
Sankara - No-Other (A Tribute to Adi Shankaracharya)
Author:
Raghunandan TrikannadPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Religion-spirituality0 Reviews
Price: ₹ 340
₹
425
Unavailable
Sankara Bhagavadpada was instrumental in reviving our culture more than 1200 years back. Unfortunately, sankaracarya has become synonymous with terse, logical and complex philosophy of Advaita; or with Brahmanism a word coined by western philosophers, and a notion that he is relevant only to a particular caste; or with the ascetic way of life that promotes escapism. This book tries to present � Acaryasankara as a prodigy discovering his mission; as a person who learnt from many persons and situations, after coming in direct contact with the masses and classes of the society; as a prophet who had the foresight to select the eligible persons for his mission; as a forerunner who included all persons at every stage of growth in his teachings; as a synthesiser of hand, heart and head, and most of all, as an inspiration for scaling that peak which lies within each one of us.
ISBN: 9788184305616
Pages: 240
Avg Reading Time: 8 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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अपात्र को दान न देना चाहिए
सभी इन्द्रियों को अपने वश में रखना चाहिए
यही पहला आवश्यक वृतनेम है देखो
लिंग की पूजा कर प्रसाद पाने के लिए यही मेरे लिए साधन है।
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