Ram Sahitya Kosh : Vols. 1-2

Ram Sahitya Kosh : Vols. 1-2

Language:

Hindi

Pages:

798

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

1596 mins

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Book Description

यह कोश केवल एक सन्दर्भ कोश मात्र नहीं है। यह समग्र भारत की राष्ट्रीय रागात्मक एकता का स्वयं में बृहत्तर तथा व्यापक साक्ष्य है। आप कल्पना करें, उस कालखंड की, जब भारत की समृद्धि एवं अखंडता पर विदेश हमले शुरू हुए। प्रारम्भिक स्थिति में शक, हूण, किरात, खास आभीर, यूनानी शक्तियों के भारत पर हमले हुए, जिनमें से कुछ तो भाग गए और कुछ हम भारतीयों के बीच रहते हुए पूरी तरह से भारतीय बन गए। इन सबके बावजूद, हमारा अपना भारत अभी तक अपनी इसी सांस्कृतिक अडिगता का साक्ष्य है।</p> <p>लोकतांत्रिक व्यवस्था के बाद, हमारी सांस्कृतिक धरोहर देश की अस्मिता के ध्वज को एक बार फिर विश्वमंच पर फहराने लगी है और इसी आशा के साथ, आज समग्र भारत में शतियों-शतियों से सांस्कृतिक धरोहर बनी यह रामकथा 'राम साहित्य कोश' के रूप में आपके सामने रखी जा रही है। इस साहित्य कोश का उद्देश्य केवल भारतीयों के सामने समीक्षा कोश की प्रस्तुति का लक्ष्य नहीं है, अपितु इसके द्वारा यह सिद्ध करना लक्ष्य है कि राष्ट्रीय स्तर पर यह भारतीय संस्कृति, त्याग एवं शीलवादी आस्था बनकर हज़ारों-हज़ारों वर्षों से संचित आर्य संस्कारों की थाती हमें गहन-से-गहन संकटों में कैसे जीवित रहने के लिए संजीवनी शक्ति देती आ रही है। राम साहित्य कोश की इस प्रस्तुति का मन्तव्य भी यही है कि हम एक बार फिर अपनी भारतीय संस्कृति के त्यागवाद, परोपकारवाद, आस्थावादी अस्मिता को सबके सामने प्रस्तुत करके उन्हें इन मूल्यों से जोड़ने के लिए पुनः प्रेरित करें।

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