
Abhinav Hindi Vyakaran
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
224
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
448 mins
Book Description
यह पुस्तक केवल पुस्तक ही नहीं है, बल्कि एक ऐसी व्याकरण अभ्यास-पुस्तिका है जिसे पढ़ने के बाद आप बख़ूबी समझ जाएँगे कि इसे आप तक पहुँचाने की आवश्यकता क्यों पड़ी। शिरोरेखा किसे कहते हैं; यह क्यों आवश्यक है; नुक्ता क्या है; बिन्दु-चन्द्रबिन्दु का प्रयोग कब-कब किया जाता है; श को कैसे-कब लिखा जाता है; ड/ड़ और ढ/ढ़; में क्या अन्तर है; वर्णमाला कैसे याद की जाए; बारहखड़ी से मात्राएँ किस प्रकार सीखी जा सकती हैं; संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया किसे कहते हैं; सन्धि क्या है; समास किसे कहते हैं?—आदि छोटे-छोटे बिन्दुओं की जानकारी के साथ पत्र लिखने की कला पर भी प्रकाश डाला गया है। व्याकरण को गणित के माध्यम से समझने और पढ़ने का तरीक़ा बताया गया है। जैसे—(1) संज्ञा के भेद—3; (2) सर्वनाम के—6 (3X2=6) (3) विशेषण के—4 (6-2=4) आदि। संविधान द्वारा स्वीकृत 18 भाषाओं को वर्ण वर्ग के हिसाब से 3,4,3,5,3 (=18) में बाँटा गया है। पुस्तक में सर्वत्र मानक वर्तनी का प्रयोग किया गया है।