Sara Aakash Patkatha

Sara Aakash Patkatha

Authors(s):

283,1011

Language:

Hindi

Pages:

167

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

334 mins

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Book Description

1960 के आरम्भिक दिनों में मैंने दो मुख्य फ़िल्में (फ़ीचर फ़िल्म) बनाने में मदद की थी और अपने को एक मुख्य फ़िल्म निर्देशन के योग्य मान रहा था। मैं इधर-उधर एक कहानी तलाश रहा था। मेरे मित्र और सहयोगी अरुण कौल ने राजेन्द्र यादव की कहानी ‘सारा आकाश’ का सुझाव दिया। उसकी एक प्रति उनके पास थी, उन्होंने मुझे दे दी। एक शाम मैं उसे एक ही साँस में पढ़ गया और मैं अभिभूत ही था।</p> <p>‘सारा आकाश’ एक जटिल कथा के रूप में लिखा गया था। लेखक ने सपाट रास्ता नहीं चुना था, इसीलिए इसने मुझे ज़्यादा आकर्षित किया था। दृश्यों को मैंने यथासम्भव वर्णन के निकट रखा है। चूँकि लेखक ने कहानी फ़िल्म के लिए नहीं लिखी थी, अत: उसमें बहुत-सी बातों का विवरण दिया गया है जिनको दृश्यों में रूपान्तरित करना एक चुनौती थी।...ऐसे ही कई स्थान हैं जहाँ नायक अतीत और भविष्य के बारे में बहुत कुछ सोच रहा है। छठे दशक के मध्य में मैंने अनेक यूरोपीय और रूसी फ़िल्में देखी थीं। मुझे ऐसे दृश्य लिखने में इनसे सहायता मिली।</p> <p>पटकथा लिखने के बाद मुझे इसे विक्रम सिंह को दिखाने का अवसर मिला। वे अपने समय में ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म आलोचक थे। उन्होंने मेरे प्रयास की सराहना की और मुझे फ़िल्म बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। और ‘सारा आकाश’ बन गई। 1970 में ‘फ़िल्मफ़ेयर’ के समारोह में इसे वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पटकथा घोषित किया गया। निर्देशन के लिए इसकी सिफ़ारिश  राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भी की गई। इसके कैमरामैन को सर्वश्रेष्ठ छायाचित्रण के लिए पुरस्कार भी मिला।</p> <p>—बासु चटर्जी

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