Stri Alakshit
Author:
Shrikant YadavPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 156
₹
195
Available
भारतीय समाज में स्त्री-विमर्श किन जटिल रास्तों और मोड़ों से होकर मौजूद मुक़ाम तक पहुँचा है, यह किताब उसकी एक दिलचस्प झलक पेश करती है। बीसवीं सदी का पूर्वार्द्ध, जो एक तरफ़ औपनिवेशिक दासता से मुक्ति के लिए भारतीय समाज की तड़प का साक्षी बना था, वहीं दूसरी तरफ़ वर्णव्यवस्था की बेड़ियों में जकड़े दलितों और पितृसत्ता से आक्रान्त स्त्रियों के बीच जारी मन्थन और उत्पीड़न का भी सहयात्री बना था। इस दौर के अब लगभग भूले-बिसरे दो दर्जन स्त्री विषयक लेखों को संकलित करके युवा लेखक और शोधार्थी श्रीकान्त यादव ने भारतीय इतिहास के उस महत्त्वपूर्ण कालखंड के एक लगभग अदृश्य पक्ष पर रोशनी डाली है।
समकालीन समाज में स्त्री-चिन्तन परम्परा और समकालीनता के किन दबावों को आकार दे रहा था, ‘स्त्री अलक्षित’ में संकलित लेखों से गुज़रते हुए उनकी भी शिनाख़्त होती है। विश्वास है कि स्त्री-विमर्श में रुचि रखनेवाले विद्यार्थियों, शोधार्थियों और विद्वानों के लिए यह पुस्तक अवश्य पठनीय और संग्रहणीय सिद्ध होगी।
—कृष्णमोहन
ISBN: 9789386863676
Pages: 167
Avg Reading Time: 6 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Film Ke Jagat Ke Pitamaah Dadasaheb Falke
- Author Name:
Sukesh kumar
- Book Type:

- Description: भारतीय फिल्म उद्योग के पितामह के रूप में विख्यात दादासाहेब फाल्के विलक्षण भारतीय कार थे। वे मंच के अनुभवी अभिनेता थे, उत्कृष्ट जादूगर थे। उन्होंने भारतीय फिल्म निर्माण की नींव रखी, जिसके ऊपर आज भारत का सिने उद्योग टिका है। उनके अभिनव प्रयोगों और नवाचार के कारण ही आज भारत में प्रतिवर्ष इतनी बड़ी संख्या में विविध विषयों पर फिल्में बन रही हैं और दर्शकों में लोकप्रिय हो रही हैं। 1891 में दादासाहेब फाल्के ने मुंबई में एक विदेशी मूक चलचित्र 'लाइफ ऑफ क्राइस्ट' देखा। उन्हें प्रभु ईसामसीह के स्थान पर कृष्ण, राम, समर्थ गुरु रामदास, शिवाजी, संत तुकाराम इत्यादि महान् विभूतियाँ दिखाई दे रही थीं । उन्होंने सोचा, क्यों न चलचित्र के माध्यम से महान् भारतीय विभूतियों के चरित्र को चित्रित किया जाए। उन्होंने इस चलचित्र को कई बार देखा और फिर क्या, उनके हृदय में चलचित्र निर्माण का अंकुर फूट पड़ा। आठ महीने की कठोर साधना के बाद दादासाहेब के द्वारा पहली मूक फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र'
BPSC Bihar Shikshak Bahali Class 9 To 10 Vigyan 20 Practice Sets Based on SCERT And NCERT With Latest Solved Paper Tre 4.0
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
When Children Have Children Book in English by Bhuwan Ribhu
- Author Name:
Bhuwan Ribhu
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lord of Records
- Author Name:
Dr. Harish Chandra Burnwal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
How Chandu Earned and Chinki Lost in the Stock Market
- Author Name:
Mahesh Chandra Kaushik
- Book Type:

- Description: With the help of this book, you will learn how to make handsome profits in positional trades and earn money in share trading. This will automatically enable you to understand when to buy a share and when to sell the same. You will also learn how to accumulate shares of your choice in big numbers without taking heavy risk of losing money. You can earn money as the share prices go up and can exit with minimum loss before a huge fall in the price of any share. How to keep your portfolio always in profit is one of the key points included in this book. This book can bring a change in your thinking and you would definitely be able to earn a desirable amount of money using the formulae provided herein. A practical book that would make you guru of share market and provide you the nitty-gritty of the same. The systematic, user-friendly information provided will equip you to earn a good amount of money by implementing better methods of investing.
Nanhe-Munno Suno Kahani
- Author Name:
Shriniwas Vats
- Book Type:

- Description: बाल साहित्य कैसा हो इसे लेकर साहित्यकारों, समीक्षकों एवं पाठकों में आज भी मतभिन्नता है। कोई विज्ञान कथाओं को महत्त्व देता है तो कोई परी कथाओं को। किसी अन्य की दृष्टि में राजा-रानी की कहानी अनुपयोगी है। कोई पौराणिक कथाओं को ज्ञान का भंडार बताता है। बच्चा कहानी पढ़ते हुए कल्पना के अद्भुत संसार में विचरण करना चाहता है। यह सब मिलता है उसे परी लोक में। परियाँ शुरू से ही बच्चों को आकर्षित करती रही हैं। करें भी क्यों नहीं! परियों ने रंग-बिरंगा सुनहरा स्वप्निल संसार देकर बच्चों की कल्पना शक्ति को विकसित किया है। पौराणिक कहानियाँ बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़ती हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए निष्कर्ष निकला कि सत्यप्रियता, राष्ट्रभक्ति, ईमानदारी और मानवता के प्रति प्रेम जैसे गुणों के लिए प्रेरित करनेवाली रचना श्रेष्ठ साहित्य है, जिसमें बच्चों के कोमल मन में सुसंस्कार और स्व-संस्कृति के प्रति श्रद्धा और आदरभाव जागृत करने का गुण विद्यमान हो। श्रीनिवास वत्स की बाल कथाओं में ये तत्त्व हमेशा मौजूद रहे हैं, इसीलिए मैंने इनकी अनेक कहानियाँ ‘नंदन’ में प्रकाशित कीं, जिन्हें पाठकों ने खूब सराहा। —जयप्रकाश भारती तत्कालीन संपादक ‘नंदन’ (श्रीनिवास वत्स की बालकथाओं पर चर्चा के दौरान)
Sankal, Sapne Aur Sawal
- Author Name:
Sudha Arora
- Book Type:

-
Description:
प्रतिष्ठित रचनाकार सुधा अरोड़ा का वैचारिक और रचनात्मक लेखन स्त्री के सवालों और उसकी चिन्ताओं का पक्षधर रहा है। वे किसी पूर्व-निर्धारित आग्रह या घिसे-पिटे स्त्रीवादी नारों को दोहराने की जगह एक खुले, परिवर्तनशील और आधुनिक समाज में व्यावहारिक स्तर पर स्त्री को पुरुष के बरक्स बराबरी का सम्मानजनक हिस्सा दिलवाने में यक़ीन रखती है।
‘साँकल, सपने और सवाल’ में लेखिका के पिछले बीस वर्षों के लेखन से चुने गए आलेख संग्रहित है। इनमें पाठक को समाज की उन साँकलों और वर्जित दहलीज़ों को लाँघने का साहस दिखाई देगा, जिन पर सदियों से दुराग्रहों और वर्जनाओं के तालों का साम्राज्य रहा है। भारतीय सामजिक पृष्ठभूमि और उसकी पारम्परिक सीमाओं के बीच शहरी एवं आंचलिक स्त्री के लिए नैसर्गिक स्पेस की ज़रूरत और उसकी जायज़ माँग ही इन आलेखों का बीज सूत्र है।
इन आलेखों के विषय आज की स्त्री के फैलते आकाश की तरह चहुमुखी और विविध हैं। धर्म, मीडिया, फ़िल्म और साम्प्रदायिकता से लेकर समलैंगिकता, तेज़ाबी हमले, शिक्षित लड़कियों की आत्महत्या, सम्पत्ति अधिकार यानी घरेलू और सामाजिक शोषण के हर पहलू पर लेखिका की पैनी नज़र है। वे मानती हैं कि आज के तेज़ी से बदलते समाज में स्त्री का समय किसी सीमित चौखट के भीतर क़ैद नहीं किया जा सकता। विविध मुद्दों पर सुधा जी कई सवालों से टकराती हैं। इस उत्तर-आधुनिक और ग्लोबल समय में स्त्री-देह के भोगवादी नजरिए के विरुद्ध सुधा अरोड़ा का कारगर हस्तक्षेप रेखांकित किया जा सकता है।
बेहद आसान और सरल भाषा में लिखे गए इन आलेखों की पठनीयता एवं प्रतिबद्धता ही अन्तत: इनकी सबसे बड़ी सफलता और सार्थकता है।
Uttar Pradesh B.Ed. Combined Entrance Examination 2024 Arts Stream "कला वर्ग" Book in Hindi
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Yogasan Aur Shareer Vigyan
- Author Name:
Swami Akshay Atmanand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sainik Patniyon Ki Diary "सैनिक पत्नियों की डायरी" | Book in Hindi
- Author Name:
Vandana Yadav
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ambapali
- Author Name:
Ramvriksh Benipuri
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pragya Parmita
- Author Name:
Rangnath Tiwari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
SANSAD MEIN GAON, GAREEB, KISAAN KI BAAT
- Author Name:
Hukmdev Narayan Yadav
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ratan Tata A Complete Biography
- Author Name:
A.K. Gandhi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mahaveer
- Author Name:
Sanjay Krishna
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Mk Gandhi : The Educationist Par Excellence
- Author Name:
Onkar Singh Dewal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ziladhikari
- Author Name:
Alok Ranjan
- Book Type:

-
Description:
ज़िला प्रशासन में ज़िलाधिकारी की भूमिका सबसे अहम होती है। ज़िलाधिकारी ही ज़िले में शासन का सबसे उत्तरदायी प्रतिनिधि होता है। उसका काम होता है कि वह सरकार की नीतियों और परिकल्पनाओं को काग़ज़ से निकलकर यथार्थ रूप में कार्यान्वित करे। साथ ही उसे जनता की समस्याओं और अपेक्षाओं से भी सीधे जुड़ना होता है। इस प्रकार हम देखते है कि आज के ज़िलाधिकारी की ज़िम्मेदारियाँ पूर्व के ज़िलाधिकारी के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा चुनौतीपूर्ण और बहुआयामी होती हैं।
यह पुस्तक ज़िलाधिकारी की इन्हीं ज़िम्मेदारियों का बहुत विश्वसनीय और सघन विश्लेषण प्रस्तुत करती है। ज़िला प्रशासन और ज़िला प्रमुख के विषय पर अभी तक उपलब्ध सूचनात्मक किताबों से यह पुस्तक इसलिए अलग है कि इसमें लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर उन परिस्थितियों का व्यावहारिक विश्लेषण प्रस्तुत किया है जो किसी भी ज़िलाधिकारी के सामने कभी भी आ सकती हैं। श्री आलोक रंजन उत्तर प्रदेश के पाँच जनपदों—इलाहाबाद, आगरा, ग़ाज़ियाबाद, बाँदा और ग़ाज़ीपुर में बतौर ज़िलाधिकारी कार्य कर चुके हैं। इस दौरान उन्हें जो अनुभव हुए, उन्हीं के आधार पर उन्होंने इस पुस्तक की रचना की है। ज़ाहिर है कि उनके ये अनुभव ज़िला प्रशासन के सभी पक्षों पर प्रकाश डालते हैं। लेखक ने प्रकरण अध्ययन (केस स्टडी) प्रविधि के द्वारा ज़िला प्रशासन की चुनौतियों को बहुत सरल और सुगम तरीक़े से प्रस्तुत किया है।
6 Sundays A Week Life "ए वीक लाइफ" Book In Hindi
- Author Name:
Dev Gadhvi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Birsa Munda
- Author Name:
Gopi Krishna Kunwar
- Book Type:

- Description: "सन् 1890-92 के कालखंड में छोटा नागपुर के अधिकतर वनवासी चर्च के पादरियों के बहकावे में आकर ईसाई बन गए थे। बिरसा मुंडा का परिवार भी इनमें शामिल था, परंतु शीघ्र ही पादरियों की असलियत भाँपकर बिरसा न केवल ईसाई मत त्यागकर हिंदू धर्म में लौट आए, वरन् उन्होंने उस क्षेत्र के अन्य वनवासियों की हिंदू धर्म में वापसी कराई। यही बिरसा मुंडा आगे चलकर एक महान् क्रांतिकारी तथा ‘धरती-आबा’ (जगत्-पिता) के नाम से विख्यात हुए। बिरसा मुंडा ने अपने समाज के लोगों को पवित्र जीवन की शिक्षा दी। देश को स्वतंत्र कराने के प्रयास में अत्याचारी अंग्रेजों के विरुद्ध अपने समाज के लोगों में क्रांति-ज्वाला धधकाई। आखिर घबराकर अंग्रेज सरकार ने छल-कपट का सहारा लिया। उसने बिरसा को पकड़वाने पर 500 रुपए के इनाम की घोषणा की। अनेक मुंडा सरदारों पर भी इनाम घोषित कर दिए गए। आखिरकार विश्वासघातियों की मुखबिरी से रात में सोते समय बिरसा को बंदी बना लिया गया। जीवित रहते हुए बिरसा मुंडा ने अपने शौर्यपूर्ण कार्यों से अंग्रेज सरकार की नींद उड़ा दी थी, मृत्यु के बाद भी वह उसके लिए भय का कारण बने रहे। इसलिए सुवर्ण रेखा नदी के घाट पर बिरसा का शव जेल-कर्मचारियों द्वारा कंडों की आग में गुपचुप तरीके से जला दिया गया। इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। प्रस्तुत है एक आदिवासी क्रांतिकारी, देशप्रेमी, समाज-उद्धारक बिरसा मुंडा की पठनीय एवं प्रेरणादायी जीवनी।
Brihat Tithi Kosh
- Author Name:
Vijay Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.