
Ek Stri Ka Vidageet
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
111
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
222 mins
Book Description
हमारे समय में, जब अख़बारी ख़बर को ‘स्टोरी’, और रोमांच और सनसनी-भरी वारदातों को 'सत्यकथा' या ‘नाटक‘ कहकर परिभाषित किया जाने लगा है, तो एक ईमानदार कहानीकार के लिए ज़रूरी हो जाता है, कि वह नए सिरे से वह लिखे, जो सत्यकथा नहीं, स्टोरी नहीं, राष्ट्र के नाम सन्देश या रिपोर्ताज भी नहीं, सिर्फ़ एक विशुद्धि गठी हुई कहानी हो, और कहानी के सिवा कुछ न हो।</p> <p>इस संकलन की कहानियाँ हमारे समय, और ख़ुद कलाकार की, रचनात्मक शक्ति को आख़िरी बूँद तक निथारकर, उससे वह अन्तिम आकार छान पाने की कोशिश करती हैं, जो प्रचार-माध्यमों की पकड़ के परे, कहानी-कला का विशुद्ध स्वरूप है। इनमें एकल क़िस्सागोई भी है, और सामूहिक हुंकारा भी। सुनी-सुनाई भी है, और देखि-दिखाई भी, जन्म भी है, और मृत्यु भी, चलायमान समय भी है, और सर्वव्यापी काल भी।</p> <p>और अगर कोई सुधीजन कुनमुना-हिनहिनाकर पूछे, कि इनमें आदि-मध्य-अन्त (और समाज के लिए सन्देश या सूक्तिवचन समान कुछ बातें) क्यों नहीं हैं?</p> <p>तो यह कहानियाँ बड़ी विनम्रता से पूछना चाहेंगी, जीवन में ही वह सब है क्या?