साथ कम-से-कम समय में उनका अभ्यास कर उनपर अधिकार कर सकें। दूसरे अध्याय में सभी प्रकार के शब्दों की प्रकृति, निर्माण एवं पहचान की व्याख्या के साथ-साथ वाक्य गठन के दौरान लिंग, वचन विभक्ति, काल आदि के प्रभाव से उनमें होनेवाले रूप परिवर्तन को विवेचित-विश्लेषित किया गया है। तीसरे अध्याय में हिंदी भाषा में उपलब्ध सभी प्रकार के वाक्यों के गठन के अंतर्निहित नियमों को विश्लेषित किया गया है। वाक्य किसी भाषा के दैनिक प्रयोग की सबसे महत्त्वपूर्ण इकाई हैं और सभी प्रकार के अधिक-से-अधिक वाक्यों के निरंतर अभ्यास से ही भाषा का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। चौथे अध्याय में उपसर्ग, प्रत्यय, संधि एवं समास समाहित हैं : व्याकरण पुस्तकों की महत्ता विषय के चयन में नहीं उनकी सुबोध एवं सुग्राह्य प्रस्तुति में होती है। व्याकरण की सार्थकता इसमें है कि वह साध्य नहीं, अपितु भाषा की सम्यक् समझ एवं प्रयोग का साधन बने।
Premchand Vishwakosh An Encyclopaedia of Premchand’s Life and Literature Vol. 1-'Life'
- Author Name:
Dr. K.K. Goyanka
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Prashikshan Kala
- Author Name:
Mahendra Nath Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
NDA/NA National Defence Academy & Naval Academy Entrance Examination Guide | Mathematics & General Ability Test: 7500+ MCQs With Latest Solved Papers | Detailed Theory with Practice Questions
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Management Lesson from the Films of Big B
- Author Name:
Harmik Vaishnav
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shri Radha: Dwapar Yug Ki Mahanayika
- Author Name:
Ashok Kumar Sharma
- Book Type:

-
Description:
भारत की पौराणिक परम्परा के प्राण-स्वरूप हैं श्रीकृष्ण और श्रीराधा के लीला-चरित्र का प्राण हैं उनकी अनन्य संगिनी श्रीराधा। उनको जाने बिना न तो श्रीकृष्ण को जाना जा सकता है न ही भारतीय संस्कृति के उस अन्तःकरण को, जहाँ जीवन और संसार के समस्त कार्य-व्यापारों के सुख-असुख से ऊपर प्रेम को प्रतिष्ठा प्राप्त है। वस्तुतः राधा प्रेम का मूर्तिभाव स्वरूप हैं जिनकी औपन्यासिक गाथा प्रस्तुत करती है यह पुस्तक।
श्रीराधा को लेकर कथा-किंवदन्तियों से लेकर परम्परा-पुराणों तक में इतनी कहानियाँ हैं जिनसे एक तो जन-मन को उनसे लगाव और उनके प्रति जिज्ञासा का संकेत मिलता है, दूसरी तरफ यथार्थ-अयर्थाथ का संशय भी उत्पन्न होता है। इस मायने में यह उपन्यास एक महत्त्वपूर्ण प्रस्थान माना जाना चाहिए जिसमें श्रीराधा के सम्बन्ध में फैली भ्रान्तियों का निराकरण कर उनकी प्रामाणिक कथा दी गई है।
राधा के बारे में सबसे बड़ी भ्रान्ति यह है कि उनसे श्रीकृष्ण का विवाहेत्तर सम्बन्ध था और पारिवारिक सम्बन्धों के लिहाज से वे उनकी मामी—श्रीकृष्ण की पालक माता यशोदा के भाई रायण/रायन या अभिमन्यु की ब्याहता—थीं। जबकि परम्परा यशोदा के एक ही भाई कुम्भव के अस्तित्त्व को स्वीकार करती है। इन्हीं कुम्भक ने राधा और उनके भाई श्रीदामा को अपनी सन्तान बनाकर जरासंध के क्रूर सैनिकों से बचाया था, जब इन बच्चों के माता-पिता की हत्या हो गई। इसी प्रकार एक बड़ा भ्रम यह भी है कि राधा और श्रीकृष्ण का विधिवत विवाह नहीं हुआ था। जबकि दोनों ने बलराम, अर्जुन, नन्द और यशोदा की उपस्थिति में अग्नि प्रदक्षिणा करके विवाह किया था। और यही श्रीकृष्ण का भी इकलौता वैवाहिक सम्बन्ध था जिसको उन्होंने अग्नि प्रदक्षिणा की थी।
परम्परा, पुराण, शास्त्र आदि तमाम स्रोतों के गहन अध्ययन-विश्लेषण पर आधारित एक अत्यन्त पठनीय उपन्यास।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...