Hind Swaraj Aur Naya Manvantar
Author:
S.S. PandharipandePublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
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Price: ₹ 280
₹
350
Available
‘हिन्द स्वराज और नया मन्वन्तर’ पुस्तक अतीत की घटनाओं अथवा भविष्य की आशाओं पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय सीधे वर्तमान में ‘हिन्द स्वराज’ की जाँच करती है और उसकी उपयोगिता और व्यापकता पर जोर देती है। मनुष्य एक बुद्धिमान प्राणी है, इस धारणा पर आधारित पश्चिमी सभ्यता ने मनुष्य की अन्तर्निहित बौद्धिक क्षमताओं को कुन्द कर दिया है और एक ‘उपभोक्ता’ के रूप में मनुष्य की वास्तविक पहचान को चुनौती दी है। मनुष्य आज उपभोग के इस जलते कुंड में अपना कुछ भी स्वाहा कर देने को उद्धत है। ऐसे अवसरों पर, गांधी जैसे धार्मिक सन्त का यज्ञ-मंडप में खड़ा होना और इस विनाश-सत्र को समाप्त करने का आह्वान करना वह मूल प्रेरणा है जो किसी को ‘हिन्द स्वराज’ पढ़ने के बाद अपने अन्तर में महसूस करना चाहिए; पांढरीपांडे की इस किताब को पढ़ने के बाद वह मूल प्रेरणा आसानी से महसूस होती है।
हम जानते हैं कि गांधी-विचार के प्रमुख टिप्पणीकार महाराष्ट्र में हुए। विनोबा भावे, नं. द. जावड़ेकर, दादा धर्माधिकारी आदि की इस समृद्ध परम्परा में प्रो. सु. श्री. पांढरीपांडे भी शामिल हैं। मुझे विश्वास है कि वे इस परम्परा को और समृद्ध करेंगे और उनकी यह कृति पाठकों के विचार जगत में सार्थक और सकारात्मक हस्तक्षेप करेगी।
—डॉ. सदानन्द मोरे
ISBN: 9789360864101
Pages: 224
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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