Autobiography of A Yogi (Hindi Version) | Yogi Kathamrit : Ek Yogi Ki Atmakatha - Paramahansa Yogananda
Author:
Paramahansa YoganandaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 396
₹
495
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789355219442
Pages: 392
Avg Reading Time: 13 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Karyakshetra Mein Safalta Ke Sootra
- Author Name:
Ashwani Lohani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nav Media Aur Bhasha | Hindi is Being Used In Facebook And Twitter | Vijaya Singh Book in Hindi
- Author Name:
Vijaya Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Judicial Accountability
- Author Name:
Kalraj Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC Bihar Shikshak Bahali Class 9 To 10 Vigyan 20 Practice Sets Based on SCERT And NCERT With Latest Solved Paper Tre 4.0
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pariksha Bhautik Vigyan Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher Physics Practice Sets Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
50 Military Leader
- Author Name:
Maj Rajpal Singh
- Book Type:

- Description: "इस पुस्तक में मात्र युद्ध विद्या का बखान नहीं किया गया है, बल्कि ऐसे सैन्य अधिनायकों के जीवन पर रोशनी डाली गई है, जिन्होंने विश्व इतिहास को अत्यधिक प्रभावित किया, चाहे प्रशंसात्मक दृष्टि में, चाहे निंदात्मक दृष्टि में। जरूरी नहीं कि इस पुस्तक में शामिल किए गए सभी लीडर सर्वश्रेष्ठ रहे हों या कुशल कूटनीतिज्ञ और महानतम शूरवीर ही रहे हों; मगर इतना तय है कि ये ऐसे लोग थे, जिन्होंने सही या गलत कारणों से युद्धक्षेत्र में कदम रखा और विश्वइतिहास को प्रभावित किया। इवान एक औसत सेनाध्यक्ष था; मगर उसका शासनकाल इतिहास के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ। एडोल्फ हिटलर क्रूर सेनानायक था; पर उसके कारण दुनिया में जबरदस्त बदलाव आया। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आप भी इस बात से इनकार नहीं कर पाएँगे कि इसमें वर्णित लोगों का व्यक्तित्व ऐसा था, जिन्होंने धरती पर मानव जाति के इतिहास पर सर्वाधिक प्रभाव डाला।"
Etawah Janpad Ki Seemavarti Boliyon Ka Bhasha
- Author Name:
Ramshankar Katheria
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dhai Beegha Zameen
- Author Name:
Smt. Mridula Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Naukarshah Hi Nahin…
- Author Name:
Anil Swarup
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sansar Mein Nirmal Verma : Uttararddh
- Author Name:
Nirmal Verma
- Book Type:

-
Description:
संसार में निर्मल वर्मा का यह दूसरा खंड—उत्तरार्द्ध—उनके उत्कर्षकाल के दिनों में लिये गए साक्षात्कारों की प्रस्तुति है। यह उनके जीवन का वह दौर भी था जब अपने विचारों और उनकी निडर अभिव्यक्ति के चलते उन्हें बार-बार विवादों का सामना करना पड़ा। इन साक्षात्कारों में निःसंदेह इन विवादों की प्रतिध्वनियाँ भी सुनाई देती हैं।
अपनी वैचारिक और रचनात्मक यात्रा के अलावा यहाँ निर्मल जी अपने बचपन, पारिवारिक पृष्ठभूमि, इतिहास के कुछ निर्णायक पलों—मसलन बँटवारा और गाँधी जी की हत्या—से जुड़ी अपनी निजी अनुभूतियों को भी शब्द देते हैं। धर्म, इतिहास, मार्क्सवाद, भाषा, अन्तरराष्ट्रीय साहित्य, भारतीय राजनीति, आपातकाल आदि विषयों पर उनके विचारों को जानना उद्घाटनकारी भी है और विचारोत्तेजक भी।
मिसाल के तौर पर हिन्दी-भाषी समाज के संकट पर विचार करते हुए वे कहते हैं कि किसी हिन्दी-भाषी व्यक्ति को अगर केरल की फ़िल्म समझ न आए, यह बात समझ में आती है लेकिन हिन्दी लेखकों या हिन्दी फ़िल्मकारों को समझने में आम जनता को मुश्किल पड़ती है, तो ये एक गहरे सांस्कृतिक संकट का संकेत है।
इसी तरह कई अन्य चीज़ों पर नए ढंग से सोचने के लिए इन साक्षात्कारों में अनेक मौलिक प्रस्थान बिन्दु मिलते हैं। साक्षात्कारों के अलावा इस जिल्द में उन पर बनी फ़िल्मों और विविध मीडिया कार्यक्रमों के दौरान की गई वार्ताओं के अंश भी सम्मिलित कर लिये गए हैं।
Film Ki Kahani Kaise Likhein
- Author Name:
Vipul K. Rawal
- Book Type:

- Description: बहुत लोग होंगे जिनके पास एक अच्छी कहानी होगी, अगर नहीं तो कोई आइडिया होगा ही, लेकिन वह एक अच्छी फ़िल्म की पटकथा कैसे बने, यह जानना थोड़ा तकनीकी हुनर की माँग करता है। यह किताब आपको यही हुनर सिखाएगी। लेखक ख़ुद एक अच्छे पटकथाकार हैं, जिनकी लिखी फ़िल्में दर्शक देख चुके हैं। इस किताब में इन्होंने पटकथा-लेखन के ‘क-ख’ से शुरू करते हुए वे तमाम गुर बताए हैं, जिनके प्रयोग से आप एक अच्छी सफल फ़िल्म लिख सकते हैं। दो कामयाब फ़िल्मों ‘लगान’ और ‘सरफ़रोश’ का उदहारण देते हुए इन्होंने पटकथा-लेखन की सभी पेचीदगियों को समझाया है।
Sahitya Ki Vyapak Chintayen
- Author Name:
Nand Chaturvedi
- Book Type:

-
Description:
इस पुस्तक में संकलित साक्षात्कार, सामयिक विषयों पर गम्भीर चिन्ताएँ तो हैं ही, साथ ही नन्द चतुर्वेदी के साहित्यिक सोच की अभिव्यक्ति भी है। वे कविता की परम्परागत बुनावट के साथ-साथ उसकी सामाजिकता और उससे जुड़े सरोकारों को भी जानते-पहचानते थे। ये सम्पूर्ण रूप से नन्द चतुर्वेदी की साहित्यिक चिन्ताओं और उनके सफल-असफल होने की कथा भी हैं।
शिक्षा, मीडिया, नया आर्थिक परिदृश्य, जिसमें निजीकरण और वैश्वीकरण शामिल हैं, उनकी व्यापक चिन्ताओं का हिस्सा थे। उनको एक दु:ख यह भी था कि राजस्थान के हिन्दी लेखकों को वह सम्मान और प्रतिष्ठा नहीं मिली जिसके वे हक़दार थे। वे राजस्थान को उत्तर प्रदेश की मंडी बनाने के ख़िलाफ़ थे और बार-बार इस दु:ख का बयान इन साक्षात्कारों में करते हैं।
नौ दशकों के लम्बे जीवनकाल में नन्द जी ने कई सामाजिक कालखंडों में अपना जीवन जिया। झालावाड़-उदयपुर का सामन्ती-काल, आज़ादी की लड़ाई और देश-निर्माण के सपने। आज़ादी के बाद बराबरी का सपना भी टूटा और बहुत बाद के दिनों में उन्हें निजीकरण और वैश्वीकरण के सवालों के उत्तर भी खोजने पड़े। ये साक्षात्कार उनके हर अनुभव का आईना हैं। इस पुस्तक के कई साक्षात्कारकर्ता नन्द जी के साथी, सहयोगी कवि और प्रियजन रहे हैं। विदेश और देश के अन्य भागों से आए विद्वज्जनों ने भी उनसे बातचीत की है। इन लम्बे साक्षात्कारों में वे अपने पढ़ने-लिखने, स्मृतियों और बचपन के दिनों की चर्चा भी करते हैं। पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें शामिल सभी साक्षात्कारों को नन्द जी ने अपने जीवन के आख़िरी वर्षों में स्वयं सम्पादित और चयनित किया था। व्यवस्था के पुनर्निर्माण की आशा अब भी बची है, क्योंकि ये जो बहुत-से सपने हैं, वे काल्पनिक नहीं हैं। वे मनुष्य के अस्तित्व की बुनियादी शर्तें हैं—जैसे मनुष्य की स्वाधीनता, जैसे मनुष्य की समता। इनको छोड़ना सम्भव नहीं है। और तब मुझे यह प्रतीत होता है कि चाहे जितने दिन तक चीज़ें उथल-पुथल होती रहें लेकिन अन्त में समता और स्वाधीनता के प्राप्त हुए बिना मनुष्य बच नहीं पाएगा। —इसी पुस्तक से
Swami Vivekanand : Prasiddh Darshnik, Anjaan Kavi
- Author Name:
Radhika Nagrath
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Not Your Usual UPSC Book
- Author Name:
Aditya Bajpai
- Book Type:

- Description: This book is not intended to provide you with a detailed roadmap for studying for the exam. It is also not a book to boost your motivation. This book is an outcome of nearly 100+ questions that | have answered on Quora regarding civil services preparation. It is an attempt to provide clear insights to the aspirants on how to decide fundamental questions in the Civil Service exam preparation. Why choose Civil Services at all? What is your expectation from the service? Why not a private-sector job? Which service to choose? Is Delhi really important for preparation? Coaching vs Self-study? should you give up your job? What exactly do you want from your life? These are some of the questions explored in this book. This is not your usual UPSC Book.
1000 Computer Internet Prashnottari
- Author Name:
Vinoy Bhushan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Itani Paas Tumhare
- Author Name:
Anuradha Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
50 Crime Stories "50 क्राइम स्टोरीज" | Suspense, Thriller & Cyber Crime Based on True Event | Harsha Sharma | Book in Hindi
- Author Name:
Harsha Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rishton Ki Neenv
- Author Name:
Mamta Mehrotra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sanskriti Ka Pravah
- Author Name:
Rakesh Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Aurat : Astitva Aur Asmita
- Author Name:
Arvind jain
- Book Type:

- Description: महिला लेखन पर साहित्य की यह ऐसी महत्त्वपूर्ण पुस्तक है, जिसे लौन्घकर समकालीन साहित्य-जगत में स्त्री-विमर्श के सन्दर्भ में कुछ कहना असंभव नहीं तो कठिन जरूर साबित होगा । आपकी दृष्टि भविष्य की उस स्त्री पर है, जो संघर्ष करते हुए समग्र पितृसत्तात्मक व्यवस्था के विरुद्ध एक चुनौती बनकर कड़ी हो सके । एक मनोवैज्ञानिक की भांति अप स्त्री के अतीत के लौटकर उसके मानस का विश्लेषण करते हुए, उसके सामाजिक परिवेश को तौलते हैं । शायद यही कारण है कि आपकी विश्लेषण पद्धति, भाषा और वर्णन शैली में मुझे न केवल एक नयापन लगा बल्कि एक गहरी अन्तदृष्टि का भी परिचय मिला । ऐसा लगा मनो इस विमर्श के द्वारा आप आलोचना के कुछ नए प्रतिमानों को भी निर्मित कर पाएँगे । आपके लेखन में इस नई स्त्री=चेतना को देखने-समझने का जितना आग्रह्हाई, उतना ही आपकी आलोच्य अभिव्यकिमे पाठकीय अनुभव का एक ताजा स्पंदन भी । वकील होने की वजह से आप स्थापित सिद्धान्तों के विश्लेषण के दौरान आप जो जिरह करते हैं, वह न केवल पाठक को आंदोलित करती है बल्कि उन्हें भी आलोचना का नया दृष्टिकोण देती है । प्रस्तुत पुस्तक में आपकी बहस का केन्द्रीय मुद्दा उपन्यासों में वर्णित घटनाओं की कानूनी एवं सामाजिक प्रमाणिकता को लेकर है तथा इसके माध्यम से आपने उस व्यापक सांस्कृतिक परिवेश का अध्ययन करना चाह है, जो स्त्री-लेखन का स्रोत रहा है । किसी भी अध्ययन के इस आंतरिक अनुशासन पक्ष पर आपने संतुलन बनाए रखा है । आपके लेखन की सबसे बड़ी विशिष्टता यही है कि आपने स्त्री-संस्कृति तथा उसके संघर्ष के इतिहास को समेटने व् समझने का और उस समझ को साहित्यिक अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया है ।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...