Champion Hain Hum

Champion Hain Hum

Authors(s):

1948,1949

Language:

Hindi

Pages:

196

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

392 mins

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Book Description

ध्यान से देखो,</p> <p>हर बच्चे के ख़्वाब में पंख फड़फड़ाता एक पंक्षी है;</p> <p>उसे पहचानों, उसकी क़द्र करो।</p> <p>वह तुम्हारे लिए असमान रचने वाला है।&nbsp; &nbsp; &nbsp;</p> <p>ये उन बच्चों की सच्ची और प्रेरक कहानियाँ हैं, जिनसे यह अपेक्षा भी नहीं की जा सकती थी कि वे अपने परिवार और परिवेश में कोई बदलाव ला सकते हैं।&nbsp;मगर यही बात तो इन्हें ख़ास बनाती है। इनकी कहानियाँ बताती हैं कि हर बच्चे के भीतर सौन्दर्य, प्रेम और न्याय की चेतना मौजूद होती है। इसलिए वे परम्परा से चली आ रही बुराइयों को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं कर लेते, कुछ इनके ख़िलाफ़ खड़े भी होते हैं।&nbsp;ऐसा हमेशा होता आया है। और होता रहेगा। एक जीवंत समाज को चाहिए कि अपने बच्चों को सिर्फ़ सिखाये ही नहीं, उनसे सीखे भी।&nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp;

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