Manrangi
Author:
Garima MudgalPublisher:
Shivna PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Mythology0 Reviews
Price: ₹ 160
₹
200
Available
राख बनकर बिखरने से पहले ख़ुशबू बनकर महक जाऊँ बस, इसी मौज के साथ लिखने की शुरुआत की थी। वैसे तो जो कुछ कहना था, इस कहानी के माध्यम से कह चुकी हूँ पर ‘मनरंगी’ के बारे में यह ज़रूर बताना चाहूँगी कि यह कहानी किसी नदी की तरह आगे बढ़ती है और नदी के जैसे ही हर पड़ाव पर इसकी तासीर अलहदा है। कहीं यह कहानी पहाड़ों से गुज़रती नदी की तरह अल्हड़ जान पड़ेगी तो कहीं निर्झर की तरह आवेग से खिलखिलाती। कहीं यह गहरी और शांत भी दिखाई देगी। एक नदी के सागर से मिलने के मानिंद यह तो तय है कि कहानी भी अपनी मंज़िल से मिलेगी, पर ख़ास वे रास्ते होंगे जहाँ से यह होकर गुज़रती है। और जैसे नदी को अपने साथ रखने की क़वा’इद में हम अपने पात्रों मे थोड़ी-सी नदी भर लेते हैं वैसे ही अगर अंजुली भर कहानी आपके ह्रदय-पात्र में जगह बना पाई तो मुझे लगेगा कि किताब के पन्नों से निकलकर कहानी अपने मुकाम तक पहुंच गई। किताब आपको कैसी लगी, जानने की प्रतीक्षा में ....
ISBN: 9789390593569
Pages: 120
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Dhibri Tight
- Author Name:
Tejendra Sharma
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Noaakhali
- Author Name:
Ramesh Oza +1
- Book Type:

- Description: आधुनिक भारताच्या इतिहासात घडलेल्या भीषण दंग्यांची जेव्हा चर्चा होते तेव्हा नोआखालीचे नाव आवर्जून घेतले जाते. 16 ऑगस्ट 1946 रोजी मुस्लीम लीगने पुकारलेल्या प्रत्यक्ष कृती दिनाच्या निमित्ताने कोलकाता येथे भीषण सांप्रदायिक दंगे भडकले. त्याची धग कोलकातापासून 400 किलोमीटर दूर असलेल्या आजच्या बांग्लादेशमधील नोआखाली जिल्ह्यापर्यंत जाऊन पोहोचली. तेव्हा नोआखालीतील अल्पसंख्य हिंदूंचे अश्रू पुसण्यासाठी, त्यांच्यात आत्मविश्वास निर्माण करण्यासाठी शहात्तर वर्षांचे वयोवृद्ध गांधीजी तेथे चार महिने जाऊन राहिले. हा त्यांच्या आयुष्यातील सर्वात कठीण काळ होता. मानवाच्या इतिहासात सत आणि असत शक्तींमधे अखंड चाललेल्या संघर्षात चिरंतन सत मूल्यांच्या रक्षणासाठी गांधीजींचे नोआखालीत जाऊन राहणे यास फार मोठे महत्त्व आहे. किंबहुना आज आपला समाज स्वातंत्रोत्तर काळातील सर्वात कठीण आव्हानाला सामोरा जात असताना हे महत्त्व आणखी वाढते. कारण सांप्रदायिकतेच्या समस्येने आज अत्यंत उग्र रुप धारण केले असून पुन्हा एकदा मानवतेच्या अस्तित्वापुढे प्रश्नचिन्ह निर्माण झाले आहे. अशा पार्श्वभूमीवर हिमालयाएवढ्या आव्हानाचा सामना करत गांधीजींनी मानवाच्या असीम आत्मबलाचा अत्युच्च मानबिंदू नोआखालीतून कसा प्रस्थापित केला, याची ही कहाणी रमेश ओझा आणि श्याम पाखरे या लेखक द्वयींनी आपल्यासमोर मांडली आहे. आजच्या अत्यंत निराशाजनक परिस्थितीत नोआखाली पर्वाचे स्मरण करून देणारी ही कादंबरी वाचकांना मानवतेच्या रक्षणासाठी नवी प्रेरणा देईल अशी आशा आहे. नोआखाली | रमेश ओझा, श्याम पाखरे Noaakhali| Ramesh Oza And Shyam Pakhare
Khairiyat Hai Huzoor
- Author Name:
Urmila Shirish
- Book Type:

- Description: Book
Kuber
- Author Name:
Dr. Hansa Deep
- Rating:
- Book Type:

- Description: Book
Karm Path Par
- Author Name:
Aashish Kumar Trivedi
- Rating:
- Book Type:

- Description: novels
Shwet Yodha
- Author Name:
Jyoti Jain
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Priyee Chaarusheele
- Author Name:
Nagaraja Vastarey
- Book Type:

- Description: ಐಳ ಮತ್ತು ಮಾತಂಗಿ ಎನ್ನುವ ಒಂದು ಯುವ ಜೋಡಿ, ಪುರಿಯ ಜಗನ್ನಾಥ ಮಂದಿರದ ಸುತ್ತಲೂ ಒಂದು ಸಂಜೆ ಕಳೆಯುವ ಈ ಅಪರೂಪದ ಪ್ರೇಮಕಥನವು, ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಹೊಸದೇ ಒಂದು ಬಗೆಯ ಕಾದಂಬರಿಯ ಜಗತ್ತನ್ನು ತೆರೆದು ಕೊಟ್ಟಿದೆ. ನಾಗರಾಜ ವಸ್ತಾರೆಯವರ ಅಪರೂಪದ ಕಾವ್ಯಮಯ ಭಾಷೆಯು ಈ ಕಾದಂಬರಿಯ ಉದ್ದಕ್ಕೂ ವಿಶೇಷ ಮೆರುಗನ್ನು ನೀಡಿದೆ.
Umeda- Ek yuddha Nartaki
- Author Name:
Akash Mathur
- Rating:
- Book Type:

- Description: इतिहास पर लिखना बहुत मुश्किल होता है, और विशेषकर उस इतिहास पर लिखना, जिसके बारे में कहीं कोई विशेष जानकारी नहीं मिलती हो। आकाश माथुर ने एक ऐसा ही विषय उठा लिया। कुँवर चैन सिंह की जगह उन्हीं के साथ शहीद हुई नर्तकी उमेदा की कहानी लिखना। नर्तकी का नाम तक कहीं नहीं मिलता, बस एक टूटी-फूटी समाधि है, जो सीहोर में कुँवर चैन सिंह की छतरी के पास बनी हुई है। समाधि भी धीरे-धीरे टूट रही है, या यूँ कहें कि तोड़ी जा रही है। और कुछ समय में वहाँ समाधि का नामो-निशान तक नहीं मिलेगा। लेकिन अब कम से कम यह तो है कि आकाश ने उसकी कहानी को सुरक्षित कर दिया है। प्रशंसा करनी होगी आकाश की कि उसने एक ऐसी शहीद नर्तकी की कहानी लिखी, जिसके बारे में कहीं एक शब्द भी नहीं लिखा गया है। इस उपन्यास को पढ़ते हुए यह विश्वास करना मुश्किल होता है कि कुछ बहुत छोटे-छोटे सूत्रों से ही इस पूरे उपन्यास को लिख दिया गया है और उमेदा की कहानी रच दी गई है। आकाश ने बहुत मेहनत की है इस उपन्यास पर। इन दिनों जब शोध कर के लिखने की परंपरा ही समाप्त होती जा रही है, ऐसे में यह उपन्यास इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसके लेखक ने न केवल किताबों की यात्रा की है, बल्कि उन स्थानों की भी यात्रा की, जहाँ-जहाँ इस उपन्यास को लेकर उसे सूत्र मिल सकते थे। जाने किस-किस से मुलाक़ात की, उन सब से, जिनके पास से कोई छोटी से छोटी भी जानकारी मिल सकती थी। यह मेहनत, यह श्रम और यह शोध इस उपन्यास को पढ़ते समय शब्द दर शब्द महसूस होता है। उपन्यास बहुत रोचक बना है, जिसको पढ़ते समय कभी भी पठनीयता की कमी महसूस नहीं होती है। आकाश का यह पहला उपन्यास है, उम्मीद करता हूँ कि आगे और भी उपन्यास आकाश की लेखनी से सामने आएँगे। मेरी शुभकामनाएँ। - पंकज सुबीर
Bijji Ka Katha Lok
- Author Name:
Dinesh Charan
- Book Type:

- Description: लोकजीवन से गहरी संसक्ति और लोकमानस की वैज्ञानिक समझ रखनेवाले सर्वोपरि कथाकारों में बिज्जी का नाम बेहिचक लिया जा सकता है। उनकी कहानियों को पढ़ते हुए निरंतर यह महसूस होता है कि वे स्वयं लोक के अभिन्न अंग भी हैं और द्रष्टा भी। यही वजह है कि अपने नितांत निजी अनुभवों को कथा में पिरोते हुए भी उनमें भावुकता का लेशमात्र भी दिखाई नहीं देता। यह बिज्जी की रचनाधर्मिता की ख़ासियत है। इसी के बलबूते वे अपनी रचनाओं में ऐसा लोक रच पाए जो वास्तविक भी है और उनका कल्पनालोक भी है। सामंती परिवेश के भीतर रहनेवाले पात्रों में प्रगतिशील विवेक और रूढ़ियों से टकराने की क्षमता इसी से उपजी है। राजस्थानी लोकमानस की मुकमल पहचान बिज्जी के कथालोक में डूबकर ही की जा सकती है। किसी रचनाकार के लिए किंवदंती में बदल जाना यदि सबसे बड़ी उपलब्धि मान ली जाए तो बिज्जी इस उपलब्धि को अपने जीवनकाल में ही हासिल कर चुके थे। राजधानियों की चमक-दमक से कोसों दूर ग्रामांचल में रहकर साहित्य साधना करते हुए नोबेल नोमिनेशन तक की यात्रा ने इस किंवदंती को संभव बनाया। डॉ. दिनेश चारण युवा पीढ़ी के उन भाग्यशाली लोगों में हैं जिन्हें बिज्जी का सान्निध्य मिला है। वे ख़ुद कथाकार हैं और लोक के मर्मज्ञ हैं। इस पुस्तक को पढ़ते हुए उनकी सूक्ष्म दृष्टि और विवेचनात्मक विवेक से रूबरू होने तथा बिज्जी के कथालोक का हिस्सा होने का सुख मिलता है। डॉ. जगदीश गिरी
Bhakta Prahlad Stories Book
- Author Name:
M.I. Rajasvi
- Book Type:

- Description: पौराणिक कथाओं में विष्णुभक्त प्रह्लाद की कथा अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह कथा अन्याय, अत्याचार एवं अभिमान पर न्याय, सदाचार और स्वाभिमान की जीत की शिक्षा देती है। यह कथा उस समय की है, जब संपूर्ण सृष्टि हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु जैसे असुरों के आतंक से त्रस्त थी। चारों ओर आसुरी शक्तियों की प्रबलता थी। धर्म-कर्म और वेद-यज्ञ आदि की प्रतिष्ठा लगभग निष्प्राण हो चुकी थी। ऐसे विपरीत और गहन धार्मिक संकटकाल में भी प्रह्लाद जैसे भक्त की पावन भक्ति ने श्रीहरि को नरसिंह अवतार धारण करने हेतु प्रेरित किया। अंततः जब हिरण्यकशिपु के अत्याचारों एवं पापों का घड़ा भर गया तो भगवान् विष्णु ने नरसिंह का अवतार लेकर अत्याचारी हिरण्यकशिपु का अंत कर दिया। प्रस्तत पुस्तक 'भक्त प्रह्लाद' में विष्णुभक्त प्रह्लाद की कथा को बहुत ही सरल, सहज एवं रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। भगवद्भक्ति, सत्य व सदाचार, निष्ठा, समर्पण, संकल्प जैसे जीवनमूल्यों का संचार करने वाली प्रेरक पुस्तक ।
Gidhadanchi Mejwani
- Author Name:
Dr. Nitin Hande +1
- Book Type:

- Description: रितसर कामांसह गैरकृत्यांसाठी मध्यस्थांची, दलालांची यंत्रणा कशी काम करते आणि त्यातून भारतीय लोकशाहीतील काळे कारनामे कसे आकाराला येतात यांचा शोध या पुस्तकातून घेण्यात आलेला आहे. शोधपत्रकारिता करणाऱ्या जोसी जोसेफ यांनी मागील दोन दशकांत या समस्येची व्यापकता कशी वाढली आहे हे उघडकीस आणले आहे. त्यातून समोर आलेले चित्र स्फोटक आणि भयावह आहे. आधुनिक भारताचा याआधी कधी घेण्यात न आलेला अनेक पातळ्यांवरचा शोध म्हणजे गिधाडांची मेजवानी हे पुस्तक आहे. ते वाचकांना अस्वस्थ करते, कृतिप्रवण करते, परिवर्तनासाठी आक्रोश करायला भाग पाडते. लोकशाहीबद्दल काळजी असणाऱ्या तसेच देशात घडलेल्या घडामोडींमागे दडलेले सत्य समजून घेण्यास इच्छुक असलेल्या प्रत्येकाने हे पुस्तक वाचले पाहिजे. Gidhadanchi Mejwani | Josy JosephTranslation by : Dr. Nitin Hande गिधाडांची मेजवानी | जोसी जोसेफअनुवाद : डॉ. नितीन हांडे
Aaine Me Sach Dikhta Hai
- Author Name:
Gajendra Singh Verdhman
- Book Type:

- Description: "एक बात समझ में नहीं आई कि, ख़ुद कभी इमानदार रहे नहीं और उससे ईमानदारी, वफादारी, पारदर्शिता की अपेक्षा करते रहे। तुमको क्यार लगता है, ये सब एकतरफा होता है ? अरे ! ये सब पाना है तो अपने आपको भी उसी तरह बनाना होता है। ये तो आपसी विश्वाेस का संबंध है। विश्वा स दो, विश्वाास लो। अगर इतना ही समझ चुके थे उसे, तो इस रिश्तेव से बाहर हो जाते ? वैसे चले तो गए ही थे उसकी ज़िंदगी से, तो जी लेने देते उसे भी अपनी ज़िंदगी ?
Hardaul
- Author Name:
Vandana Awasthi Dubey
- Book Type:

- Description: This book has no description
Shivar
- Author Name:
Vijay Dhondiram Jadhav
- Book Type:

- Description: “कसली कसली तणनाशकं मारत्याती. ते मारलेल्या जमिनीवरनं नुसतं चाललं तर अंगाचा आगडोंब हुतूय, मग जमिनीनं ते कसं सोसायचं. जमिनीतली किडामुंगी सगळं मरून जातंय. एवढा तिच्यावर अत्याचार केल्यावर ती कशी पिकणार. काजळाच्या वडीसारखं शिवार आता खरूज आलेल्या माणसासारखं दिसाय लागलंय. ढेकूळ तोंडात टाकला तर खराट घोट लागतूय. सगळ्या वावरावर पांढराधोट मिठाचा थर तवंग आल्यासारखा दिसतूय. अजून एखादं वरीस कसं तरी शिवार दम काढील; पण त्येच्या म्होरं ह्येच्यात काय पीक यील असं मला वाटत न्हाई. पिकायचं बंद झालं, की मग बसा बोंबलत. ईख खाऊन मरा, न्हाई तर झोळ्या घेवून भीक मागत फिरा. आपल्या डोळ्यादेखत शिवाराचं झालेलं हे वाटुळं बघण्यापरास चाटशिरी मराण आल्यालं चांगलं.” एका बाजूला रानशिवाराशी जडलेलं श्रद्धाविश्व आणि दुसऱ्या बाजूला आधुनिक विकासाच्या नावाखाली सुरू असणाऱ्या बदलांमुळे लयाला चाललेलं रानवैभव अशा कात्रीत सापडलेला प्रत्येक शेतकरी अशी मरणाची भाषा बोलतो. ‘शिवार'मधले अण्णा-आप्पाही त्याला अपवाद नाहीत... शेतकऱ्याला बागाईतदार अशी ओळख देणाऱ्या ऊसशेतीने निर्माण केलेल्या प्रश्नांचा चौफेर वेध घेणारी आणि या प्रश्नांच्या कचाट्यात सापडलेल्या शेतकऱ्याची हतबलता मांडणारी कादंबरी. शेतीच्या भांडवलीकरणातून झालेल्या शेतकऱ्याच्या कोंडीचा ग्रामजीवनावरील दूरगामी परिणाम समजून घेण्यासाठी वाचलीच पाहिजे अशी कादंबरी. शिवार | विजय धोंडीराम जाधव Shivar | Vijay Dhondiram Jadhav
Shamana Thayi
- Author Name:
Sane Guruji +1
- Book Type:

- Description: DESCRIPTION AWAITED
Enna Bhavada Keedu
- Author Name:
S Surendranath
- Rating:
- Book Type:

- Description: ನಾಟಕಕಾರರೂ, ಬರಹಗಾರರೂ ಆದ ಎಸ್. ಸುರೇಂದ್ರನಾಥ್ ಅವರ ಕಾದಂಬರಿ ’ಎನ್ನ ಭವದ ಕೇಡು’. ಓದುಗರ ಜೊತೆಯಲ್ಲೇ ನಿರಂತರವಾಗಿ ಸಾಗುವ ಕಾದಂಬರಿಯ ಪಾತ್ರ, ಊರಿನ ಚಿತ್ರಣ, ಜನ, ಅವರ ತಲ್ಲಣಗಳು, ಆತಂಕಗಳು, ಹೀಗೆ ಅನೇಕ ಸಂಗತಿಗಳು ಓದುಗರ ಅನುಭವದ ಭಾಗವಾಗುತ್ತದೆ. ಕಾದಂಬರಿ ಸಾಗುತ್ತಾ ಓದುಗರ ನಡುವಿನ ಚರಿತ್ರೆಯಾದಂತೆ ಮನದಲ್ಲಿ ಬೇರೂರಿ ನಿಲ್ಲುತ್ತದೆ. ಎನ್ನ ಭವದ ಕೇಡು ಕಾದಂಬರಿಯ ಮುಖ್ಯ ಪಾತ್ರಧಾರಿ ಮಾಮಿಯ ಬದುಕಿನ ಅನಾವರಣ ಇಲ್ಲಿ ಪ್ರಮುಖ ಪಾತ್ರ ವಹಿಸಿದೆ. ಪಾತ್ರದಲ್ಲಿನ ವ್ಯಕ್ತಿತ್ವ, ಮತ್ತು ಅವರ ಬದುಕಿನೊಳಗೆ ಮುಖಾಮುಖಿಗೊಳ್ಳುವ ಅನೇಕ ಸಹಜ ಬದುಕಿನ ಗೊಂದಲ, ವಿಸ್ಮಯ, ತಲ್ಲಣಗಳನ್ನು ಈ ಕಾದಂಬರಿ ತೆರೆದಿಡುತ್ತದೆ.
Sattavara Sollu
- Author Name:
Karthik R +1
- Book Type:

- Description: “ಸ್ತುವರ ಸ್ಲಟಲುೆ”್ಇದು ಪ್ತರಕ್ತೆ ಮತುು ಕ್ತಲಗಾರರಾದ ಆಶುತಲಟೋಷ್ ಭ್ಾರದ್ಾಾಜ್ರ “ಮೃತುಾ ಕ್ಥಾ”್ಎೆಂಬ ಹಿೆಂದಿ ಕ್ೃತ್ತಯ ನಲೋರ ಕ್ನಾಡ ಅನುವಾದ. ಮಾವೋವಾದಿಗಳು ಮತುು ಭ್ಾರತ್ತೋಯ ಪ್ರಭುತಾದ ಮಧ್ಲಾ ನಡಲಯುತ್ತುರುವ ಸ್ೆಂಘಷ್ೆ ಮತುು ಇದರ ನಡುವಲ ಸಿಕ್ತಕಹಾಕ್ತಕಲಟೆಂಡಿರುವ ಆದಿವಾಸಿಗಳ ಬವರ್ಲಯ ಕ್ುರಿತು ಆಶುತಲಟೋಷ್ ಭ್ಾರದ್ಾಾಜ ಕ್ಳಲದ ಒೆಂದು ದಶಕ್ದಿೆಂದಲಟ ಬರಲಯುತಾು ಬೆಂದಿದ್ಾಾರಲ. ಹಲವಾರು ಧ್ವನಿ-ಧ್ಾಟಗಳಲ್ಲೆ ದೆಂಡಕಾರಣ್ಾದ ಸ್ೆಂಕ್ತೋಣ್ೆ ಮತುು ರಕ್ುಸಿಕ್ು ಆತಮವೃತಾುೆಂತವನುಾ ನಿರಟಪಿಸ್ಲು ಹಲಟರಡುವ ಈ ಕ್ೃತ್ತಯಲ್ಲೆ, ಒಬಬ ಪ್ತರಕ್ತೆನ ಶಿಸಿುನ ವರದಿಗಾರಿಕಲ, ಡಲೈರಿಯ ಆತ್ತೀಯತಲ, ಅೆಂಕ್ತಅೆಂಶಗಳ ವಸ್ುುನಿಷ್ಠತಲ ಮತುು ಕ್ತಲಗಾರಿಕಲಯ ಕ್ಲ್ಲ, ಇವಲಲೆವೂ ಸ್ಮಪಾಕ್ದಲ್ಲೆ ಬಲರಲತ್ತವಲ. ದ್ಲೋಶದ ಶಲರೋಷ್ಠ ಲ್ಲೋಖಕ್ರು ಮತುು ವಿಮಶೆಕ್ರ ಮೆಚ್ುುಗಲಗಲ ಪಾತರವಾಗರುವ ಈ ಕ್ೃತ್ತಗಲ ಹಲವಾರು ಪ್ರಶಸಿುಗಳು ಸ್ೆಂದಿವಲ. ಈ ಕ್ೃತ್ತ ಅನಲೋಕ್ ಭ್ಾರತ್ತೋಯ ಭ್ಾಷಲಗಳಿಗಲ ಅನುವಾದಗಲಟೆಂಡಿದ್ಲ.
Delightful Novella (Volume-2)
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: Delightful Novella (Volume-2) is a collection of short stories that explores the darker side of life. The stories are inspired by true events and are written in a way that pulls you into the characters' lives. These are not your typical tales of heroes and villains; they're about people who make mistakes and learn from them, people who have to face their demons and fight back against them. They're about love and loss, about how we sometimes have to do things we don't want to do in order to find out who we really are at the end of the day.
Jinhen Jurme Ishq Pe Naaz Tha
- Author Name:
Pankaj Subeer
- Book Type:

- Description: यह उपन्यास 'जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था' हमारे चारों ओर पसरते जा रहे अंधकार को चीरकर एक प्रकाश-पुंज की तरह सामने आता है। निराशा के इस जानलेवा समय में पंकज सुबीर की यह कृति हमें हौसला और उम्मीद बँधाती है। इसे पाठ्यक्रमों में सम्मिलित किया जाना चाहिए और युवाओं तक निःशुल्क पहुँचाया जाना चाहिए। आज के पुस्तक और प्रेम विरोधी दौर में ऐसा कुछ किया जाना चाहिए कि 'जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था' उपन्यास घर-घर में पढ़ा जाए। हिन्दी के चर्चित लेखक पंकज सुबीर का तीसरा उपन्यास। पंकज सुबीर के पहले दोनो उपन्यास "ये वो सहर तो नहीं" और "अकाल में उत्सव" बहुत अधिक चर्चित रहे हैं। कई सारे सम्मान इन दोनो उपन्यासों पर प्राप्त हुए। और अब पंकज सुबीर का तीसरा उपन्याास "जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था" प्रकाशित होकर आया है। पंकज सुबीर अपनी अलग तरह की शैली तथा विशिष्ट भाषा के लिए पहचाने जाते हैं। यह उपन्यास भी उसी कड़ी में एक प्रयोग है। यह उपन्यास मानव सभ्यता के पिछले पाँच हज़ार वर्षों की कहानी कहता है। और तलाशने की कोशिश करता है कि आख़िर वो क्या है, जिसके कारण मानव सभ्यता पिछले पाँच हज़ार साल केवल लड़ाई और युद्ध में ही गँवा चुकी है। यह उपन्यास बहुत सूक्ष्मता के साथ पिछले पाँच हज़ार सालों की कहानी का अवलोकन करता है। पाठक को एक ऐसी दुनिया में ले जाता है, जहाँ वर्तमान और भविष्य के संकेत मिलते हैं।
Khamosh Aawazen
- Author Name:
Saiyed Asad Mehdi
- Book Type:

- Description: Book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...