
Maharas
Author:
Usha YadavPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Religion-spirituality0 Reviews
Price: ₹ 384
₹
480
Unavailable
रासलीला है क्या? यह एकाग्र भाव लेकर श्रीराधा-माधव की भावभूमि पर पहुँचने का माध्यम है।
यह एक ऐसी नाव है, जिसपर सवार होकर व्यक्ति भवसागर को पार कर सकता है।
श्रीराधा-माधव से जुडऩे का, उनका सान्निध्य पाने का, उनकी सेवा में पहुँचने का और उनके रंग में रँग जाने का इससे सीधा-सरल रास्ता और कौन सा हो सकता है?
सच तो यह है कि हर व्यक्ति अपने-अपने चश्मे से रास को देखता है। लाल रंग के शीशे से यह लाल और हरे रंग के शीशे से हरा दिखाई देगा। यानी मानना पड़ेगा कि रास को देखने की दो दृष्टियाँ हैं—स्थूल तथा सूक्ष्म। स्थूल दृष्टि से व्यक्ति को रासधारियों की वेशभूषा, अभिनय, संगीत, नृत्य और रासमंच की साज-सज्जा दिखाई देगी। सूक्ष्म या आध्यात्मिक दृष्टि के चलते यह लीलानुकरण व्यक्ति को आध्यात्मिक जगत से जोड़ता है। उस समय स्वरूप उसके लिए स्वरूप नहीं रह जाते, साक्षात श्रीस्वामिनीजी और श्रीठाकुरजी बन जाते हैं। राधा-माधव की रासमंच पर अभिनीत होती लीला में स्वयं को तन्मय कर देना हर किसी के वश की बात नहीं। भावुक भक्त तो ऐसे स्थलों पर समाधिस्थ होते हुए देखे गए हैं, अश्रुपात करते पाए गए हैं और भाव-विह्वल अवस्था में पहुँचे दृष्टिगत हुए हैं। बस इसी उच्च-उदात्त मनोभूमि पर पहुँचकर रास का वास्तविक आनंद लिया जा सकता है।
ISBN: 9789392573415
Pages: 408
Avg Reading Time: 14 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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