
Vigyan Ki Anokhi Duniya : Part-3
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
144
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
288 mins
Book Description
बच्चे के मन में होश सँभालते ही अपने आसपास की दुनिया, अपने परिवेश, प्रकृति, हवा, सूरज, पानी और आग को लेकर अनेक सवाल उठने लगते हैं। ‘विज्ञान की अनोखी दुनिया’ शृंखला की पुस्तकें बाल और किशोर मन की इन्हीं जिज्ञासाओं को ध्यान में रखकर वैज्ञानिक आधार पर रची गई हैं।</p> <p>शृंखला की यह तीसरी पुस्तक हमें पेड़-पौधों के भोजन तैयार करने की विधि, पौधों के पैदा होने के प्राकृतिक और कृत्रिम तरीक़ों, वनस्पतियों के उपयोग आदि के बारे में जानकारी देती है। इसके अलावा इस पुस्तक के पाठक यह भी जान पाएँगे कि बहता हुआ पानी धरती की शक्ल कैसे बदलता है, हवा के झोंके पृथ्वी को कैसे बदलते हैं, चट्टानें कैसे बनती हैं, गुफावासी मनुष्य को आग का पता कैसे चला, थर्मामीटर कैसे काम करता है तथा मशीनें आदमी के लिए किस प्रकार सहायक होती हैं।</p> <p>