Bhagat singh Aur Unke Sathiyon Ke Dastavez

Bhagat singh Aur Unke Sathiyon Ke Dastavez

Authors(s):

470,662

Language:

Hindi

Pages:

380

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

760 mins

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Book Description

शहीद भगत सिंह ने कहा था : ‘क्रान्ति की तलवार विचारों की सान पर तेज़ होती है’ और यह भी कि ‘क्रान्ति ईश्वर-विरोधी हो सकती है, मनुष्य-विरोधी नहीं’। ध्यान से देखा जाए तो ये दोनों ही बातें भगत सिंह के महान क्रान्तिकारी व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं। लेकिन इस सन्दर्भ में महत्त्वपूर्ण यह है कि भगत सिंह की विचारधारा और उनकी क्रान्तिकारिता के ज्वलन्त प्रमाण जिन लेखों और दस्तावेज़ों में दर्ज हैं, वे आज भी पूर्ववत् प्रासंगिक हैं, क्योंकि ‘इस’ आज़ादी के बाद भी भारतीय समाज ‘उस’ आज़ादी से वंचित है, जिसके लिए उन्होंने और उनके असंख्य साथियों ने बलिदान दिया था। दूसरे शब्दों में, भगत सिंह के क्रान्तिकारी विचार उन्हीं के साथ समाप्त नहीं हो गए, क्योंकि व्यक्ति की तरह किसी विचार को कभी फाँसी नहीं दी जा सकती। कहने की आवश्यकता नहीं कि यह पुस्तक भगत सिंह की इसी विचारधारात्मक भूमिका को समग्रता के साथ हमारे सामने रखती है। वस्तुत: हिन्दी में पहली बार प्रकाशित यह कृति भगत सिंह के भावनाशील विचारों, विचारोत्तेजक लेखों, ऐतिहासिक दस्तावेज़ों, वक्तव्यों तथा उनके साथियों और पूर्ववर्ती शहीदों की क़लम से निकले महत्त्वपूर्ण विचारों की ऐसी प्रस्तुति है जो वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक स्थितियों की बुनियादी पड़ताल करने में हमारी दूर तक मदद करती है।

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