
Popular Culture
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
207
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
414 mins
Book Description
‘पॉपुलर कल्चर’ सम्बन्धी कुछ लेख एवं टिप्पणियाँ यहाँ संकलित हैं : ‘पॉपुलर कल्चर’ का हिन्दी में निकट अनुवाद ‘लोकप्रिय संस्कृति’ हो सकती है। लेकिन ‘पॉपुलर कल्चर’ का आशय विशिष्ट है। पाठक उसे इन टिप्पणियों में पाएँगे। पश्चिमी समाजों में साहित्याध्ययनों के साथ सांस्कृतिक अध्ययनों का आरम्भ काफ़ी पहले हुआ था। ‘पॉपुलर कल्चर’ के अध्ययन भी शुरू हुए और अब ‘कल्चरल स्टडीज’ या कहें सांस्कृतिक अध्ययन ज़्यादा स्वीकृत हैं। देर-सबेर हिन्दी में भी शुद्ध साहित्यिक अध्ययन-अध्यापन की जगह साहित्य को व्यापक सांस्कृतिक अध्ययनों की कोटियों के तहत देखा-परखा जाने लगेगा।</p> <p>कुछ बरस पहले हिन्दी कथा मासिक ‘कथादेश’ में ‘पॉप कल्चर’ नाम से कॉलम शुरू किया। धीरे-धीरे पाठकों ने उसे पढ़ना-सराहना शुरू कर दिया। साठ हज़ार करोड़ रुपए के आसपास आकलित भारतीय मनोरंजन उद्योग में दिन-रात बननेवाली भारतीय ‘पॉप कल्चर’ का ‘ग्लोबल बाज़ार’ है। फिर विश्व-भर में दिन-रात बननेवाली तरह-तरह की ‘पॉप कल्चर’ के अनन्त रूप टीवी आदि माध्यमों के ज़रिए यहाँ भी पर्याप्त उपलब्ध रहते हैं। इन दिनों सभी समाज एक प्रकार के ‘सांस्कृतिक सरप्लस’ एवं ‘मिक्स’ में रहते हैं। भारतीय समाज में तो यह और भी ज़्यादा है। अपना समाज इन दिनों ‘सांस्कृतिक राजनीति’ के दौर में है। नए सांस्कृतिक मोड़ जीवन को गहरे प्रभावित करते हैं। नए-नए तनाव बिन्दु और संघर्ष के क्षण बनते रहते हैं। संस्कृति इस तरह एक नया ‘समरांगण’ है। 'पॉपुलर कल्चर' के अध्ययन इन्हें समझने में मदद करते हैं। आनेवाले दिनों में ‘सांस्कृतिक अध्ययन’ और भी निर्णायक बनेंगे।</p> <p>हिन्दी में तत्त्ववाद और कट्टरतावाद का वर्चस्व है। मनोरंजन को ‘पाप’ समझा जाता है। पॉप कल्चर को ‘पश्चिमी’, ‘साम्राज्यवादी’ अप-संस्कृति कहा जाता है। यह किताब इस समझ को निरस्त करती है। यह ‘पॉप कल्चर’ को एक ऐतिहासिक घटना मानकर उसके कुछ प्रमुख स्वरूपों, चिह्नों और घटनाओं का अध्ययन करती है।