FBI - Inside USAS National Intelligence & Security: Inside USA's National Intelligence & Security | Curious and Sensational Feats of Espionage Book in Hindi
Author:
N. ChokkanPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Available
Awating description for this book
ISBN: 9788197069246
Pages: 136
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Bal Hanuman
- Author Name:
Mukesh Nadan
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
My Transportation for Life
- Author Name:
Vinayak Damodar Savarkar
- Book Type:

- Description: The story is told. The curtain has been brought down on it. Two life sentences have been run. And I have brought my recollections of them within the cover of this book. They are narrated in brief and put together within the narrowest. When I came into this world, God sent me here, possibly on a sort of life sentence. It was the span of life allotted to me by time to stay in this "prison-house of life". This story is a chapter of the book of life, a long story that has not yet ended. You can finish reading the book in a day, while I had to live it for 14 long years of transportation. And if the story is so tiresome, unendurable and disgusting to you, how much must have been the living of it for me! Every moment of those 14 years in that jail has been an agony of the soul and the body to me and to my fellow convicts in that jail. It was not only fatiguing, unbearable and futile to us; it was equally or more excruciating to them than to me. And it is only that you may know it and feel the fatigue, the disgust and the pain of it as we have thought it that I have chosen to write it for you. - Excerpts from this book This is the story of Swatantrayaveer Vinayak Damodar Savarkar, a great revolutionary, politician, poet and seer who tried to free India from the British yoke! British policy was to torture and persecute the political prisoners/revolutionaries so that they would reveal the names of all their colleagues or go mad or commit suicide. My Transportation for Life is a firsthand story of the sufferings and humiliation of an inmate of the infamous Cellular Jail of Andamans, the legendary Kala Paani. The physical tortures inside the high walls were made all the more insufferable by the sickening attitude of the men who mattered - the native leaders back home. This is a running commentary on the prevalent political conditions in India and a treatise for students of revolution. It is a burning story of all Tapasvis who were transported to Andaman.
Bhasha Ki Khadi
- Author Name:
Om Nishchal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Narad Muni Ki Aatmkatha
- Author Name:
Dr. Laxmi Narayan Garg
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
37 Years 2024-1988 NEET Chapterwise And Topicwise Solved Papers Biology (Jeev Vigyan) Syllabus Based on NCERT Class 11 & 12
- Author Name:
Dr. Yatindra Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhoomanadlikaran Aur Media
- Author Name:
Kumud Sharma
- Book Type:

- Description: तमाम व्यावसायिकता के नारों के बीच भारतीय मीडिया को यह समझना होगा कि वह लोकतंत्र का शक्तिशाली स्तंभ है और राष्ट्रीय संस्कारों तथा लोकतांत्रिक मूल्यों का संवाहक भी । वह दिशादर्शन के गहरे दायित्व-बोध से भी जुड़ा हुआ है । भारतीय मीडिया-चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो अथवा प्रिंट मीडिया-दोनों का ही सैद्धांतिक स्वरूप राष्ट्रीय समता, अखंडता और संप्रभुता बनाए रखने के उद्देश्य के साथ-साथ देश की जनता में सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से एक अनुकूल और प्रेरक सोच पैदा करने के उद्देश्य से गढ़ा गया है । शिक्षा तथा साक्षरता के माध्यम से समाज के विकास को गति देना भी उनका लक्ष्य है । उसके उद्देश्यों में जागृति पैदा करना, सूचना देना तथा व्यापक रूप से जनता के जीवन-स्तर को उठाना भी शामिल है । भूमंडलीकरण की प्रक्रिया में मीडिया के सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई बढ़ गई है । व्यावसायिकता से उपजी तमाम चुनौतियों के बीच भारतीय मीडिया को अपनी यह चमक पुन: कायम करनी होगी । उसे इन्हीं चुनौतियों से गुजरकर वह राह पकड़नी होगी, जिसपर चलकर वह देश के व्यापक फलक पर व्याप्त भ्रष्टता और विसंगति को चुनौती दे सके; ' साम्राज्यवादी सूचनाओं के इंद्रजाल ' से मुक्त होकर राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का पाठ पढ़ा सके तथा ग्लैमर, चकाचौंध के आवरण को चीरकर समाज को स्वस्थ दिशा दे सके । -इसी पुस्तक से
The Farrago
- Author Name:
Faiz Yusuf
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sansad Mein Nitin Gadkari
- Author Name:
Rakesh Shukla
- Book Type:

- Description: मैं पहली बार 2014 में नागपुर से लोकसभा सांसद चुना गया। इससे पूर्व मैं महाराष्ट्र विधान परिषद् में 1989 से लगातार 20 वर्ष तक सदस्य रहा हूँ। वर्ष 1995 से 1999 तक मैंने महाराष्ट्र सरकार में लोक निर्माण मंत्री का कार्यभार भी सँभाला। विधायिका और प्रशासन में काम करने का लंबा अवसर मिला। लोकसभा सदस्य के नाते एवं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पोत परिवहन मंत्री के रूप में मैंने संसदीय कार्य में अपना योगदान देने का भरपूर प्रयास किया है। इस अल्पकाल में कई महत्त्वपूर्ण विधेयक मेरे द्वारा संसद् में प्रस्तुत किए गए। कुछ पारित भी हुए हैं। दोनों सदनों में प्रश्नोत्तरकाल में भी मैंने विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों द्वारा उठाई गई समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया है। अभी बहुत कुछ करना बाकी है। कुछ महत्त्वपूर्ण विधेयक अभी भी संसद् में विचाराधीन हैं। मुझे विश्वास है कि उन्हें जल्द पारित किया जाएगा, ताकि मेरे मंत्रालयों से संबंधित परियोजनाओं को गति प्रदान की जा सके। यह पुस्तक संसद् में किए गए प्रयासों का एक संकलन है। मैं समझता हूँ कि इस संकलन से मुझे संसदीय कार्यों में और भी महत्त्वपूर्णयोगदान करने की प्रेरणा मिलेगी। इस प्रयास के लिए संपादक एवं प्रकाशक को मेरी शुभेच्छा।
Narrative Ka Mayajaal Hardcover
- Author Name:
Balbir Punj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Safaltam Karobariyon Ki Adbhut Kahaniyan
- Author Name:
Pradeep Thakur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Art of Focus | Avoid Distractions and Achieve Success! Boost Your Confidence And Reach Your Goals
- Author Name:
Damon Zahariades
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Girnar ke Siddha Yogi
- Author Name:
Anantrai G. Rawal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bediyan Todati Stree
- Author Name:
Arvind jain
- Book Type:

- Description: स्त्री-जीवन के क़ानूनी पहलू पर विस्तार और प्रामाणिक जानकारी से लिखते हुए अरविन्द जैन ने स्त्री-विमर्श की सामाजिक-साहित्यिक सैद्धान्तिकी में एक ज़रूरी पहलू जोड़ा। क़ानून की तकनीकी पेचीदगियों को खोलते हुए उन्होंने अक्सर उन छिद्रों पर रोशनी डाली जहाँ न्याय के आश्वासन के खोल में दरअसल अन्याय की चालाक भंगिमाएँ छिपी होती थीं। इसी के चलते उनकी किताब ‘औरत होने की सज़ा’ को आज एक क्लासिक का दर्जा मिल चुका है। स्त्री लगातार उनकी चिन्ता के केन्द्र में रही है। बतौर वकील भी, बतौर लेखक भी और बतौर मनुष्य भी। सम्पत्ति के उत्तराधिकार में औरत की हिस्सेदारी का मसला हो या यौन शोषण से सम्बन्धित क़ानूनों और अदालती मामलों का, हर मुद्दे पर वे अपनी किताबों और पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से पाठक का मार्गदर्शन करते रहे हैं। ‘बेड़ियाँ तोड़ती स्त्री’ उनकी नई किताब है जो काफ़ी समय के बाद आ रही है। इस दौरान भारतीय स्त्री ने अपनी एक नई छवि गढ़ी है, और एक ऐसे भविष्य का नक़्शा पुरुष-समाज के सामने साफ़ किया है जिसे साकार होते देखने के लिए शायद अभी भी पुरुष मानसिकता तैयार नहीं है। लेकिन जिस गति, दृढ़ता और निष्ठा के साथ बीसवीं सदी के आख़िरी दशक और इक्कीसवीं के शुरुआती वर्षों में पैदा हुई और अब जवान हो चुकी स्त्री अपनी राह पर बढ़ रही है, वह बताता है कि यह सदी स्त्री की होने जा रही है और सभ्यता का आनेवाला समय स्त्री-समय होगा। इस किताब का आधार-बोध यही संकल्पना है। तार्किक, तथ्य-सम्मत और सद्भावना से बुना हुआ स्त्री के भविष्य का स्वप्न। उनका विश्वास है कि अब साल दर साल देश के तमाम सत्ता-संस्थानों में शिक्षित, आत्मनिर्भर, साधन-सम्पन्न, शहरी स्त्रियों की भूमिका और भागीदारी अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगी। समान अधिकारों के लिए सामाजिक-राजनीतिक संघर्ष तेज़ होंगे और भविष्य की स्त्री हर क्षेत्र में हाशिये के बजाय केन्द्र में दिखाई देने लगेगी। समानता और न्याय की तलाश में निकली स्त्री अपना सबकुछ दाँव पर लगा रही है। सो भविष्य की स्त्री इन्साफ माँगेगी। सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक इन्साफ़। देह और धरती पर ही नहीं सबकुछ पर बराबर अधिकार।
JPSC Jharkhand | Samanya Adhyayan Paper-1 | Bhartiya Rajvyavastha "भारतीय राजव्यवस्था" Prarambhik Pariksha - 2024
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
CV Raman
- Author Name:
Tejen Kumar Basu
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Tumhara Nanoo
- Author Name:
Namvar Singh
- Book Type:

-
Description:
‘तुम्हारा नानू’ में नामवर सिंह के अपनी बेटी समीक्षा ठाकुर को लिखे पत्रों को संकलित किया गया है। ये पत्र 1986 से 2005 के बीच लिखे गए थे और इनका उद्देश्य यात्राओं में अपने देखे स्थलों और अन्य अनुभवों से अपनी बेटी को परिचित कराना था।
इन पत्रों को संकलित करते हुए समीक्षा जी उनकी रोज़-रोज़ की यात्राओं और व्यस्तताओं का हवाला देते हुए बताती हैं कि वापस घर आने पर वे रस ले-लेकर वहाँ के बारे में बताते और चाहते कि बेटी भी उन जगहों को देखे। इसीलिए बाद में उन्होंने अपनी देखी-जानी चीजों को पत्रों में लिखना शुरू कर दिया।
पत्रों की अपनी एक उष्मा होती है, जो अब मोबाइल और मेल के ज़माने में दुर्लभ है। इन पत्रों को पढ़ते हुए हम वह उष्मा भी महसूस करते हैं, और नामवर सिंह की दृष्टि की बारीकी से भी परिचित होते हैं।
पुस्तक में समीक्षा ठाकुर लिखित दो आलेख भी शामिल किए गए हैं। इनमें उन्होंने अपने पिता नामवर, हिन्दी के महान आलोचक नामवर, सबके चहेते नामवर, और वक्ता नामवर के साथ नामवर जी के जीवन के कई पहलुओं पर रौशनी डाली है। एक पठनीय और संग्रहणीय पुस्तक!
Bachchan Rachanawali : Vols. 1-11
- Author Name:
Harivansh Ray Bachchan
- Book Type:

- Description: बच्चन रचनावली (11 खंड) खंड 1 हिन्दी कविता का एक दौर वह भी था जब हिन्दीभाषी समाज को जीवन के गंभीर पक्ष में पर्याप्त आस्था थी, और कविता भी अपने पाठक-श्रोता की समझ पर भरोसा करते हुए, संवाद को अपना ध्येय मानकर आगे बढ़ रही थी। मनोरंजक कविता और गंभीर कविता का कोई विभाजन नहीं था; न मनोरंजन के नाम पर शब्दकारों-कलाकारों आदि के बीच जनसाधारण की कुरुचि और अशिक्षा का दोहन करने की वह होड़ थी जिसके आज न जाने कितने रूप हमारे सामने हैं, और न कविता में इस सबसे बचने की कोशिश में जन-संवाद से बचने की प्रवृत्ति। हरिवंश राय बच्चन उसी काव्य-युग के सितारा कवि रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ मंच से अपने पाठकों-श्रोताओं से संवाद किया बल्कि लोकप्रियता के कीर्तिमान गढ़े। कविता की शर्तों और कवि-रूप में अपने युग-धर्म का निर्वाह भी किया और जन से भी जुड़े रहे। यह रचनावली उनके अवदान की यथासम्भव समग्र प्रस्तुति है। रचनावली के इस नए संस्करण में 1983 में प्रकाशित नौ खंड बढ़कर अब ग्यारह हो गए हैं। रचनावली के प्रकाशन के बाद एक स्वतंत्र पुस्तक के रूप में आया बच्चन जी की आत्मकथा का चौथा भाग खंड दस में और पत्रों समेत कुछ अन्य सामग्री खंड ग्यारह में ली गई है। खंड 2बच्चन रचनावली के दूसरे खंड में निम्नलिखित रचनाएँ क्रमानुसार संगृहीत हैं : 'मिलन यामिनी’ (1950), 'प्रणय पत्रिका’ (1955), 'धार के इधर-उधर’ (1957), 'आरती और अंगारे’ (1958), 'बुद्ध और नाचघर’ (1958), 'त्रिभंगिमा’ (1961), 'चार खेमे चौंसठ खूँटे’ (1962)।खंड 3बच्चन रचनावली के इस तीसरे खंड में बच्चनजी की निम्नलिखित रचनाएँ क्रमानुसार संगृहीत हैं : 'दो चट्टानें’ (1965), 'बहुत दिन बीते’ (1967), 'कटती प्रतिमाओं की आवाज’ (1968), 'उभरते प्रतिमानों के रूप’ (1969), 'जाल समेटा’ (1973), 'प्रारम्भिक रचनाएँ भाग 1-2’ (रचनाकाल : 1928-33; प्रकाशन काल : 1943), अतीत की प्रतिध्वनियाँ और मरघट के कुछ पद (रचनाकाल : 1932-33), 'कुछ नवीनतम कविताएँ’ (रचनाकाल : 1973-83)।खंड 4बच्चन रचनावली के इस चौथे खंड में बच्चनजी के द्वारा अनूदित निम्नलिखित काव्य-कृतियाँ क्रमानुसार संगृहीत हैं : 'खैयाम की मधुशाला’ (1935), 'जनगीता’ (1958), 'चौंसठ रूसी कविताएँ’ (1964), 'मरकत द्वीप का स्वर’ (1965), 'नागर गीता’ (1966), 'भाषा अपनी भाव पराये’ (1970), कुछ स्फुट-असंकलित अनुवाद।खंड 5बच्चन रचनावली के इस पाँचवें खंड में बच्चनजी के द्वारा अनूदित शेक्सपियर के चार नाटक निम्न क्रम से संगृहीत हैं : 'मैकबेथ’ (1957), 'ओथेलो’, (1959), 'हैमलेट’ (1969), 'किंगलियर’ (1972)।खंड 6बच्चन रचनावली के इस छठे खंड में बच्चनजी की कुछ गद्य-कृतियों और उनके कुछ स्फुट लेखन को इस क्रम में प्रस्तुत किया गया है : 'कवियों में सौम्य सन्त’ (1960), 'नये-पुराने झरोखे’, (1962), 'टूटी-छूटी कड़ियाँ’ (1973), 'सोपान’ आदि संकलनों—संचयनों की भूमिकाएँ और कुछ असंकलित लेख।खंड 7बच्चन रचनावली के इस सातवें खंड में बच्चनजी की आत्मकथा के प्रथम दो भाग प्रस्तुत किए जा रहे हैं : 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ (1969), 'नीड़ का निर्माण फिर’ (1970)।खंड 8बच्चन रचनावली के इस आठवें खंड में आत्मकथा का तीसरा भाग 'बसेरे से दूर’ (1977) और उनकी डायरी 'प्रवास की डायरी’ (1971) प्रस्तुत की जा रही है।खंड 9बच्चन रचनावली के इस नवें खंड में बच्चनजी का विविध लेखन निम्न क्रम में संगृहीत है : वार्ताएँ, साक्षात्कार, पुस्तक-समीक्षाएँ, कहानियाँ, बच्चों के लिए लिखी कविताएँ और पत्र।खंड 10बच्चन रचनावली के इस दसवें खंड में बच्चनजी की आत्मकथा का वह अन्तिम चौथा भाग संकलित किया गया है जो अभी तक 'दशद्वार’ से 'सोपान तक’ शीर्षक से स्वतंत्र रूप में उपलब्ध था। आत्मकथा के पहले तीन भाग 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ’, 'नीड़ का निर्माण फिर’ और 'बसेरे से दूर’ रचनावली के सातवें-आठवें खंडों में पहले से ही संकलित हैं।खंड 11बच्चन रचनावली का यह संस्करण इस खंड के साथ पूर्ण होता है। इस खंड में उनकी कुछ असंकलित कविताओं, एक साक्षात्कार, एक भाषण और एक भूमिका के अतिरिक्त मुख्यत: उनके पत्र हैं। बच्चनजी ने अपने जीवन में इतने अधिक पत्र लिखे थे, जो यदि एकत्र हो सकते तो बीस-पच्चीस मोटे खंडों में समाते। उन्होंने स्वयं कम-से-कम 50 हज़ार पत्र लिखने की बात स्वीकार की है।
Motivating Thoughts of Gandhi
- Author Name:
Prashant Gupta
- Book Type:

- Description: William Shakespeare said, “Some are born great, some achieve greatness, and some have greatness thrust upon them.” One can achieve greatness only by one’s deeds and not by one’s birth. Mahatma Gandhi, the father of the nation, was such a great person. Mohandas Karamchand Gandhi was called ‘Mahatma Gandhi’ for his principles of non-violence, sacrifices for India’s independence and the concerted efforts he made for societal transformation. Gandhi Ji followed what he preached and lived a life of idealism. Here are a few inspiring quotes by Mahatma Gandhi that acts like an eye opener.” “A man is but a product of his thoughts. What he thinks he becomes.” “The weak can never forgive. Forgiveness is an attribute of the strong.” “Strength does not come from physical capacity. It comes from an indomitable will.” “An ounce of patience is worth more than a tonne of preaching.” “Glory lies in the attempt to reach one’s goal and not in reaching it.” “Whatever you do will be insignificant. But it is very important that you do it.” “The difference between what we do and what we are capable of doing would suffice to solve most of the world’s problem.”
Bebaak Baat
- Author Name:
Vijay Goyal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vyangyaya Ke Rang
- Author Name:
Ashok Gujarati
- Book Type:

- Description: "व्यंग्य के रंग—अशोक गुजराती मोबाइल पर धुन बजी—‘हैलो!’ उधर से तीर चला—‘मोहन है क्या?’ मैं चौंका— ‘मोहन... यहाँ कोई मोहन नहीं है!’ उन पर कोई असर नहीं—‘आपका फोन नंबर क्या है?’ मुझे गुस्सा आ गया—‘राँग नंबर!’ लेकिन वे पीछा छोड़ने को तैयार नहीं—‘आप कौन बोल रहे हैं?’ मन हुआ, कहूँ—‘तेरा बाप!’ परंतु सभ्यता का तकाजा था, फोन बंद कर दिया। अब मैंने प्रिंटिंग प्रेस को लगाया। घंटी बजती रही तो घर पर मिलाया। पूछा, ‘प्रकाशजी हैं क्या?’ स्वर उभरा—‘कहिए क्या काम है, मैं उनका भाई बोल रहा हूँ।’ मेरी जिज्ञासा—‘मेरे कार्ड छप गए क्या?’ उनकी प्रतिजिज्ञासा—‘आपको कौन सी तारीख बताई थी?’ मैंने खुलासा किया—‘तारीख तो कल हो गई’। उन्होंने आश्चर्य जताया—‘ऐसा क्या! फिर छप गए होंगे।’ मुझे खुशी हुई—‘तो मैं लेने आ जाऊँ?’ उन्होंने पानी फेर दिया—‘भई, यह तो आपको प्रकाश से ही पूछना पड़ेगा। वह मुंबई गया है। मेरी अलग दुकान है कपड़ों की।’ —इसी संग्रह से सात्त्विक, जीवंत एवं रोचक शैली में लिखे अशोक गुजराती के ये व्यंग्य लेख बड़ी-से-बड़ी बात को सहज एवं मारक रूप में कह देने की क्षमता रखते हैं। ये व्यंग्य पाठक को गुदगुदाते ही नहीं, भरपूर मनोरंजन भी करते हैं। "
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...